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एंज़ाइटी vs पैनिक अटैक: सही पहचान से मिलेगा सही इलाज

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आजकल तनाव और मानसिक दबाव की वजह से लोग अक्सर एंज़ाइटी और पैनिक अटैक जैसी समस्याओं से जूझते हैं। कई बार लोग इन दोनों को एक जैसा समझ लेते हैं, जबकि हकीकत यह है कि एंज़ाइटी और पैनिक अटैक अलग-अलग स्थितियां हैं। सही पहचान करना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि तभी समय पर सही इलाज और मदद मिल सकती है।

एंज़ाइटी क्या है?

एंज़ाइटी एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति लगातार डर, घबराहट और बेचैनी महसूस करता है। यह लंबे समय तक बनी रह सकती है।
मुख्य लक्षण:

  • हर समय टेंशन महसूस करना
  • दिल की धड़कन बढ़ना
  • पसीना आना
  • नींद न आना
  • छोटी-छोटी बातों पर चिंता करना

पैनिक अटैक क्या है?

पैनिक अटैक अचानक होने वाली तीव्र घबराहट है, जो कुछ मिनटों में चरम पर पहुँच जाती है। यह अक्सर बिना किसी चेतावनी के शुरू हो जाती है।
मुख्य लक्षण:

  • अचानक तेज़ धड़कन
  • सांस लेने में कठिनाई
  • चक्कर आना
  • सीने में दर्द या घुटन
  • मौत या बेहोश होने का डर

दोनों में बड़ा फर्क

  • एंज़ाइटी धीरे-धीरे और लंबे समय तक असर डालती है।
  • पैनिक अटैक अचानक आता है और कुछ ही मिनटों में तेज़ असर डालता है।
  • एंज़ाइटी में चिंता लगातार बनी रहती है, जबकि पैनिक अटैक में व्यक्ति को लगता है कि जान जाने वाली है।

कब लें डॉक्टर की मदद?

अगर आपको बार-बार घबराहट, बेचैनी या अचानक पैनिक अटैक जैसे लक्षण महसूस हों तो तुरंत किसी मनोचिकित्सक या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें। सही समय पर इलाज से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

एंज़ाइटी और पैनिक अटैक में फर्क समझना बहुत ज़रूरी है। सही पहचान से न सिर्फ इलाज आसान होता है बल्कि व्यक्ति जल्दी सामान्य जीवन जी पाता है।

 

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