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एक-दो नहीं 10-10 कारणों से उछल रहा है सोना, ₹1 लाख तक जाएगी कीमत या आएगी गिरावट?

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नई दिल्ली: सोने की कीमत में हाल के दिनों में काफी तेजी देखने को मिली है। इस साल अब तक सोने की कीमत में 25 फीसदी तेजी आ चुकी है। पिछले हफ्ते दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 98,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गया था। इसी तरह एमसीएक्स पर इसका भाव ₹95,239 पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने की कीमत 3350 डॉलर प्रति औंस के ऊपर पहुंच गई है। पिछले पांच साल में सोने की कीमत में 110 फीसदी तेजी आई है। इसने रिटर्न के मामले में सभी एसेट क्लास को पीछे छोड़ दिया है। सोने में तेजी के एक-दो नहीं बल्कि 10-10 कारण हैं।सोने में तेजी का पहला कारण है दुनिया भर में तनाव। इतिहास गवाह है कि जब भी दुनिया पर कोई मुसीबत आती है, सोने की कीमत में तेजी आई है। अमेरिका और चीन, रूस और पश्चिमी देशों के बीच झगड़े चल रहे हैं। मध्य पूर्व में भी समस्याएं हैं। जब दुनिया में डर का माहौल होता है, तो लोग सोना खरीदते हैं। सोने को एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। डिमांड बढ़ने से सोने की कीमत में तेजी आई है। दूसरा कारण है ग्लोबल इकॉनमी की हालत। अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान जैसे बड़े देशों की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ रही है। इससे दुनिया में मंदी की आशंका है। मंदी से बिजनस प्रभावित होगा और इसलिए लोग सोना खरीद रहे हैं ताकि उनका पैसा सुरक्षित रहे। डॉलर की कमजोरीसोने में तेजी का तीसरा बड़ा कारण है महंगाई। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है। इससे महंगाई बढ़ना तय है। सोना महंगाई से बचाता है। चौथा कारण है दुनिया के कई देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद। चीन, भारत, तुर्की और पोलैंड जैसे देशों के सेंट्रल बैंक जमकर सोना खरीद रहे हैं। वे अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करना चाहते हैं। गोल्ड में उछाल का पांचवां कारण है डॉलर का कमजोर होना। जब डॉलर कमजोर होता है, तो विदेशियों के लिए सोना खरीदना सस्ता हो जाता है। इससे सोने की मांग बढ़ जाती है।छठा कारण है आम लोगों द्वारा सोना खरीदना। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव हो रहा है और बॉन्ड से भी ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है। ऐसे में आम लोग सोने के ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) और सोना खरीद रहे हैं। इससे कीमतें बढ़ रही हैं। सोने की कीमत में तेजी का सातवां कारण है ब्याज दरें कम होने की उम्मीद। भारत में आरबीआई लगातार दो बार रेपो रेट में कटौती कर चुका है। अमेरिका में भी फेड रिजर्व के आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कटौती करने की उम्मीद है। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो सोना रखने का फायदा बढ़ जाता है। कहां तक जाएगी कीमतआठवां कारण है डॉलर पर निर्भरता कम करना। कई देश अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम कर रहे हैं। इसके लिए वे सोने को एक सुरक्षित विकल्प मानते हैं। इसका नौवां कारण है बैंकिंग सेक्टर में तनाव होना। भारत में कई बैंकों ने एफडी और सेविंग अकाउंट्स पर ब्याज दरों में कटौती की है। इसलिए लोग सोने का रुख कर रहे हैं। दसवां कारण है सोने की सप्लाई कम होना। सोने की खदानों से उत्पादन कम हो रहा है लेकिन मांग बढ़ रही है। सप्लाई और मांग में अंतर से कीमतें बढ़ रही हैं।गोल्डमैन सैश का कहना है कि सोने की कीमत 4,500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। जानकारों का कहना है कि सोने की कीमत में यहां से ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है। एमसीएक्स पर इसकी कीमत 99,000 रुपये तक जा सकती है। लेकिन अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता है तो यह 1.25 लाख रुपये तक जा सकता है। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आने वाले दिनों में दुनिया में परिस्थितियां कैसी रहती हैं।
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