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अर्थतंत्र की खबरें: अलास्का के लिए रवाना हुए पुतिन और उनका डेलीगेशन और 'भारत पर बढ़ सकता है अमेरिकी शुल्क'

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनका डेलीगेशन अलास्का के लिए रवाना हो गए हैं। कल यानी 15 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ उनकी बैठक होनी है. इसको लेकर अलास्का को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कल यानी 15 अगस्त 2025 को अलास्का में बैठक होनी है। ट्रंप ने पुतिन के संग होने वाली अपनी मुलाकात के बारे में मीडिया से बात करते कहा कि  राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शुक्रवार को रूस में मिलेंगे।

अलास्का को लेकर एक गौर करने वाली बात यह है कि यह राज्य हमेशा से अमेरिका का हिस्सा नहीं था। आज भी यह क्षेत्र अमेरिका के जमीनी क्षेत्र का हिस्सा नहीं है। यानी अमेरिका के 48 सटे हुए राज्यों से अलास्का का कोई भूमिगत संपर्क नहीं रहा है। 

भारत पर बढ़ सकता है शुल्क: अमेरिकी वित्त मंत्री

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने चेतावनी दी है कि अगर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शुक्रवार को होने वाली मुलाकात में चीजें ठीक नहीं रहीं तो भारत पर शुल्क बढ़ सकते हैं।

ट्रंप ने पिछले सप्ताह भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाये जाने की घोषणा की। इसमें रूस से तेल की खरीद जारी रखने पर जुर्माने के तौर पर लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क भी शामिल हैं। यह अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क 27 अगस्त से लागू होगा।

बेसेंट ने बुधवार को 'ब्लूमबर्ग' को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन से हर कोई निराश है। हमें उम्मीद थी कि वह ज्यादा खुलकर बातचीत करेंगे। ऐसा लग रहा है कि वह संवाद के लिए तैयार हो सकते हैं। और हमने रूसी तेल खरीदने के लिए भारतीयों पर द्वितीयक (अतिरिक्त) शुल्क लगा दिया है। मुझे लगता है कि अगर चीजें ठीक नहीं रहीं, तो अतिरिक्त शुल्क बढ़ सकते हैं।’’

उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में शेयर बाजार लगभग स्थिर बंद, सेंसेक्स 58 अंक चढ़ा

अमेरिका-रूस वार्ता से पहले निवेशकों के सतर्क रुख अपनाने से बृहस्पतिवार को स्थानीय शेयर बाजार बेहद उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में लगभग स्थिर बंद हुए। सेंसेक्स में 58 अंक और निफ्टी में 12 अंक की मामूली तेजी रही।

बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स दूसरे दिन भी बढ़त बनाए रखते हुए 57.75 अंक यानी 0.07 प्रतिशत चढ़कर 80,597.66 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 211.27 अंक बढ़कर 80,751.18 अंक पर पहुंच गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी 11.95 अंक यानी 0.05 प्रतिशत बढ़कर 24,631.30 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स की कंपनियों में से इटर्नल, इन्फोसिस, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व और टाइटन के शेयरों में प्रमुख रूप से तेजी रही। हालांकि, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, अदाणी पोर्ट्स और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयरों में गिरावट का रुख रहा।

इसके साथ ही कारोबारी सप्ताह का समापन छह हफ्तों के बाद बढ़त पर हुआ। सेंसेक्स में इस सप्ताह कुल 739.87 अंक यानी 0.92 प्रतिशत की तेजी रही जबकि निफ्टी 268 अंक यानी 1.10 प्रतिशत की बढ़त पर रहा

थोक मुद्रास्फीति जुलाई में घटकर शून्य से 0.58 प्रतिशत नीचे, दो साल का निचला स्तर

खाद्य वस्तुओं और ईंधन की कीमतों में गिरावट के बीच थोक मुद्रास्फीति जुलाई में दो साल के निचले स्तर शून्य से नीचे 0.58 प्रतिशत पर आ गई है। बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आंकड़ों के यह जानकारी मिली।

विशेषज्ञों ने हालांकि अनुमान लगाया है कि अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़ सकती है क्योंकि आधार प्रभाव कम हो जाएगा और मौसमी मूल्य वृद्धि जारी रहेगी।

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीओई) आधारित मुद्रास्फीति जून में शून्य से नीचे 0.13 प्रतिशत और जुलाई, 2024 में 2.10 प्रतिशत रही थी।

उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘ मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, मूल धातुओं के विनिर्माण आदि की कीमतों में कमी के कारण थोक मुद्रास्फीति शून्य से नीचे रही है।’’

थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में जुलाई में 6.29 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि जून में इनमें 3.75 प्रतिशत की गिरावट आई थी। सब्जियों के दाम में भारी गिरावट देखी गई। जुलाई में इनकी कीमतों में 28.96 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि जून में यह 22.65 प्रतिशत घटी थी।

विनिर्मित उत्पादों के मामले में मुद्रास्फीति जुलाई में बढ़कर 2.05 प्रतिशत रही, जबकि इससे पिछले महीने यह 1.97 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली में जुलाई में यह 2.43 प्रतिशत रही जबकि जून में यह 2.65 प्रतिशत थी।

खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखकर मौद्रिक रुख तय करने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने इस महीने की शुरुआत में नीतिगत दर रेपो को 5.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था। खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में आठ साल के निचले स्तर 1.55 प्रतिशत पर आ गई।

रुपया 10 पैसे टूटकर 87.57 प्रति डॉलर पर

आयातकों की ओर से डॉलर की निरंतर मांग के बीच रुपये पर दबाव बढ़ने से बृहस्पतिवार को यह शुरुआती बढ़त गंवाता हुआ 10 पैसे टूटकर 87.57 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, आयातकों की ओर से डॉलर की मांग और विदेशी पूंजी की निकासी के कारण रुपये ने शुरुआती बढ़त गंवा दी। इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार शुल्क मुद्दे पर अनिश्चितताओं के बीच समग्र नकारात्मक पूर्वाग्रह बना हुआ है।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 87.48 पर प्रति डॉलर खुला। दिन में 87.39 से 87.67 प्रति डॉलर के दायरे में घूमता रहा। अंत में यह 87.57 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 10 पैसे की गिरावट है। रुपया बुधवार को 87.47 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 97.82 आ गया।

घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स 57.75 अंक चढ़कर 80,597.66 अंक पर और निफ्टी 11.95 अंक की बढ़त के साथ 24,631.30 अंक पर बंद हुआ।

अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.49 प्रतिशत की बढ़त के साथ 65.95 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बुधवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 3,644.43 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

घरेलू व्यापक आर्थिक मोर्चे पर साख निर्धारित करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को भारत की साख को स्थिर परिदृश्य के साथ बढ़ाकर ‘बीबीबी’ कर दिया।

रेटिंग एजेंसी ने मजबूत आर्थिक वृद्धि, राजकोषीय मजबूती के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता और महंगाई को काबू में लाने के लिए बेहतर मौद्रिक नीति उपायों का हवाला देते हुए 19 साल बाद भारत की रेटिंग बढ़ायी है।

एसएंडपी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी शुल्क का असर प्रबंधन के दायरे में होगा। भारत पर अगर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया जाता है तो इससे वृद्धि पर कोई बड़ा असर पड़ने की आशंका नहीं है।

रेटिंग में यह बदलाव ऐसे समय में किया गया है जब हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को ‘‘ बेजान अर्थव्यवस्था’’ बताया था।

सोना 400 रुपये मजबूत, चांदी 1,500 रुपये उछली

मजबूत वैश्विक रुख के अनुरूप स्टॉकिस्टों की ताजा लिवाली से बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 400 रुपये बढ़कर 1,01,420 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी है।

पिछले कारोबारी सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,01,020 रुपये प्रति 10 ग्राम रही थी।

वहीं 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना बृहस्पतिवार को 400 रुपये बढ़कर 1,01,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गया। बुधवार को यह 1,00,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को चांदी की कीमतें 1,500 रुपये बढ़कर 1,13,500 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) हो गई।

ऑग्मोंट की शोध प्रमुख रेनिशा चैनानी ने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा सितंबर की बैठक में ब्याज दर में कटौती फिर से शुरू करने की उम्मीद के साथ सोने और चांदी की कीमतों में तेजी आई। श्रम बाजार में नरमी के संकेतों ने और राहत की गुंजाइश प्रदान की, वहीं अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की हाल की रिपोर्ट ने शुल्क के कारण मुद्रास्फीति की चिंताओं को कम किया है।’’

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