संता (थोड़ी उदासी में): यार बंता, क्या कभी ऐसा लगता है कि ज़िंदगी बहुत तेज़ भाग रही है?
बंता: क्यों भाई, क्या हुआ?
संता: अभी अभी माँ से बात हुई, बोली कि तेरी हँसी सुनने को दिल ज्यादा तड़पता है, बुला तो लो घर।😆🤣🤣🤣🤣😝😝😝
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बंता: कल मैंने पहली बार अपनी बेटी को “पापा की हिम्मत” कहा।
संता: क्या बोली उसने?
बंता: वो मुस्कुराई और बोली — पापा, मैं भी अपनी हिम्मत हूँ — तो लगा कि मैं सच में पूरी हूँ।😆🤣🤣🤣🤣😝😝😝
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संता: कल ऑफिस में बहुत खराब मूड में गया था।
बंता: फिर?
संता: एक सहकर्मी ने कहा — “कॉफी लेना है?” मैंने कहा — “हाँ।” उसने खरीदी, बैठके बातें कीं… पता नहीं क्यों, बस किसी की चिंता करना अच्छे दिनों जैसा लगा।😆🤣🤣🤣🤣😝😝😝
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बंता (आँखों में आंसू लिए): संता, आज माँ ने पूछा कि प्लान क्या है ज़िंदगी के लिए।
संता: तूने क्या कहा?
बंता: कहा कि मैं चाहता हूँ कि जब दिन खतम हो, तो कोई कहे — “उसने कोशिश की।” माँ ने कहा — “इसे ही तो विकास कहते हैं।”😆🤣🤣🤣🤣😝😝😝
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संता: प्यार है भले ही शब्दों में कम हो, पर कामों में ज़्यादा हो।
बंता: कैसे यार?
संता: जब बीवी बीमार थी, रात भर उसकी तबियत पूछता रहा… सुबह उसने कहा — “तेरी आवाज सुनते ही लगा कि मैं ठीक हो जाऊँगी।”😆🤣🤣🤣🤣😝😝😝
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बंता: सुन, मैंने कल अपने पिता से कहा कि मैं उनसे सीखना चाहता हूँ कि कैसे धैर्य रख सकते हैं।
संता: और पापा ने क्या कहा?
बंता: बोले — “बेटा, धैर्य वो है जो तूने अभी दिखाया है — भीड़ में खड़ा रहते हुए दूसरों को आगे जाने देना भी धैर्य है।”😆🤣🤣🤣🤣😝😝😝
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संता: कभी‑कभी डर लगता है कि वक्त बदल गया है, लोग भावनाएँ भूल गए हैं।
बंता: पर तूने क्या किया?
संता: कल एक अनजान को मुस्कान दी, उसने भी मुस्कराया… लगा जैसे अभी‑भी इंसानियत बाकी है।😆🤣🤣🤣🤣😝😝😝
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बंता: तेरी सबसे बड़ी खुशी क्या है आज‑कल?
संता: जब कोई कहे कि “बता है तेरी बात का असर हुआ।”
बंता: सच में, कोई उसे बताता है?
संता: हाँ — मेरी माँ बोली — “तेरे छोटे‑छोटे कामों से घर चहल‑पहल हो गया।”😆🤣🤣🤣🤣😝😝😝
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संता: भाई, अपनी गलती स्वीकार करना बड़ा कठिन काम है।
बंता: पर क्यों?
संता: क्योंकि ego बोलता है नहीं, लेकिन दिल जानता है कि उसे माफ़ करना चाहिए — और जब माफ़ी मिल जाती है, तो जो असली शांति मिलती है, वही अनमोल है।😆🤣🤣🤣🤣😝😝😝
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बंता: ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा दर्द कहाँ होता है पता है?
संता: कहाँ?
बंता: जब तू किसी से बहुत उम्मीद कर लेता है, और वो खुद ही अपनी जगह बीच में खड़ा हो जाता है। लेकिन फिर भी तू मुस्कुराता है — क्योंकि एहसास होता है कि उम्मीद ही इंसान को आगे खींचती है।😆🤣🤣🤣🤣😝😝😝
मजेदार जोक्स: मम्मी, आज होमवर्क नहीं करूँगा
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