कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर के चर्चित वकील अखिलेश दुबे से करीबी और 100 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति के आरोपों में फंसे निलंबित सीओ (DSP) ऋषिकांत शुक्ला ने अब सामने आकर सफाई दी है। उन्होंने मंगलवार देर रात वीडियो जारी कर खुद को निर्दोष बताया। ऋषिकांत शुक्ला ने कहा कि यह सब कुछ अपराधिक तत्वों और उनके सहयोगियों की साजिश है। उन्होंने उनके खिलाफ झूठा प्रचार किया है। उन्होंने कहा कि मेरी संपत्ति को बढ़ाकर बताया गया है। मेरे पास चार-पांच करोड़ की संपत्ति है। वह भी मेरी पैतृक संपत्ति है। साथ ही, उन्होंने कंपनी के मामले में भी सफाई दी है।
अखिलेश दुबे पर दिया बयानवीडियो में ऋषिकांत शुक्ला ने कहा कि कानपुर में तैनाती के दौरान उन्होंने अधिवक्ता अखिलेश दुबे से केवल कानूनी सलाह ली थी। उनके साथ किसी कंस्ट्रक्शन कंपनी में साझेदारी या आर्थिक लेनदेन नहीं हुआ। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके बेटे के नाम पर बताई जा रही 33 कंपनियों की बात पूरी तरह झूठी है। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे के नाम से किसी भी कंपनी का पंजीकरण नहीं है, न ही मेरे परिवार के किसी सदस्य की कोई निजी फर्म या व्यापार है।
संपत्ति को बताया पैतृकनिलंबित DSP ने कहा कि उनके पास जो भी संपत्ति है, वह पैतृक संपत्ति है। उसकी अनुमानित कीमत चार से पांच करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुझे 100 करोड़ की कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाने वाला बताया जा रहा है, जबकि यह सब निराधार है। मेरे खिलाफ झूठे आंकड़े पेश किए जा रहे हैं ताकि मेरी छवि को धूमिल किया जा सके।
कार्रवाई का ले रहे बदलाऋषिकांत शुक्ला ने कहा कि उन्होंने कानपुर में अपने कार्यकाल के दौरान कई कुख्यात अपराधियों और माफिया गैंगों पर कार्रवाई की थी। इनमें डी-टू गैंग, जो तीन दशक से सक्रिय था, भी शामिल है। उन्होंने कहा कि मैंने डी-टू गैंग का पूरी तरह सफाया किया था। मुन्ना बजरंगी गैंग के कई शूटर्स को मुठभेड़ में मार गिराया। अब वही माफिया और उनके समर्थक मुझे फंसाने की साजिश कर रहे हैं।
झूठी रिपोर्ट तैयार कराने का आरोपऋषिकांत शुक्ला ने एक व्यक्ति मनोहर शुक्ला पर भी आरोप लगाया कि वह उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट तैयार करवा रहा है। उन्होंने कहा कि मनोहर शुक्ला कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला का नजदीकी रहा है। उसकी ओर से किए जा रहे सभी दावे निराधार हैं। उसे एसआईटी जांच की कोई जानकारी नहीं है, फिर भी वह मीडिया में भ्रामक बातें फैला रहा है।
कमिश्नर को गुमराह करने का आरोपऋषिकांत शुक्ला ने कहा कि एसआईटी जांच की पूरी जानकारी उन्हें नहीं दी गई और पूर्व पुलिस आयुक्त अखिल कुमार को भ्रामक जानकारी देकर गुमराह किया गया। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें सुनवाई का मौका दिया जाता तो वे खुद जाकर तथ्य स्पष्ट करते। उन्होंने कहा कि मुझे अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर पूरा भरोसा है। जहां भी बुलाया जाएगा, मैं उपस्थित होकर अपना पक्ष रखूंगा।
दोस्त देवेंद्र दुबे ने भी दी सफाईऋषिकांत शुक्ला के दोस्त देवेंद्र दुबे ने भी एक वीडियो जारी कर खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि ऋषिकांत शुक्ला मेरे बचपन के दोस्त हैं और आगे भी रहेंगे। हमारे बीच जो लेनदेन बताए जा रहे हैं, वे गलत हैं। अगर जांच एजेंसियां चाहें तो रजिस्ट्री ऑफिस से सभी कागजात जांच सकती हैं। हम पूरी तरह कानूनी जांच के लिए तैयार हैं।
शाही शादी पर उठे सवालों का जवाबऋषिकांत शुक्ला से उनके बेटे की आलीशान शादी को लेकर भी सवाल पूछे गए थे, जिसमें पुलिस महकमे के बड़े अधिकारी शामिल हुए थे। इस पर उन्होंने कहा कि विवाह समारोह लड़की वालों की ओर से आयोजित किया गया था। मैं सिर्फ बारात लेकर गया था। स्थान या आयोजन से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।
छवि को धूमिल करने का आरोपवीडियो के अंत में ऋषिकांत शुक्ला ने कहा कि मैं और मेरा परिवार इस पूरे मामले से गहरे तनाव में हैं। कुछ लोग मेरे 25 साल की सेवा को कलंकित करने में लगे हैं। लेकिन मुझे न्यायपालिका और सरकार पर पूरा भरोसा है। दरअसल, ऋषिकांत शुक्ला हाल ही में सुर्खियों में आए जब एसआईटी जांच में उनके पास 100 करोड़ रुपये की कथित बेनामी संपत्ति और कई कंपनियों में हिस्सेदारी की जानकारी सामने आई। जांच के बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर विजिलेंस जांच के आदेश दिए।
अखिलेश दुबे पर दिया बयानवीडियो में ऋषिकांत शुक्ला ने कहा कि कानपुर में तैनाती के दौरान उन्होंने अधिवक्ता अखिलेश दुबे से केवल कानूनी सलाह ली थी। उनके साथ किसी कंस्ट्रक्शन कंपनी में साझेदारी या आर्थिक लेनदेन नहीं हुआ। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके बेटे के नाम पर बताई जा रही 33 कंपनियों की बात पूरी तरह झूठी है। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे के नाम से किसी भी कंपनी का पंजीकरण नहीं है, न ही मेरे परिवार के किसी सदस्य की कोई निजी फर्म या व्यापार है।
संपत्ति को बताया पैतृकनिलंबित DSP ने कहा कि उनके पास जो भी संपत्ति है, वह पैतृक संपत्ति है। उसकी अनुमानित कीमत चार से पांच करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुझे 100 करोड़ की कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाने वाला बताया जा रहा है, जबकि यह सब निराधार है। मेरे खिलाफ झूठे आंकड़े पेश किए जा रहे हैं ताकि मेरी छवि को धूमिल किया जा सके।
कार्रवाई का ले रहे बदलाऋषिकांत शुक्ला ने कहा कि उन्होंने कानपुर में अपने कार्यकाल के दौरान कई कुख्यात अपराधियों और माफिया गैंगों पर कार्रवाई की थी। इनमें डी-टू गैंग, जो तीन दशक से सक्रिय था, भी शामिल है। उन्होंने कहा कि मैंने डी-टू गैंग का पूरी तरह सफाया किया था। मुन्ना बजरंगी गैंग के कई शूटर्स को मुठभेड़ में मार गिराया। अब वही माफिया और उनके समर्थक मुझे फंसाने की साजिश कर रहे हैं।
झूठी रिपोर्ट तैयार कराने का आरोपऋषिकांत शुक्ला ने एक व्यक्ति मनोहर शुक्ला पर भी आरोप लगाया कि वह उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट तैयार करवा रहा है। उन्होंने कहा कि मनोहर शुक्ला कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला का नजदीकी रहा है। उसकी ओर से किए जा रहे सभी दावे निराधार हैं। उसे एसआईटी जांच की कोई जानकारी नहीं है, फिर भी वह मीडिया में भ्रामक बातें फैला रहा है।
कमिश्नर को गुमराह करने का आरोपऋषिकांत शुक्ला ने कहा कि एसआईटी जांच की पूरी जानकारी उन्हें नहीं दी गई और पूर्व पुलिस आयुक्त अखिल कुमार को भ्रामक जानकारी देकर गुमराह किया गया। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें सुनवाई का मौका दिया जाता तो वे खुद जाकर तथ्य स्पष्ट करते। उन्होंने कहा कि मुझे अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर पूरा भरोसा है। जहां भी बुलाया जाएगा, मैं उपस्थित होकर अपना पक्ष रखूंगा।
दोस्त देवेंद्र दुबे ने भी दी सफाईऋषिकांत शुक्ला के दोस्त देवेंद्र दुबे ने भी एक वीडियो जारी कर खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि ऋषिकांत शुक्ला मेरे बचपन के दोस्त हैं और आगे भी रहेंगे। हमारे बीच जो लेनदेन बताए जा रहे हैं, वे गलत हैं। अगर जांच एजेंसियां चाहें तो रजिस्ट्री ऑफिस से सभी कागजात जांच सकती हैं। हम पूरी तरह कानूनी जांच के लिए तैयार हैं।
शाही शादी पर उठे सवालों का जवाबऋषिकांत शुक्ला से उनके बेटे की आलीशान शादी को लेकर भी सवाल पूछे गए थे, जिसमें पुलिस महकमे के बड़े अधिकारी शामिल हुए थे। इस पर उन्होंने कहा कि विवाह समारोह लड़की वालों की ओर से आयोजित किया गया था। मैं सिर्फ बारात लेकर गया था। स्थान या आयोजन से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।
छवि को धूमिल करने का आरोपवीडियो के अंत में ऋषिकांत शुक्ला ने कहा कि मैं और मेरा परिवार इस पूरे मामले से गहरे तनाव में हैं। कुछ लोग मेरे 25 साल की सेवा को कलंकित करने में लगे हैं। लेकिन मुझे न्यायपालिका और सरकार पर पूरा भरोसा है। दरअसल, ऋषिकांत शुक्ला हाल ही में सुर्खियों में आए जब एसआईटी जांच में उनके पास 100 करोड़ रुपये की कथित बेनामी संपत्ति और कई कंपनियों में हिस्सेदारी की जानकारी सामने आई। जांच के बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर विजिलेंस जांच के आदेश दिए।
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