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Sardar Patel Jayanti 2025: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से कितनी कमाई, आदिवासी बहुल क्षेत्र की कैसे चमकी किस्मत?

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नई दिल्‍ली: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ने अपने उद्घाटन के बाद से ही कमाई के मामले में शानदार प्रदर्शन किया है। इसने पर्यटन को जमकर बढ़ावा दिया है। अक्टूबर 2018 में राष्ट्र को समर्पित होने के बाद से इस विशाल प्रतिमा ने 400 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का रेवेन्‍यू टिकट बिक्री से कमाया है। इसे देखने 1.75 करोड़ से ज्‍यादा पर्यटक आ चुके हैं। यह प्रोजेक्‍ट न केवल सरदार वल्लभभाई पटेल को अनूठी श्रद्धांजलि है। अलबत्ता, इसने गुजरात के आदिवासी बहुल क्षेत्र को प्रमुख पर्यटन केंद्र में बदल दिया है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है और रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी आदिवासी बहुल नर्मदा जिले के केवड़‍िया में स्थित है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की टिकट बिक्री से होने वाली कमाई के ताजा आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर 2023 तक 400 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का रेवेन्‍यू प्राप्त हुआ है। इस अवधि में 1.75 करोड़ से अधिक पर्यटक इस अद्भुत स्मारक को देखने आए। यह आंकड़ा प्रतिमा की लोकप्रियता और उसके प्रति लोगों के आकर्षण को दर्शाता है।

पहले ही साल में बंपर कमाई
नवंबर 2018 से अक्टूबर 2019 तक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ने 82 करोड़ रुपये का टिकट रेवेन्‍यू हासिल किया था। इस दौरान लगभग 29 लाख पर्यटक वहां गए थे। यह दर्शाता है कि प्रतिमा ने अपने शुरुआती चरण में ही अच्छा प्रदर्शन किया।


नवंबर 2018 से फरवरी 2020 तक गुजरात सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, टिकट बिक्री और पार्किंग शुल्क से कुल 116.31 करोड़ रुपये की आय हुई थी। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह आय केवल प्रत्यक्ष राजस्व है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन, होटल, परिवहन और अन्य व्यापारिक गतिविधियों से होने वाला अप्रत्यक्ष आर्थिक लाभ इससे कहीं ज्‍यादा हैं।

बहुत कम समय में हास‍िल की लोकप्र‍ियता
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 31 अक्टूबर 2018 को गुजरात के केवड़िया (अब एकता नगर) में राष्ट्र को समर्पित की गई थी। बहुत ही कम समय में यह जगह वर्ल्‍ड क्‍लास टूरिज्‍म डेस्टिनेशन बन गई है। यह प्रोजेक्‍ट सरदार वल्लभभाई पटेल को शानदार श्रद्धांजलि देने के साथ गुजरात के इस आदिवासी बहुल क्षेत्र को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके कारण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार विकसित हुआ है।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की सबसे बड़ी सफलता यह है कि इसने अपने उद्घाटन के तुरंत बाद ही भारत के सबसे अधिक देखे जाने वाले स्मारकों में अपनी जगह बना ली और लगातार राजस्व के रिकॉर्ड बनाए। इसने आगंतुकों की संख्या के मामले में कई वैश्विक और राष्ट्रीय स्मारकों को पीछे छोड़ दिया है।

पर्यटन केंद्र में बदला आद‍िवासी बहुल क्षेत्र
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का प्रभाव केवल टिकट बिक्री तक ही सीमित नहीं है। इसने केवड़िया (एकता नगर) के पूरे आदिवासी क्षेत्र को समग्र पर्यटन केंद्र में बदल दिया है। अब यहां केवल स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ही नहीं, बल्कि जंगल सफारी, चिल्ड्रन न्यूट्रीशन पार्क, फूलों की घाटी, बोटिंग, रिवर राफ्टिंग, विभिन्न गार्डन और अन्य मनोरंजक गतिविधियां भी विकसित की गई हैं। इन नई सुविधाओं के कारण पर्यटक अब केवल एक दिन के बजाय यहां दो-तीन दिन रुकने लगे हैं। इससे क्षेत्र में पर्यटन को और बढ़ावा मिला है।

इस पर्यटन केंद्र के विकास ने स्थानीय निवासियों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं। मार्च 2020 तक, लगभग 3000 लोगों को पर्यटक गाइड, सुरक्षा गार्ड, ड्राइवर और अन्य ऑपरेशन स्टाफ के रूप में प्रत्यक्ष रोजगार मिला था। यह स्थानीय लोगों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है।

पर्यटन में बढ़ोतरी के कारण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का भी विकास हुआ है। बेहतर कनेक्टिविटी, होटलों की उपलब्धता, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हुआ है। इन सभी विकासों ने स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद की है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सिर्फ एक स्मारक नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसने एक पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदल दी है।
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