भारत और पाकिस्तान के बीच सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए 10 मई को सहमति बनने के बाद सोशल मीडिया मंचों पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री की ट्रोलिंग किए जाने पर एसोसिएशन ऑफ इंडियन डिप्लोमेट्स ने नाराजगी जताई है। वरिष्ठ राजनयिक निरुपमा मेनन राव, असदुद्दीन ओवैसी और अखिलेश यादव जैसे नेताओं ने भी मिस्री का समर्थन किया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मिसरी, उनके परिवार और विशेष रूप से उनकी बेटी को सोशल मीडिया पर ‘ट्रोल’ किये जाने की कड़ी निंदा की है।
दिल्ली स्थित ‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन डिप्लोमेट्स’ ने सोमवार को एक बयान जारी कर इस घटना को ‘भयावह और पूरी तरह अस्वीकार्य’ बताया। उसने कहा, ‘‘‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन डिप्लोमेट्स’ विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनके परिवार की की गई ‘ट्रोलिंग’ और डॉक्सिंग (निजता हनन) की कड़ी निंदा करता है। यह भयावह एवं पूर्णतया अस्वीकार्य है। वह एक उत्कृष्ट पेशेवर हैं जिनका रिकार्ड बेदाग है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
वाम दलों ने भी विदेश सचिव विक्रम मिसरी को निशाना बनाने वाले ऑनलाइन ट्रोल की सोमवार को आलोचना की और इस मामले पर सरकार की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए। सीपीआई (एम) ने मिस्री और उनकी बेटी को ऑनलाइन ट्रोल किए जाने पर एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर मिसरी की एक तस्वीर साझा की। सीपीएम ने कहा, ‘‘सरकार चुप क्यों है? ट्रोल को शर्म आनी चाहिए।’’ सीपीएम के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने रविवार को कहा था कि मिस्री भारत के सबसे शानदार अधिकारियों में से एक हैं।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर दावा किया कि विदेश सचिव को यह कहने के लिए निशाना बनाया जा रहा है कि ‘‘आतंकवादी भारत को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करना चाहते थे और भारत के लोगों ने अपनी एकता से इसे हरा दिया।’’ वाम दल ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि हमारी एकता और लोकतंत्र से कौन नफरत करता है।’’
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने सवाल किया कि सरकार द्वारा लिए गए फैसले के लिए मिसरी को क्यों ट्रोल किया जा रहा है।उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय के लिए विदेश सचिव को क्यों ट्रोल किया जाना चाहिए? क्या ऐसा इसलिए है कि उन्होंने आतंकवादियों के सांप्रदायिक मंसूबे को विफल करने के लिए भारतीय नागरिकों को धन्यवाद दिया?’’
एक दिन पहले ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम)’ के प्रमुख ओवैसी, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख यादव और पूर्व विदेश सचिव राव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर मिस्री को समर्थन दिया था। अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर कहा कि ऐसे बयानों से देश के लिए दिन-रात काम करने वाले ईमानदार एवं समर्पित अधिकारियों का मनोबल टूटता है। उन्होंने लिखा, ‘‘निर्णय तो सरकार का होता है, किसी अधिकारी का नहीं। इन अधिकारी और उनके परिवार के खिलाफ कुछ असामाजिक-आपराधिक तत्व सरेआम अपशब्दों की सारी सीमाएं तोड़ रहे हैं लेकिन उनके मान-सम्मान की रक्षा के लिए न तो बीजेपी सरकार, न ही उनका कोई मंत्री ऐसी अवांछित पोस्ट करने वालों के खिलाफ सामने आकर किसी कार्रवाई की बात कर रहा है।”
वहीं राव ने वरिष्ठ राजनयिक मिस्री को सोशल मीडिया पर ‘ट्रोल’ किए जाने को बेहद शर्मनाक बताया और कहा कि यह शालीनता की हर सीमा को पार करता है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच सहमति बनने की घोषणा को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनके परिवार को ‘ट्रोल’ किया जाना बेहद शर्मनाक है। मिस्री एक समर्पित राजनयिक हैं, जिन्होंने पेशेवर तरीके और दृढ़ संकल्प के साथ भारत की सेवा की है। उनकी निंदा करने का कोई आधार नहीं है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘उनकी बेटी की जासूसी करना और उनके प्रियजनों के साथ दुर्व्यवहार करना शालीनता की हर सीमा को पार करता है। यह जहरीली नफरत बंद होनी चाहिए- हमारे राजनयिकों के पीछे एकजुट होना चाहिए, उन्हें तोड़ना नहीं चाहिए।’’
ओवैसी भी रविवार को मिस्री के समर्थन में आगे आये। ओवैसी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विक्रम मिस्री एक सभ्य, ईमानदार, मेहनती राजनयिक हैं जो हमारे देश के लिए अनथक काम कर रहे हैं। यह याद रखना चाहिए कि हमारे सिविल सेवा अधिकारी कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं और उन्हें कार्यपालिका या वतन-ए-अजीज को चलाने वाले किसी राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।’’
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, आयोग ने मिस्री की बेटी की व्यक्तिगत जानकारी को साझा किये जाने की निंदा की, इसे बेहद गैर-जिम्मेदाराना कृत्य और सुरक्षा को खतरे में डालने वाला गोपनीयता का घोर उल्लंघन बताया। रहाटकर ने जोर देकर कहा कि मिस्री जैसे वरिष्ठ अधिकारियों के परिजन पर व्यक्तिगत हमले न केवल अस्वीकार्य हैं, बल्कि नैतिक रूप से भी गलत हैं। एनसीडब्ल्यू ने नागरिकों से ‘ऑनलाइन’ और ‘ऑफलाइन’ दोनों जगहों पर संयमित एवं सम्मानजनक व्यवहार करने का आह्वान किया।रहाटकर ने कहा, ‘‘हमें गरिमापूर्ण और जिम्मेदाराना आचरण करना चाहिए।’’
विक्रम मिस्री ने 15 जुलाई 2024 को विदेश सचिव का पदभार ग्रहण किया था। विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर विदेश सचिव के परिचय में बताया गया है, ‘‘भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के राजनयिक, राजदूत मिसरी ने नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका में विभिन्न भारतीय मिशनों में विभिन्न पदों पर कार्य किया है।’’ इसमें कहा गया है कि नयी दिल्ली में उनके कार्यों में ‘‘विदेश मंत्रालय के पाकिस्तान डेस्क’’ पर कामकाज और दो विदेश मंत्रियों (आई के गुजराल और प्रणब मुखर्जी) के स्टाफ के तौर पर कार्य करना शामिल है।
पिछले कुछ दिनों में मिस्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कई प्रेस वार्ताओं को संबोधित किया है।भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद जमीन, वायु और समुद्र में सभी तरह की गोलाबारी एवं सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर शनिवार को सहमति बनी। विदेश सचिव मिस्री ने शनिवार शाम को घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों ने शनिवार दोपहर को बातचीत के दौरान इस समझौते पर सहमति व्यक्त की और अगली वार्ता 12 मई के लिए निर्धारित की गई है। इस घोषणा के करने के बाद से विक्रम मिस्री को ऑनलाइन ट्रोल किया जाने लगा।
(पीटीआई के इनपुट के साथ)
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