मुंबई: मुंबई में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) के बीच 'वंदे मातरम' को लेकर शुक्रवार को तीखी बयानबाजी हुई। बीजेपी विधायक अमित साटम ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए कहा कि भारत में रहने वालों को 'वंदे मातरम' गाना ही होगा। वहीं, आजमी ने धार्मिक आधार पर राष्ट्रगान गाने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता और वे दबाव बनाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
क्यों हुआ विरोध-प्रदर्शन?
दरअसल दक्षिण मुंबई के कोलाबा में यह प्रदर्शन तब किया गया जब अबू आजमी ने ‘वंदे मातरम’ के 150वां साल मनाने की योजना का विरोध किया। बीजेपी ने पूरे महानगर में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ में सामूहिक गायन की योजना बनाई है। बीजेपी विधायक अमित साटम ने पत्रकारों से कहा कि मुझे लगा था कि आजमी वंदे मातरम का सम्मान करेंगे और अपने घर से निकलकर हमारे साथ शामिल होंगे। दुर्भाग्य से वह नहीं आए। वंदे मातरम देशभक्ति का प्रतीक है और इस गीत के 150 साल पूरे होने पर हम अलग-अलग स्थानों पर इसका गायन कर रहे हैं।
हर सच्चे नागरिक को गर्व से वंदे मातरम् कहना चाहिए
उन्होंने सपा विधायक का साफ हवाला देते हुए कहा कि हम कुछ लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि अगर उन्हें इस देश में रहना है तो उन्हें वंदे मातरम् कहना होगा। साटम ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के हर सच्चे नागरिक को गर्व से वंदे मातरम् कहना चाहिए। कोलाबा में साटम के अलावा विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और राज्य मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा समेत बीजेपी नेता और पार्टी कार्यकर्ता बांद्रा में आजमी के घर के बाहर एकत्र हुए एवं राष्ट्रीय गीत गाया।
अबू आजमी ने क्या कहा?
विरोध प्रदर्शन के तुरंत बाद मुंबई के मानखुर्द शिवाजीनगर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक आजमी ने एक वीडियो संदेश के जरिए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। आजमी ने दावा किया कि अदालत का आदेश है कि किसी को भी ‘वंदे मातरम’ गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे जो उन्हें यह गीत गाने के लिए धमका रहे हैं और दबाव बना रहे हैं।
मैं किसी और चीज़ के आगे नहीं झुक सकता-आजमी
सपा विधायक ने कहा कि मेरे धर्म के अनुसार, अल्लाह ही दुनिया की हर चीज़ का रचयिता है। इसलिए, मैं किसी और चीज़ के आगे नहीं झुक सकता। अलग-अलग धर्मों के लोग मिट्टी, सांप, सूरज और दूसरी चीज़ों के आगे झुकते हैं। मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘शरिया’ और अल्लाह में विश्वास करने वाले मुसलमान किसी अन्य सत्ता या व्यक्ति को अल्लाह के समान नहीं मानेंगे क्योंकि यह पाप है।
भारत जलाओ पार्टी है बीजेपी-आजमी
बीजेपी को ‘भारत जलाओ पार्टी’ करार देते हुए आजमी ने कहा कि वे लोग (भाजपा वाले) नफरत के पुजारी हैं और देश को धर्म के आधार पर बांटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे (भाजपा के लोग) मुसलमानों को दबाना और कमजोर करना चाहते हैं। क्या मैं आपसे नमाज पढ़ने को कहूंगा? मुसलमान सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं, जमीन और सूरज की नहीं।
कब लिखा गया था वंदे मातरम?
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान युद्धघोष के रूप में प्रयुक्त यह लोकप्रिय गीत बंकिम चंद्र चटर्जी की ओर से सात नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के अवसर पर लिखा गया था। वंदे मातरम को 1950 में संविधान सभा द्वारा भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया था।
क्यों हुआ विरोध-प्रदर्शन?
दरअसल दक्षिण मुंबई के कोलाबा में यह प्रदर्शन तब किया गया जब अबू आजमी ने ‘वंदे मातरम’ के 150वां साल मनाने की योजना का विरोध किया। बीजेपी ने पूरे महानगर में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ में सामूहिक गायन की योजना बनाई है। बीजेपी विधायक अमित साटम ने पत्रकारों से कहा कि मुझे लगा था कि आजमी वंदे मातरम का सम्मान करेंगे और अपने घर से निकलकर हमारे साथ शामिल होंगे। दुर्भाग्य से वह नहीं आए। वंदे मातरम देशभक्ति का प्रतीक है और इस गीत के 150 साल पूरे होने पर हम अलग-अलग स्थानों पर इसका गायन कर रहे हैं।
बार-बार हमने यह कहा है कि ‘वंदे मातरम’ का हमें कोई विरोध नहीं है — जो भी उसे गाना चाहता है, वह पूरी आज़ादी से गा सकता है। लेकिन ‘वंदे मातरम’ में कुछ शब्द हमारी आस्था के खिलाफ हैं, इसलिए हम उसे नहीं गा सकते — और ऐसा न गाने का अधिकार हमें हमारे देश के संविधान ने दिया है।
— Abu Asim Azmi (@abuasimazmi) November 7, 2025
लेकिन यह… pic.twitter.com/iOksJ0XiqV
हर सच्चे नागरिक को गर्व से वंदे मातरम् कहना चाहिए
उन्होंने सपा विधायक का साफ हवाला देते हुए कहा कि हम कुछ लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि अगर उन्हें इस देश में रहना है तो उन्हें वंदे मातरम् कहना होगा। साटम ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के हर सच्चे नागरिक को गर्व से वंदे मातरम् कहना चाहिए। कोलाबा में साटम के अलावा विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और राज्य मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा समेत बीजेपी नेता और पार्टी कार्यकर्ता बांद्रा में आजमी के घर के बाहर एकत्र हुए एवं राष्ट्रीय गीत गाया।
अबू आजमी ने क्या कहा?
विरोध प्रदर्शन के तुरंत बाद मुंबई के मानखुर्द शिवाजीनगर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक आजमी ने एक वीडियो संदेश के जरिए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। आजमी ने दावा किया कि अदालत का आदेश है कि किसी को भी ‘वंदे मातरम’ गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे जो उन्हें यह गीत गाने के लिए धमका रहे हैं और दबाव बना रहे हैं।
मैं किसी और चीज़ के आगे नहीं झुक सकता-आजमी
सपा विधायक ने कहा कि मेरे धर्म के अनुसार, अल्लाह ही दुनिया की हर चीज़ का रचयिता है। इसलिए, मैं किसी और चीज़ के आगे नहीं झुक सकता। अलग-अलग धर्मों के लोग मिट्टी, सांप, सूरज और दूसरी चीज़ों के आगे झुकते हैं। मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘शरिया’ और अल्लाह में विश्वास करने वाले मुसलमान किसी अन्य सत्ता या व्यक्ति को अल्लाह के समान नहीं मानेंगे क्योंकि यह पाप है।
भारत जलाओ पार्टी है बीजेपी-आजमी
बीजेपी को ‘भारत जलाओ पार्टी’ करार देते हुए आजमी ने कहा कि वे लोग (भाजपा वाले) नफरत के पुजारी हैं और देश को धर्म के आधार पर बांटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे (भाजपा के लोग) मुसलमानों को दबाना और कमजोर करना चाहते हैं। क्या मैं आपसे नमाज पढ़ने को कहूंगा? मुसलमान सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं, जमीन और सूरज की नहीं।
कब लिखा गया था वंदे मातरम?
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान युद्धघोष के रूप में प्रयुक्त यह लोकप्रिय गीत बंकिम चंद्र चटर्जी की ओर से सात नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के अवसर पर लिखा गया था। वंदे मातरम को 1950 में संविधान सभा द्वारा भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया था।
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