पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को ले कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम से शंखनाद करने तो जा रहे हैं, पर जिम्मेदारी का एक बड़ा सिरा उनके हाथ जा जुड़ा है। समस्तीपुर जिला राज्य के उन जिलों में शामिल है जहां महागठबंधन ने एनडीए की जीत के रथ को रोका है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की बात करें तो इस जिले के 10 विधानसभा में पांच एनडीए तो पांच महागठबंधन के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। इस तरह से समस्तीपुर में जीत का स्ट्राइक रेट 50: 50 रहा। बीजेपी के रणनीतिकारों की नजर समस्तीपुर जिले में विधायकों की संख्या बढ़ाना है। अब पीएम मोदी के शंखनाद का क्या असर होता है, वह तो चुनाव परिणाम के बाद सामने आएगा। पर जानिए किन चुनौतियों से जूझने आ रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी...
समस्तीपुर में NDA का कद
समस्तीपुर जिले की बात करें तो यहां NDA के उस स्लोगन को सपोर्ट मिल सकता है जिसमें हुंकार इस बात की है 2025 में NDA 225। समस्तीपुर की बात करें तो NDA को 10 में से पांच विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी। NDA के पास सीटिंग विधायक जिन विधानसभा क्षेत्रों से हैं उनमें सरायरंजन से जेडीयू के विजय चौधरी, वारिसनगर से जदयू के अशोक कुमार सिंह, कल्याणपुर से महेश्वर हजारी और बीजेपी के मोहिउद्दीनगर से राजेश सिंह और रोसड़ा से वीरेंद्र पासवान हैं।
NDA के हाथ जहां हार लगी
पांच विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने वाले NDA को पांच विधानसभा सीटों पर हार भी मिली। राजद ने अकेले चार सीटों पर जीत हासिल की है। इनमें हसनपुर से तेज प्रताप यादव, मोरवा से राजद के रणविजय साहू, उजियारपुर से आलोक मेहता और समस्तीपुर से अख्तरूल इस्लाम ने जीत हासिल की। विभूतिपुर से माले के अजय कुशवाहा ने जीत दर्ज की थी।
बेहतरी के साथ जीती हुई सीट बचाने की जंग
पीएम नरेंद्र मोदी की जनसभा के साथ ही समस्तीपुर जिले में जीती हुई सीट बचाने और हारी हुई सीटों पर जीत की चुनौती शुरू हो गई है। हसनपुर से इस बार जदयू ने अपने पुराने उम्मीदवार राजकुमार राय पर ही भरोसा किया है। जबकि राजद ने उम्मीदवार बदल कर माला पुष्पम पर दांव लगाया है। यहां के सीटिंग विधायक तेजप्रताप यादव ने राजद छोड़ जनशक्ति जनता दल बनाया है। मोरवा विधानसभा से भी जदयू ने अपने पुराने उम्मीदवार विद्यासागर निषाद को उतारा तो राजद ने भी रणविजय साहू पर ही भरोसा किया है। उजियारपुर विधानसभा में NDA ने अपने नए साथी दल के प्रशांत पंकज को उतारा है जबकि राजद ने अपनी सरकार में भूमि सुधार मंत्री रहे आलोक मेहता को चुनावी जंग में उतारा है। समस्तीपुर से भी जदयू ने अश्वमेघ देवी पर भरोसा किया है तो राजद ने भी अख्तरूल इस्लाम पर। विभूतिपुर से जरुर जदयू ने जीत के लिए उम्मीदवार बदल कर इस बार रवीना कुशवाहा को उतारा है जबकि माले ने सीटिंग विधायक अजय कुशवाहा को ही उतारा है।
समस्तीपुर में NDA का कद
समस्तीपुर जिले की बात करें तो यहां NDA के उस स्लोगन को सपोर्ट मिल सकता है जिसमें हुंकार इस बात की है 2025 में NDA 225। समस्तीपुर की बात करें तो NDA को 10 में से पांच विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी। NDA के पास सीटिंग विधायक जिन विधानसभा क्षेत्रों से हैं उनमें सरायरंजन से जेडीयू के विजय चौधरी, वारिसनगर से जदयू के अशोक कुमार सिंह, कल्याणपुर से महेश्वर हजारी और बीजेपी के मोहिउद्दीनगर से राजेश सिंह और रोसड़ा से वीरेंद्र पासवान हैं।
NDA के हाथ जहां हार लगी
पांच विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने वाले NDA को पांच विधानसभा सीटों पर हार भी मिली। राजद ने अकेले चार सीटों पर जीत हासिल की है। इनमें हसनपुर से तेज प्रताप यादव, मोरवा से राजद के रणविजय साहू, उजियारपुर से आलोक मेहता और समस्तीपुर से अख्तरूल इस्लाम ने जीत हासिल की। विभूतिपुर से माले के अजय कुशवाहा ने जीत दर्ज की थी।
बेहतरी के साथ जीती हुई सीट बचाने की जंग
पीएम नरेंद्र मोदी की जनसभा के साथ ही समस्तीपुर जिले में जीती हुई सीट बचाने और हारी हुई सीटों पर जीत की चुनौती शुरू हो गई है। हसनपुर से इस बार जदयू ने अपने पुराने उम्मीदवार राजकुमार राय पर ही भरोसा किया है। जबकि राजद ने उम्मीदवार बदल कर माला पुष्पम पर दांव लगाया है। यहां के सीटिंग विधायक तेजप्रताप यादव ने राजद छोड़ जनशक्ति जनता दल बनाया है। मोरवा विधानसभा से भी जदयू ने अपने पुराने उम्मीदवार विद्यासागर निषाद को उतारा तो राजद ने भी रणविजय साहू पर ही भरोसा किया है। उजियारपुर विधानसभा में NDA ने अपने नए साथी दल के प्रशांत पंकज को उतारा है जबकि राजद ने अपनी सरकार में भूमि सुधार मंत्री रहे आलोक मेहता को चुनावी जंग में उतारा है। समस्तीपुर से भी जदयू ने अश्वमेघ देवी पर भरोसा किया है तो राजद ने भी अख्तरूल इस्लाम पर। विभूतिपुर से जरुर जदयू ने जीत के लिए उम्मीदवार बदल कर इस बार रवीना कुशवाहा को उतारा है जबकि माले ने सीटिंग विधायक अजय कुशवाहा को ही उतारा है।
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