श्रीनगर, 15 जुलाई . अमरनाथ यात्रा को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. पिछले 12 दिनों में 2.20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए. इसके साथ ही Tuesday को जम्मू से 6,388 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था अमरनाथ यात्रा के लिए कश्मीर रवाना हुआ.
अधिकारियों ने बताया कि 3 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा के बाद से अब तक 2.20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए.
अधिकारियों ने बताया कि Tuesday को भगवती नगर यात्री निवास से 6,388 यात्रियों का एक और जत्था दो काफिलों में कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ. पहला काफिला, जिसमें 103 वाहनों में 2,501 यात्री थे, सुबह 3:26 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए निकला. दूसरा काफिला, जिसमें 145 वाहनों में 3,887 यात्री थे, सुबह 4:15 बजे नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुआ.
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है. अधिकारियों ने कहा कि बालटाल और नुनवान (पहलगाम) बेस शिविरों से यात्रियों को पवित्र गुफा की ओर जाने की अनुमति मौसम की स्थिति देखने के बाद ही दी जाएगी.
अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यह यात्रा पहलगाम हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी.
180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत बढ़ाने के लिए लाया गया है. जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक के पूरे रास्ते और दोनों आधार शिविरों के रास्ते में सभी पारगमन शिविरों को सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया है. सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा ताकत को बढ़ाने के लिए सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियां लाई गई हैं. पूरे मार्ग को सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित कर लिया गया है.
पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं.
तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं. वहीं, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यात्रा पूरी करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है. सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है.
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का दिन है.
श्री अमरनाथ जी यात्रा भक्तों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थयात्राओं में से एक है, क्योंकि किंवदंती है कि भगवान शिव ने इस गुफा के अंदर माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे.
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पीएसके
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