शाहरुख खान, रणवीर सिंह, कृति सैनन जैसे मशहूर बॉलीवुड सितारों की तस्वीरें खींचने वाले फोटोग्राफर शेल्डन सैंटोस अपने भाई की हत्या को लेकर चर्चा में हैं। 14 साल पहले उनके भाई और भाई के एक दोस्त को छेड़छाड़ का विरोध करने पर मौत के घाट उतार दिया गया था। दोनों अपनी दोस्त को बचा रहे थे, लेकिन चार आरोपियों ने कीनन और रुबेन की ही हत्या कर दी।
ऐसे में छेड़छाड़ के विरोध को लेकर हुई दो दोस्तों की हत्या का मामला देशभर में काफी चर्चा में रहा। जिसके बाद 6 साल तक संघर्ष करने के बाद 2016 में ट्रायल कोर्ट ने चार आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। लेकिन, अब आरोपियों ने 9 साल बाद हाई कोर्ट में अपनी सजा को चुनौती दी। ऐसे में आज आखिरी सुनवाई है और अपने भाई के हत्यारों की सजा को बरकरार रखने की शेल्डन की कोशिशें जारी हैं।
सीएम का मिला साथ
आरोपी इस मामले से रफादफा होना चाहते हैं और इसलिए उन्होंने अपनी अर्जी कोर्ट में लगाई, लेकिन पीड़ितों को महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस का साथ मिला। ऐसे में अब 14 साल बाद आज (16 जुलाई) केस की बॉम्बे हाई कोर्ट में फाइनल हियरिंग होने वाले है। जिसका खबर लिखे जाने तक फैसला सामना नहीं आया।
जानिए क्या था मामला ?
20 अक्टूबर, 2011 को मुंबई के अंधेरी वेस्ट के अंबोली इलाके में रात के दस बजे एक पान की दुकान के बाहर कीनन और रूबेन की आरोपियों से झड़प हुई। वे उनकी महिला मित्र के साथ बदतमीजी कर रहे थे और ऐसे में कीनन- रूबेल अपनी दोस्त को बदमाशों की छेड़खानी से बचाने की कोशिश करने लगे। लेकिन, उन्होंने मिलकर दोनों की ही हत्या कर दी।
मैगजीन की एडिटर थी लड़की
जिस लड़की के साथ छेड़छाड़ हुई वो एक मैगजीन की एडिटर थी, जिसके साथ उसी मैगजीन की को- फाउंडर महिला भी मौजूद थी। जिन्हें बचाते हुए ही कीनन और रूबेल की मौत हो गई। जिसके बाद 23 अक्टूबर को चारों दोषी सुनील बोध, सतीश धुलज, जीतेंद्र राणा और दीपक तिवाल को गिरफ्तार किया गया।
छह साल की लड़ाई के बाद मिली थी सजा
मामला काफी गंभीर था इसलिए देशभर में इसकी आलोचना हुई। जिसके बाद एक विशेष अदालत ने चारों आरोपियों को हत्या का दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं, सजा मिलने के कुछ वर्षों बाद ही आरोपियों ने बॉम्बे हाई कोर्ट ने सजा को चुनौती देते हुए अपील दायर की। जिसमें उनका तर्क था कि हत्या का स्पष्ट मकसद मामले में नहीं किया गया। जनवरी 2025 में जितेंद्र राणा ने भी जमानत मांगी, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। इसके बाद मामले को उसने सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की कोशिश की, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसे जमानत देने से ही इनकार कर दिया।
ऐसे में छेड़छाड़ के विरोध को लेकर हुई दो दोस्तों की हत्या का मामला देशभर में काफी चर्चा में रहा। जिसके बाद 6 साल तक संघर्ष करने के बाद 2016 में ट्रायल कोर्ट ने चार आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। लेकिन, अब आरोपियों ने 9 साल बाद हाई कोर्ट में अपनी सजा को चुनौती दी। ऐसे में आज आखिरी सुनवाई है और अपने भाई के हत्यारों की सजा को बरकरार रखने की शेल्डन की कोशिशें जारी हैं।
सीएम का मिला साथ
आरोपी इस मामले से रफादफा होना चाहते हैं और इसलिए उन्होंने अपनी अर्जी कोर्ट में लगाई, लेकिन पीड़ितों को महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस का साथ मिला। ऐसे में अब 14 साल बाद आज (16 जुलाई) केस की बॉम्बे हाई कोर्ट में फाइनल हियरिंग होने वाले है। जिसका खबर लिखे जाने तक फैसला सामना नहीं आया।
जानिए क्या था मामला ?
20 अक्टूबर, 2011 को मुंबई के अंधेरी वेस्ट के अंबोली इलाके में रात के दस बजे एक पान की दुकान के बाहर कीनन और रूबेन की आरोपियों से झड़प हुई। वे उनकी महिला मित्र के साथ बदतमीजी कर रहे थे और ऐसे में कीनन- रूबेल अपनी दोस्त को बदमाशों की छेड़खानी से बचाने की कोशिश करने लगे। लेकिन, उन्होंने मिलकर दोनों की ही हत्या कर दी।
मैगजीन की एडिटर थी लड़की
जिस लड़की के साथ छेड़छाड़ हुई वो एक मैगजीन की एडिटर थी, जिसके साथ उसी मैगजीन की को- फाउंडर महिला भी मौजूद थी। जिन्हें बचाते हुए ही कीनन और रूबेल की मौत हो गई। जिसके बाद 23 अक्टूबर को चारों दोषी सुनील बोध, सतीश धुलज, जीतेंद्र राणा और दीपक तिवाल को गिरफ्तार किया गया।
छह साल की लड़ाई के बाद मिली थी सजा
मामला काफी गंभीर था इसलिए देशभर में इसकी आलोचना हुई। जिसके बाद एक विशेष अदालत ने चारों आरोपियों को हत्या का दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं, सजा मिलने के कुछ वर्षों बाद ही आरोपियों ने बॉम्बे हाई कोर्ट ने सजा को चुनौती देते हुए अपील दायर की। जिसमें उनका तर्क था कि हत्या का स्पष्ट मकसद मामले में नहीं किया गया। जनवरी 2025 में जितेंद्र राणा ने भी जमानत मांगी, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। इसके बाद मामले को उसने सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की कोशिश की, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसे जमानत देने से ही इनकार कर दिया।
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