Study Aerospace Engineering: अमेरिका में जब भी किसी ऐसी डिग्री का जिक्र होता है, जिसे पाने वाले स्टूडेंट्स को भर-भरकर जॉब्स मिल रही हैं, तो सबके दिमाग में सबसे पहले कंप्यूटर साइंस कोर्स आता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें लगता है कि मेडिकल फील्ड से जुड़ी MBBS या MD की डिग्री रखने वाले स्टूडेंट्स को झट से जॉब मिल रही होंगी। इसकी प्रमुख वजह ये है कि अमेरिका में हेल्थकेयर सेक्टर में अच्छी सैलरी मिलती है। इसी तरह से यहां का टेक सेक्टर भी भर-भरकर जॉब्स देता है।
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हालांकि, आपको ये जानकार हैरानी होगी कि एक डिग्री ऐसी भी है, जो ना तो मेडिकल से जुड़ी है और ना ही टेक फील्ड है। मगर इसे पाने वाले स्टूडेंट्स को बड़ी-बड़ी कंपनियों में मोटी सैलरी वाली जॉब्स मिल रही हैं। यूएस सेंसस ब्यूरो के अमेरिकन कम्युनिटी सर्वे ( IPUMS) में मिले डाटा के मुताबिक, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग एक ऐसी डिग्री है, जिसे पाने वाले स्टूडेंट्स सबसे कम बेरोजगार हैं। उनके बीच बेरोजगारी दर महज 1.4% है। उन्हें एक करोड़ रुपये से ज्यादा का सालाना पैकेज भी मिल रहा है।
कहां मिलेगी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री?
अब यहां सवाल उठता है कि अगर किसी को अमेरिका में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनी है, तो उसे ये डिग्री कहां मिलेगी। यूएस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी, पर्ड्यू यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन-एन आर्बर, यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस अर्बना-शैंपेन, यूनिवर्सिटी ऑफ कोलाराडो जैसे संस्थानों में आप एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कर सकते हैं।
कितनी है सैलरी और कौन दे रहा जॉब?
एयरोस्पेस इंजीनियर का काम एयरक्राफ्ट की टेस्टिंग, स्पेसक्राफ्ट, सैटेलाइट और मिसाइल को डिजाइन एवं तैयार करना है। सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर्स में एयरोस्पेस इंजीनियर्स को जॉब मिल रही है। ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिक्स के मुताबिक, एयरोस्पेस इंजीनियर की औसतन सालाना सैलरी 1,34,830 डॉलर (लगभग 1.18 करोड़ रुपये) है। अमेरिका में हर साल एयरोस्पेस इंजीनियर की 4500 नौकरियां निकलती हैं। नासा, स्पेसएक्स, बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, नॉर्थ्रॉप ग्रूमन, ब्लू ऑरिजन जैसी कंपनियों में एयरोस्पेस इंजीनियर्स की हायरिंग की जाती है।
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हालांकि, आपको ये जानकार हैरानी होगी कि एक डिग्री ऐसी भी है, जो ना तो मेडिकल से जुड़ी है और ना ही टेक फील्ड है। मगर इसे पाने वाले स्टूडेंट्स को बड़ी-बड़ी कंपनियों में मोटी सैलरी वाली जॉब्स मिल रही हैं। यूएस सेंसस ब्यूरो के अमेरिकन कम्युनिटी सर्वे ( IPUMS) में मिले डाटा के मुताबिक, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग एक ऐसी डिग्री है, जिसे पाने वाले स्टूडेंट्स सबसे कम बेरोजगार हैं। उनके बीच बेरोजगारी दर महज 1.4% है। उन्हें एक करोड़ रुपये से ज्यादा का सालाना पैकेज भी मिल रहा है।
कहां मिलेगी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री?
अब यहां सवाल उठता है कि अगर किसी को अमेरिका में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनी है, तो उसे ये डिग्री कहां मिलेगी। यूएस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी, पर्ड्यू यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन-एन आर्बर, यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस अर्बना-शैंपेन, यूनिवर्सिटी ऑफ कोलाराडो जैसे संस्थानों में आप एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कर सकते हैं।
कितनी है सैलरी और कौन दे रहा जॉब?
एयरोस्पेस इंजीनियर का काम एयरक्राफ्ट की टेस्टिंग, स्पेसक्राफ्ट, सैटेलाइट और मिसाइल को डिजाइन एवं तैयार करना है। सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर्स में एयरोस्पेस इंजीनियर्स को जॉब मिल रही है। ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिक्स के मुताबिक, एयरोस्पेस इंजीनियर की औसतन सालाना सैलरी 1,34,830 डॉलर (लगभग 1.18 करोड़ रुपये) है। अमेरिका में हर साल एयरोस्पेस इंजीनियर की 4500 नौकरियां निकलती हैं। नासा, स्पेसएक्स, बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, नॉर्थ्रॉप ग्रूमन, ब्लू ऑरिजन जैसी कंपनियों में एयरोस्पेस इंजीनियर्स की हायरिंग की जाती है।
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