नई दिल्लीः संसद के मॉनसून सत्र से पहले विपक्षी दल एकजुट होकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने 19 जुलाई को INDIA गठबंधन की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। सोनिया गांधी इस बैठक का नेतृत्व करेंगी। इस बैठक का मकसद विपक्षी एकता दिखाना और सरकार को घेरने के लिए एक ठोस रणनीति बनाना है।
विपक्ष को गोलबंद करने में जुटी कांग्रेस कांग्रेस सभी विपक्षी दलों को इस बैठक में शामिल करने की कोशिश कर रही है। वे साझा मुद्दों पर सहमति बनाने और संसद में सरकार से जवाब मांगने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, दिल्ली चुनाव के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच दूरियां बढ़ने के कारण, उसके इस बैठक से दूर रहने की संभावना है।
विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश मेंसंसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इससे पहले विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश में हैं। कांग्रेस ने पहले ही बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण पर सवाल उठाए हैं। अब मॉनसून सत्र के दौरान भी यह मुद्दा उठ सकता है।
बैठक में विपक्षी दलों की रणनीति पर चर्चा होगीमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस पार्टी विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगी है। 19 जुलाई को होने वाली बैठक में विपक्षी दलों की रणनीति पर चर्चा होगी। वे संसद में सरकार को जवाबदेह बनाने और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर बात करेंगे। सोनिया गांधी की मौजूदगी से इस बैठक को एकता का संदेश मिलेगा।
संभावित असहमति को पहले ही सुलझाने की कोशिशकांग्रेस चाहती है कि मॉनसून सत्र से पहले ही विपक्ष का एक साझा एजेंडा बन जाए। इससे संसद में सरकार को मुद्दों पर घेरा जा सकेगा। सिर्फ नारे लगाने या विरोध करने से कुछ नहीं होगा। इसलिए, पार्टी ने मुद्दों को ध्यान से चुना है और संभावित असहमति को पहले ही सुलझाने की कोशिश कर रही है।
विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगाकांग्रेस ने INDIA ब्लॉक के दलों से बात करके कुछ राष्ट्रीय मुद्दे चुने हैं। इन मुद्दों पर सभी दलों की सहमति है। विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगा। सूत्रों के अनुसार, पहलगाम की हालिया घटनाएं, ऑपरेशन सिंदूर और डोनाल्ड ट्रंप के पीएम मोदी को लेकर किए गए कथित दावे मुख्य मुद्दे हैं। विपक्ष इन तीनों मुद्दों पर सरकार से जवाब चाहता है।
कांग्रेस की संसदीय रणनीतिक समिति की बैठक में कुछ और मुद्दे भी तय किए गए हैं। इन मुद्दों को भी विपक्षी दलों को बता दिया गया है। लेकिन कांग्रेस ने कहा है कि वह किसी भी मुद्दे को थोपना नहीं चाहती है। पार्टी का रवैया लचीला है और वह सहयोगी दलों के सुझावों को भी शामिल करने के लिए तैयार है।
आम आदमी पार्टी मीटिंग से रहेगी दूरहालांकि, इस बैठक में AAP के शामिल होने की संभावना कम है। दिल्ली चुनाव के बाद कांग्रेस और AAP साथ नहीं दिखना चाहते। कांग्रेस भी उसे न्योता नहीं देना चाहती और AAP भी ऐसी बैठक में शामिल नहीं होना चाहती जिसमें कांग्रेस हो। इसका मुख्य कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और AAP के बीच बढ़ी राजनीतिक दूरी है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस भी AAP को बैठक के लिए औपचारिक न्योता नहीं देना चाहती। दूसरी ओर, AAP भी किसी ऐसे मंच पर शामिल नहीं होना चाहती जहां कांग्रेस की अगुवाई हो। इस दूरी के पीछे चुनावी रणनीति और एक दूसरे पर अविश्वास का बड़ा योगदान है।
विपक्ष को गोलबंद करने में जुटी कांग्रेस कांग्रेस सभी विपक्षी दलों को इस बैठक में शामिल करने की कोशिश कर रही है। वे साझा मुद्दों पर सहमति बनाने और संसद में सरकार से जवाब मांगने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, दिल्ली चुनाव के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच दूरियां बढ़ने के कारण, उसके इस बैठक से दूर रहने की संभावना है।
विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश मेंसंसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इससे पहले विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश में हैं। कांग्रेस ने पहले ही बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण पर सवाल उठाए हैं। अब मॉनसून सत्र के दौरान भी यह मुद्दा उठ सकता है।
बैठक में विपक्षी दलों की रणनीति पर चर्चा होगीमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस पार्टी विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगी है। 19 जुलाई को होने वाली बैठक में विपक्षी दलों की रणनीति पर चर्चा होगी। वे संसद में सरकार को जवाबदेह बनाने और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर बात करेंगे। सोनिया गांधी की मौजूदगी से इस बैठक को एकता का संदेश मिलेगा।
संभावित असहमति को पहले ही सुलझाने की कोशिशकांग्रेस चाहती है कि मॉनसून सत्र से पहले ही विपक्ष का एक साझा एजेंडा बन जाए। इससे संसद में सरकार को मुद्दों पर घेरा जा सकेगा। सिर्फ नारे लगाने या विरोध करने से कुछ नहीं होगा। इसलिए, पार्टी ने मुद्दों को ध्यान से चुना है और संभावित असहमति को पहले ही सुलझाने की कोशिश कर रही है।
विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगाकांग्रेस ने INDIA ब्लॉक के दलों से बात करके कुछ राष्ट्रीय मुद्दे चुने हैं। इन मुद्दों पर सभी दलों की सहमति है। विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगा। सूत्रों के अनुसार, पहलगाम की हालिया घटनाएं, ऑपरेशन सिंदूर और डोनाल्ड ट्रंप के पीएम मोदी को लेकर किए गए कथित दावे मुख्य मुद्दे हैं। विपक्ष इन तीनों मुद्दों पर सरकार से जवाब चाहता है।
कांग्रेस की संसदीय रणनीतिक समिति की बैठक में कुछ और मुद्दे भी तय किए गए हैं। इन मुद्दों को भी विपक्षी दलों को बता दिया गया है। लेकिन कांग्रेस ने कहा है कि वह किसी भी मुद्दे को थोपना नहीं चाहती है। पार्टी का रवैया लचीला है और वह सहयोगी दलों के सुझावों को भी शामिल करने के लिए तैयार है।
आम आदमी पार्टी मीटिंग से रहेगी दूरहालांकि, इस बैठक में AAP के शामिल होने की संभावना कम है। दिल्ली चुनाव के बाद कांग्रेस और AAP साथ नहीं दिखना चाहते। कांग्रेस भी उसे न्योता नहीं देना चाहती और AAP भी ऐसी बैठक में शामिल नहीं होना चाहती जिसमें कांग्रेस हो। इसका मुख्य कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और AAP के बीच बढ़ी राजनीतिक दूरी है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस भी AAP को बैठक के लिए औपचारिक न्योता नहीं देना चाहती। दूसरी ओर, AAP भी किसी ऐसे मंच पर शामिल नहीं होना चाहती जहां कांग्रेस की अगुवाई हो। इस दूरी के पीछे चुनावी रणनीति और एक दूसरे पर अविश्वास का बड़ा योगदान है।
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