नई दिल्ली : एक महीने बाद मिग-21 फाइटर जेट ऑपरेशनल रोल से पूरी तरह बाहर हो जाएंगे और इतिहास का हिस्सा बन जाएंगे। मिग-21 की विदाई से पहले इंडियन एयरफोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने आखिरी बार मिग- 21 उड़ाया। पिछले हफ्ते राजस्थान के नाल एयरफील्ड से एयरफोर्स चीफ ने इसमें उड़ान भरी। अभी एयरफोर्स के पास मिग-21 की दो स्क्वॉड्रन बची हैं, दोनों ही नाल में हैं। अगले महीने चंडीगढ़ में इन्हें आखिरी विदाई दी जाएगी।
6 दशक तक वायुसेना मे सेवा एयरफोर्स में छह दशक तक सेवा देने के बाद अब मिग- 21 का इतिहास में दर्ज होने का समय आ गया है। इन्हें विदाई देने के लिए एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इसे उड़ाया, इसी फाइटर जेट में उन्होंने अपनी पहली ट्रेनिंग भी ली थी। तब 1985 में उन्होंने पहली बार मिग-21 में ऑपरेशनल शॉर्टी (उड़ान) ली थी। इस बार भी मिग-21 उड़ाने से पहले एयर चीफ ने वही ट्रेनिंग फिर से ली। उन्होंने पहले इसकी पढ़ाई की, फिर ड्यूल फ्लाइंग (ट्रेनर के साथ उड़ाया) की, फिर सोलो उड़ान (अकेले उड़ाया) भरी। पहले दिन उन्होंने ये ट्रेनिंग ली और दूसरे दिन अकेले मिग-21 उड़ाया। उन्होंने एक ट्रेनिंग शॉर्टी भरी और 3 से 4 सोलो शॉर्टी भरी। हर शॉर्टी करीब 40 मिनट की थी।
ये चीफ भी उड़ा चुके हैं मिग-21पूर्व एयरफोर्स चीफ आरके एस भदौरिया ने अपने रिटायरमेंट से करीब 15 दिन पहले मिग-21 में उड़ान भरी थी। उन्होंने 13 सितंबर 2021 को मिग-21 उड़ाया। भदौरिया ने हलवारा स्थित 23 स्क्वाड्रन में एयरफोर्स प्रमुख के तौर पर अपनी आखिरी उड़ान भरी। उनका फ्लाइंग करियर इसी ‘पैंथर्स’ स्क्वाड्रन से मिग-21 उड़ाते हुए शुरू हुआ था और उसी स्क्वाड्रन के उसी एयरबेस पर उसी फाइटर जेट के साथ पूरा हुआ।
इससे पहले पूर्व एयरफोर्स टीफ बीएस धनोआ ने भी अपने रिटायरमेंट से पहले सितंबर 2019 में उस वक्त के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ मिग-21 के दो-सीटर वर्ज़न में उड़ान भरी। एयर चीफ मार्शल धनोआ ने 1999 के करगिल युद्ध में फ्रंटलाइन ग्राउंड अटैक स्क्वाड्रन की कमान संभाली थी। सितंबर 2019 में एयर चीफ मार्शल धनोआ की मिग-21 पर आखिरी उड़ान थी। धनोआ ने मई 2019 में एयर चीफ रहते करगिल युद्ध में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा को श्रद्धांजलि देने के लिए मिग-21 से ‘मिसिंग मैन’ फॉर्मेशन में उड़ान भरी थी। तब उन्होंने मिग-21 टाइप 96 विमान उड़ाया। जनवरी 2017 में भी एयर चीफ मार्शल धनोआ ने उत्तरलाई एयबेस से सिंगल सीटर मिग-21 से उड़ान भरी। उससे पहले किसी एयरफोर्स चीफ ने मिग-21 पर अकेले उड़ान 2000-2001 में भरी थी। उस वक्त एयर चीफ मार्शल ए.वाई. टिपनिस (सेवानिवृत्त) ने बरेली और चंडीगढ़ से मिग-21 में उड़ानें भरी थीं ताकि ये संदेश दे सकें कि डेल्टा-विंग वाले ये फाइटर जेट उड़ान के लिए पूरी तरह सक्षम हैं। ये वो दौर था जब मिग- 21 के लगातार कई एक्सीडेंट्स के बाद उन्हें फ्लाइंग कॉफिन कहा जा रहा था।
6 दशक तक वायुसेना मे सेवा एयरफोर्स में छह दशक तक सेवा देने के बाद अब मिग- 21 का इतिहास में दर्ज होने का समय आ गया है। इन्हें विदाई देने के लिए एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इसे उड़ाया, इसी फाइटर जेट में उन्होंने अपनी पहली ट्रेनिंग भी ली थी। तब 1985 में उन्होंने पहली बार मिग-21 में ऑपरेशनल शॉर्टी (उड़ान) ली थी। इस बार भी मिग-21 उड़ाने से पहले एयर चीफ ने वही ट्रेनिंग फिर से ली। उन्होंने पहले इसकी पढ़ाई की, फिर ड्यूल फ्लाइंग (ट्रेनर के साथ उड़ाया) की, फिर सोलो उड़ान (अकेले उड़ाया) भरी। पहले दिन उन्होंने ये ट्रेनिंग ली और दूसरे दिन अकेले मिग-21 उड़ाया। उन्होंने एक ट्रेनिंग शॉर्टी भरी और 3 से 4 सोलो शॉर्टी भरी। हर शॉर्टी करीब 40 मिनट की थी।
ये चीफ भी उड़ा चुके हैं मिग-21पूर्व एयरफोर्स चीफ आरके एस भदौरिया ने अपने रिटायरमेंट से करीब 15 दिन पहले मिग-21 में उड़ान भरी थी। उन्होंने 13 सितंबर 2021 को मिग-21 उड़ाया। भदौरिया ने हलवारा स्थित 23 स्क्वाड्रन में एयरफोर्स प्रमुख के तौर पर अपनी आखिरी उड़ान भरी। उनका फ्लाइंग करियर इसी ‘पैंथर्स’ स्क्वाड्रन से मिग-21 उड़ाते हुए शुरू हुआ था और उसी स्क्वाड्रन के उसी एयरबेस पर उसी फाइटर जेट के साथ पूरा हुआ।
इससे पहले पूर्व एयरफोर्स टीफ बीएस धनोआ ने भी अपने रिटायरमेंट से पहले सितंबर 2019 में उस वक्त के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ मिग-21 के दो-सीटर वर्ज़न में उड़ान भरी। एयर चीफ मार्शल धनोआ ने 1999 के करगिल युद्ध में फ्रंटलाइन ग्राउंड अटैक स्क्वाड्रन की कमान संभाली थी। सितंबर 2019 में एयर चीफ मार्शल धनोआ की मिग-21 पर आखिरी उड़ान थी। धनोआ ने मई 2019 में एयर चीफ रहते करगिल युद्ध में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा को श्रद्धांजलि देने के लिए मिग-21 से ‘मिसिंग मैन’ फॉर्मेशन में उड़ान भरी थी। तब उन्होंने मिग-21 टाइप 96 विमान उड़ाया। जनवरी 2017 में भी एयर चीफ मार्शल धनोआ ने उत्तरलाई एयबेस से सिंगल सीटर मिग-21 से उड़ान भरी। उससे पहले किसी एयरफोर्स चीफ ने मिग-21 पर अकेले उड़ान 2000-2001 में भरी थी। उस वक्त एयर चीफ मार्शल ए.वाई. टिपनिस (सेवानिवृत्त) ने बरेली और चंडीगढ़ से मिग-21 में उड़ानें भरी थीं ताकि ये संदेश दे सकें कि डेल्टा-विंग वाले ये फाइटर जेट उड़ान के लिए पूरी तरह सक्षम हैं। ये वो दौर था जब मिग- 21 के लगातार कई एक्सीडेंट्स के बाद उन्हें फ्लाइंग कॉफिन कहा जा रहा था।
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