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E-Passport का जमाना आया! जानें इसके जबरदस्त फायदे और अप्लाई करने की प्रक्रिया

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देश में अब पासपोर्ट और भी अधिक स्मार्ट और सुरक्षित बनने जा रहे हैं। सरकार ने ई-पासपोर्ट (e-Passport) की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया है, जिससे नागरिकों को सिर्फ आधुनिक सुविधाएं ही नहीं, बल्कि बेहतर सुरक्षा भी मिल सकेगी। यह नया पासपोर्ट दिखने में पारंपरिक पासपोर्ट जैसा ही होगा, लेकिन इसमें एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होगी जो व्यक्ति की पहचान, बायोमेट्रिक और यात्रा संबंधित तमाम जानकारियों को सुरक्षित रखेगी।

क्या है ई-पासपोर्ट?

ई-पासपोर्ट एक तरह का स्मार्ट पासपोर्ट है, जिसमें RFID (Radio Frequency Identification) चिप और एक एंटीना लगा होता है। यह चिप पासपोर्ट धारक की सारी महत्वपूर्ण जानकारी को डिजिटल रूप में स्टोर करती है। इसके चलते हवाई अड्डों पर पहचान की प्रक्रिया और तेज़ व आसान हो जाएगी।

क्यों है खास?

उच्च स्तरीय सुरक्षा:
ई-पासपोर्ट में छेड़छाड़ करना या उसकी नकल करना लगभग नामुमकिन है। चिप में दर्ज डाटा को सिर्फ अधिकृत मशीन ही पढ़ सकती है।

तेज़ वेरिफिकेशन:
एयरपोर्ट्स पर लंबी कतारों से राहत मिलेगी। इमिग्रेशन प्रक्रिया तेज़ होगी, जिससे यात्रा का अनुभव बेहतर होगा।

गलत पहचान से बचाव:
बायोमेट्रिक डाटा की वजह से किसी और के नाम पर यात्रा करना मुश्किल हो जाएगा।

घर बैठे ऐसे करें आवेदन – सिर्फ 5 आसान स्टेप्स

1. पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर जाएं:
www.passportindia.gov.in
पर लॉगिन करें या नया अकाउंट बनाएं।

2. आवेदन फॉर्म भरें:
“Apply for Fresh Passport/Re-issue of Passport” विकल्प चुनें और सभी जरूरी जानकारी भरें।

3. ई-पासपोर्ट विकल्प का चयन करें:
अब नए फॉर्म में ई-पासपोर्ट के लिए विकल्प मिलेगा, जिसे टिक करें।

4. शुल्क का भुगतान करें:
ऑनलाइन भुगतान करें और अपॉइंटमेंट शेड्यूल करें।

5. नजदीकी PSK/POP पर जाएं:
अपॉइंटमेंट की तारीख पर पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) या पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSK) जाकर बायोमेट्रिक और डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन पूरा करें।

कब तक मिलेगा ई-पासपोर्ट?

फिलहाल यह सुविधा चरणबद्ध तरीके से शुरू की जा रही है। शुरुआत में बड़े शहरों के पासपोर्ट सेवा केंद्रों में यह सुविधा उपलब्ध है। जल्द ही पूरे देश में इसे लागू किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2025 के अंत तक सभी नए पासपोर्ट ई-पासपोर्ट होंगे।

विशेषज्ञों की राय

साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक भारत को वैश्विक स्तर पर पासपोर्ट सुरक्षा के मामले में आगे ले जाएगी। वहीं, यात्रियों के लिए यह एक फास्ट-ट्रैक ट्रैवल एक्सपीरियंस का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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