मोहित सूरी की फिल्म 'सैयारा' ने अपने शुरुआती हफ्ते में ही दुनिया भर में ₹100 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली और अब तो ये 200 करोड़ भी पार कर चुकी है। यह कहना गलत नहीं होगा कि यह रोमांटिक ड्रामा दर्शकों को बेहद पसंद आ रही है। फिल्म की खासियत इसका म्यूजिक है, खासकर इसका टाइटल सॉन्ग जो चार्टबस्टर बन गया है। जहां फिल्म के ज्यादातर गाने विशाल मिश्रा ने गाए हैं और तनिष्क बागची ने संगीत दिया है, वहीं 'सैयारा' में फहीम अब्दुल्ला की बिल्कुल नई आवाज है। इस गाने को फहीम ने गाया और उनके पुराने दोस्त अर्सलान निजामी ने इसका म्यूजिक दिया है।
कश्मीर के इन दो संगीतकारों ने, जिनका फिल्म इंडस्ट्री से कोई लेना-देना नहीं है, यशराज फिल्म्स के एक प्रोजेक्ट के लिए टाइटल सॉन्ग कैसे तैयार किया। वो कैसे बने 'सैयारा' के पीछे का आवाज! यह एक बड़ी कहानी है, जिसे दोनों ने एचटी के साथ बातचीत में बताया।
कौन है 'सैयारा' के पीछे की आवाज?अर्सलान निजामी लेह के पास एक सिविल इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे और साथ ही गीतकार और संगीतकार के रूप में भी काम कर रहे थे। वह फहीम के साथ काम करते थे, जो पहले 'द इमेजिनरी पोएट' के नाम से जाने जाते थे और इस साल की शुरुआत में उन्होंने अपना स्टेज नाम छोड़ दिया। उनके संगीत की कश्मीर में अच्छी-खासी लोकप्रियता थी, लेकिन बाहर ज्यादातर लोग उन्हें नहीं जानते थे। अर्सलान बताते हैं, 'मैं हमेशा गाने लिखता रहता था। एक दिन, मैंने फहीम से बात की और कहा, 'हमारा संगीत बाहर नहीं जा रहा है। किसी को तो आगे आकर ऐसा करना होगा।'
नौकरी छोड़कर मुंबई आएउन्होंने आगे कहा, 'उसी दिन, मैंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और फहीम के पास गया और कहा, 'चलो करते हैं।' मैं सचमुच अपने संगीत को एक मौका देना चाहता था। सबसे मुश्किल काम अपने माता-पिता को यह समझाना था। वे कश्मीरी माता-पिता हैं, जो स्थिरता और अच्छी नौकरी में विश्वास रखते हैं।'
तनिष्क बागची से हुई मुलाकातफहीम और अर्सलान ने अपनी बचत जमा की और संगीतकारों और फिल्ममेकर्स के साथ बात कर अपनी किस्मत आजमाने मुंबई चले गए। फहीम याद करते हैं, 'हमें एहसास हुआ कि हमारे पास मुंबई में 14 दिनों के लिए पर्याप्त पैसे हैं। इसलिए हमने खुद को शहर में 14 दिन बिताने के लिए तैयार कर लिया।' मुंबई में 13वें दिन, उनकी मुलाकात संगीतकार तनिष्क बागची से हुई और जल्द ही उन्हें 'सैयारा' का टाइटल ट्रैक कंपोज करने के लिए चुन लिया गया।
'सैयारा' गाने को मिला जबरदस्त रिएक्शनगाने को मिले शानदार रिएक्शन के बाद से मिले चौंका देने वाले पल के बारे में बात करते हुए फहीम कहते हैं, 'संगीत में काम करना अपने आप में एक सौभाग्य है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम कभी किसी फिल्म के लिए संगीत देंगे। जब तक हमें वह कॉल नहीं आया, तब तक हमने इसके बारे में कभी सोचा भी नहीं था।'
कश्मीरी संगीतकारों को मिली सफलताअब दोनों को उम्मीद है कि उनकी सफलता और भी कश्मीरी संगीतकारों के लिए आगे आने का रास्ता खोलेगी। फहीम कहते हैं, 'हमारे देश में संगीत के मामले में कश्मीर एक बहुत ही अनदेखा क्षेत्र है। प्रतिभा के मामले में इसमें अपार संभावनाएं हैं। सभी को हमारे जैसे मंच की जरूरत है।'
कश्मीर के इन दो संगीतकारों ने, जिनका फिल्म इंडस्ट्री से कोई लेना-देना नहीं है, यशराज फिल्म्स के एक प्रोजेक्ट के लिए टाइटल सॉन्ग कैसे तैयार किया। वो कैसे बने 'सैयारा' के पीछे का आवाज! यह एक बड़ी कहानी है, जिसे दोनों ने एचटी के साथ बातचीत में बताया।
कौन है 'सैयारा' के पीछे की आवाज?अर्सलान निजामी लेह के पास एक सिविल इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे और साथ ही गीतकार और संगीतकार के रूप में भी काम कर रहे थे। वह फहीम के साथ काम करते थे, जो पहले 'द इमेजिनरी पोएट' के नाम से जाने जाते थे और इस साल की शुरुआत में उन्होंने अपना स्टेज नाम छोड़ दिया। उनके संगीत की कश्मीर में अच्छी-खासी लोकप्रियता थी, लेकिन बाहर ज्यादातर लोग उन्हें नहीं जानते थे। अर्सलान बताते हैं, 'मैं हमेशा गाने लिखता रहता था। एक दिन, मैंने फहीम से बात की और कहा, 'हमारा संगीत बाहर नहीं जा रहा है। किसी को तो आगे आकर ऐसा करना होगा।'
नौकरी छोड़कर मुंबई आएउन्होंने आगे कहा, 'उसी दिन, मैंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और फहीम के पास गया और कहा, 'चलो करते हैं।' मैं सचमुच अपने संगीत को एक मौका देना चाहता था। सबसे मुश्किल काम अपने माता-पिता को यह समझाना था। वे कश्मीरी माता-पिता हैं, जो स्थिरता और अच्छी नौकरी में विश्वास रखते हैं।'
तनिष्क बागची से हुई मुलाकातफहीम और अर्सलान ने अपनी बचत जमा की और संगीतकारों और फिल्ममेकर्स के साथ बात कर अपनी किस्मत आजमाने मुंबई चले गए। फहीम याद करते हैं, 'हमें एहसास हुआ कि हमारे पास मुंबई में 14 दिनों के लिए पर्याप्त पैसे हैं। इसलिए हमने खुद को शहर में 14 दिन बिताने के लिए तैयार कर लिया।' मुंबई में 13वें दिन, उनकी मुलाकात संगीतकार तनिष्क बागची से हुई और जल्द ही उन्हें 'सैयारा' का टाइटल ट्रैक कंपोज करने के लिए चुन लिया गया।
'सैयारा' गाने को मिला जबरदस्त रिएक्शनगाने को मिले शानदार रिएक्शन के बाद से मिले चौंका देने वाले पल के बारे में बात करते हुए फहीम कहते हैं, 'संगीत में काम करना अपने आप में एक सौभाग्य है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम कभी किसी फिल्म के लिए संगीत देंगे। जब तक हमें वह कॉल नहीं आया, तब तक हमने इसके बारे में कभी सोचा भी नहीं था।'
कश्मीरी संगीतकारों को मिली सफलताअब दोनों को उम्मीद है कि उनकी सफलता और भी कश्मीरी संगीतकारों के लिए आगे आने का रास्ता खोलेगी। फहीम कहते हैं, 'हमारे देश में संगीत के मामले में कश्मीर एक बहुत ही अनदेखा क्षेत्र है। प्रतिभा के मामले में इसमें अपार संभावनाएं हैं। सभी को हमारे जैसे मंच की जरूरत है।'
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