नई दिल्ली: जून में सोने की बिक्री पिछले साल के मुकाबले 60% गिरकर सिर्फ 35 टन रह गई। कोविड के बाद वॉल्यूम में वे सबसे बड़ी गिरावट है। इसकी वजह यह है कि ऊंची और उतार-चढ़ाव वाली कीमतों की वजह से ग्राहक सोने से दूर रहे। इंडिया बुलियन एंड जूलर्स असोसिएशन (IBJA) ने ये जानकारी दी है। जुलाई में भी सोने के दाम में उतार-चढ़ाव दिख रहा है। अभी कीमतों में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है। सोमवार को 10 ग्राम सोने के भाव में 600 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। मंगलवार को सोने का भाव 200 रुपये गिरकर 99,370 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
IBJA के नैशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ET को बताया कि हमें डिमांड में तुरंत कोई रिकवरी नहीं दिख रही है। देश भर में सोने के गहने बनाने वाली कई यूनिट्स ने अपना प्रोडक्शन लगभग आधा कर दिया है। उन्होंने कहा कि छोटे प्लेयर्स पर इसका असर पड़ रहा है। सोने के कारोबार के लिए ये काफी मुश्किल वक्त है। डिस्काउंट देने के बावजूद वॉल्यूम डिमांड बढ़ नहीं रही है।
क्यों बढ़ रही है सोने की कीमत
सोने के ट्रेड एनालिस्ट्स का कहना है कि कि इंटरनैशनल लेवल पर सोने के दाम लगातार ऊपर जा रहे हैं। इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की यूरोपियन यूनियन और मेक्सिको पर और टैरिफ लगाने की धमकी है इससे ट्रेड टेंशन फिर से बढ़ गई है। हालांकि, ट्रंप ने 1 अगस्त तक बातचीत का वक्त दिया है, लेकिन हालात के तेजी से बिगड़ने की आशंका ने रिस्क असेट्स को दबाव में रखा है। इससे निवेशक सोने जैसे सुरक्षित निवेश की तरफ रुख कर रहे हैं।
IBJA के सुरेंद्र मेहता का कहना है कि उनकी असोसिएशन ने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) से कई दौर की बातचीत की है, ताकि 9- कैरेट सोने के लिए भी हॉलमार्किंग की सुविधा शुरू की जा सके। उन्होंने कहा कि हमें BIS ने बताया है कि उन्होंने 9 कैरेट जूलरी के लिए हॉलमार्किंग का मॉडल तैयार कर लिया है। हमें उम्मीद है कि सरकार से हॉलमार्किंग के लिए जल्द ही हरी झंडी मिल जाएगी।
बिक्री बढ़ाने को 14 कैरेट का सहारा
दामों में भारी उछाल के बीच अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए जूलर्स अब 14 कैरेट सोने के गहनों को खूब बढ़ावा दे रहे हैं। दरअसल, जूलरी बनाने में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले 22 कैरेट सोने के मुकाबले 14 कैरेट के गहने सस्ते पड़ते हैं। इसकी वजह से ये जूलरी खरीदने वालों के लिए एक ज्यादा प्रैक्टिकल ऑप्शन बन गया है। ऑल इंडिया जेन एंड जूलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन राजेश रोकड़े का कहना है कि भारत में 14 कैरेट सोने की डिमांड बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ये ट्रेड आगे भी बढ़ेगा, क्योंकि हल्के वजन वाले गहनों की मांग बढ़ रही है। ये खूबसूरती तो देते हैं, लेकिन आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ते।
IBJA के नैशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ET को बताया कि हमें डिमांड में तुरंत कोई रिकवरी नहीं दिख रही है। देश भर में सोने के गहने बनाने वाली कई यूनिट्स ने अपना प्रोडक्शन लगभग आधा कर दिया है। उन्होंने कहा कि छोटे प्लेयर्स पर इसका असर पड़ रहा है। सोने के कारोबार के लिए ये काफी मुश्किल वक्त है। डिस्काउंट देने के बावजूद वॉल्यूम डिमांड बढ़ नहीं रही है।
क्यों बढ़ रही है सोने की कीमत
सोने के ट्रेड एनालिस्ट्स का कहना है कि कि इंटरनैशनल लेवल पर सोने के दाम लगातार ऊपर जा रहे हैं। इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की यूरोपियन यूनियन और मेक्सिको पर और टैरिफ लगाने की धमकी है इससे ट्रेड टेंशन फिर से बढ़ गई है। हालांकि, ट्रंप ने 1 अगस्त तक बातचीत का वक्त दिया है, लेकिन हालात के तेजी से बिगड़ने की आशंका ने रिस्क असेट्स को दबाव में रखा है। इससे निवेशक सोने जैसे सुरक्षित निवेश की तरफ रुख कर रहे हैं।
IBJA के सुरेंद्र मेहता का कहना है कि उनकी असोसिएशन ने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) से कई दौर की बातचीत की है, ताकि 9- कैरेट सोने के लिए भी हॉलमार्किंग की सुविधा शुरू की जा सके। उन्होंने कहा कि हमें BIS ने बताया है कि उन्होंने 9 कैरेट जूलरी के लिए हॉलमार्किंग का मॉडल तैयार कर लिया है। हमें उम्मीद है कि सरकार से हॉलमार्किंग के लिए जल्द ही हरी झंडी मिल जाएगी।
बिक्री बढ़ाने को 14 कैरेट का सहारा
दामों में भारी उछाल के बीच अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए जूलर्स अब 14 कैरेट सोने के गहनों को खूब बढ़ावा दे रहे हैं। दरअसल, जूलरी बनाने में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले 22 कैरेट सोने के मुकाबले 14 कैरेट के गहने सस्ते पड़ते हैं। इसकी वजह से ये जूलरी खरीदने वालों के लिए एक ज्यादा प्रैक्टिकल ऑप्शन बन गया है। ऑल इंडिया जेन एंड जूलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन राजेश रोकड़े का कहना है कि भारत में 14 कैरेट सोने की डिमांड बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ये ट्रेड आगे भी बढ़ेगा, क्योंकि हल्के वजन वाले गहनों की मांग बढ़ रही है। ये खूबसूरती तो देते हैं, लेकिन आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ते।
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