सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 के उस प्रावधान पर रोक लगा दी है जिसके तहत वक्फ बनाने के लिए किसी व्यक्ति को पाँच साल तक इस्लाम का अनुयायी होना ज़रूरी था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह प्रावधान तब तक स्थगित रहेगा जब तक यह तय करने के लिए नियम नहीं बन जाते कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के सभी प्रावधानों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालाँकि, कोर्ट का कहना है कि कुछ धाराओं को संरक्षण की ज़रूरत है।
Supreme Court puts on hold the provision in the Waqf Amendment Act 2025 that a person should be a practitioner of Islam for 5 years to create a Waqf. Supreme Court says the provision will be stayed till rules are framed on determining whether a person is a practitioner of Islam.… pic.twitter.com/fxoKeiKjFk
— ANI (@ANI) September 15, 2025
इसके अलावा, धारा 3(74) से जुड़े राजस्व रिकॉर्ड के प्रावधान पर भी रोक लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि कार्यपालिका किसी भी व्यक्ति के अधिकारों का निर्धारण नहीं कर सकती। जब तक राजस्व रिकॉर्ड पर नामांकन को लेकर अंतिम फैसला न हो, तब तक वक्फ संपत्ति से किसी को बेदखल नहीं किया जा सकता। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि इस दौरान किसी तीसरे पक्ष के अधिकार नहीं बनाए जाएंगे।
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