जम्मू : भारत-पाकिस्तान के बीच शांति पर हुई डील और ट्रंप के हस्तक्षेप को लेकर सियासी घमासान छिड़ा है। राहुल गांधी ने सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने पीएम मोदी को निशाना बनाया। इंडिया गठबंधन का हिस्सा उद्धव ठाकरे शिवसेना भी राहुल गांधी के समर्थन में आ गई लेकिन इसी बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती पीएम मोदी के बचाव में उतरी हैं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को शांतिपूर्ण तरीके तलाशने के लिए राजनीतिक रूप से दंडित नहीं किया जाना चाहिए और विपक्ष को राजनीति से ऊपर उठकर शांति एवं स्थिरता के लिए वास्तविक प्रयासों का समर्थन करना चाहिए। वहीं उमर अब्दुल्ला भी पीएम के साथ हैं।महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'मैं सभी विपक्षी दलों से अपील करती हूं कि वे बिना सोचे-समझे आलोचना करने या राजनीतिक फायदा देखने की प्रवृत्ति से बचें। जिस तरह पहलगाम की घटना ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक आवाजें एक कर दीं, उसी तरह शांति प्रक्रिया के इर्द-गिर्द राष्ट्रीय आम सहमति बनाने की जरूरत है, जो राष्ट्रीय हितों की रक्षा करे।' 'साथ आने का समय'महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह जैसे नेताओं ने साबित कर दिया कि सुरक्षा या संप्रभुता से समझौता किए बिना, तनावपूर्ण समय में भी सीमा पार बातचीत संभव है। मोदी सरकार को शांतिपूर्ण तरीके तलाशने के लिए राजनीतिक रूप से दंडित नहीं किया जाना चाहिए। यह बंटने का नहीं, बल्कि सभी के साथ आने का समय है। विपक्षी दलों को राजनीति से ऊपर उठकर शांति और स्थिरता के लिए वास्तविक प्रयासों का समर्थन करना चाहिए। टीवी चैनल्स पर भी भड़कींपीडीपी अध्यक्ष ने कुछ टीवी समाचार चैनलों की आलोचना करते हुए कहा कि जो लोग एसी स्टूडियो और ड्राइंग रूम में बैठकर सैन्य टकराव रोकने की आलोचना करते हैं। उन्हें सीमा पर अपने परिवारों के साथ समय बिताना चाहिए ताकि वे मौत और विनाश की दैनिक वास्तविकता को सही मायने में समझ सकें।जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर बनी सहमति कायम रहनी चाहिए। सीमावर्ती इलाकों के लोग शांति से रहना चाहते हैं। हम सभी चाहते हैं कि संघर्ष विराम बरकरार रहे। यहां से दूर नोएडा और बंबई में बैठे टीवी चैनलों के कुछ एंकर ही संघर्ष विराम को पसंद नहीं करते।कुपवाड़ा जिले के तंगधार इलाके में पहुंचे उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बॉर्डर या नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रहने वाले लोग, जिन्होंने जम्मू और श्रीनगर में स्थिति देखी है, वे संघर्ष विराम चाहते हैं। यह अच्छी बात है। यह संघर्ष विराम बरकरार रहना चाहिए।
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