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स्टालिन ने 10,000 ग्राम सभाओं को किया संबोधित; ग्रामीण विकास के लिए सामूहिक प्रयास पर दिया बल

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चेन्नई, 11 अक्टूबर . Chief Minister एम.के. स्टालिन ने Saturday को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तमिलनाडु की 10,000 से ज्यादा ग्राम सभाओं को संबोधित किया. उन्होंने ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया.

स्थानीय आवश्यकताओं की पहचान करने और जीवन स्तर व बुनियादी ढांचे में सुधार के उद्देश्य से प्रस्ताव पारित करने हेतु 12,480 ग्राम पंचायतों में एक साथ बैठकें आयोजित की गईं.

इस अवसर पर Chief Minister ने कहा, “गांव हमारे राष्ट्र की रीढ़ हैं. जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा था, स्वतंत्र India की शक्ति उसके गांवों में निहित है. हमने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और स्थानीय शासन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं. ये पहल तमिलनाडु की पंचायतों के विकास की नींव रखती हैं.”

ग्राम सभाओं को सहभागी लोकतंत्र के मंच के रूप में प्रस्तुत करते हुए, स्टालिन ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को पंचायत प्रशासन का हिस्सा बनने का अधिकार है.

उन्होंने आगे कहा, “इसलिए हर साल छह ग्राम सभा बैठकें आयोजित की जाती हैं, जहां लोग विकास लक्ष्यों, कल्याणकारी उपायों पर चर्चा करते हैं और प्रमुख प्रस्ताव पारित करते हैं.”

Chief Minister ने निवासियों से प्रत्येक पंचायत की तीन प्रमुख आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने और ‘नम्मा ऊरु नम्मा अरासु’ (हमारा गांव, हमारा शासक) योजना के तहत प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया.

उन्होंने अधिकारियों को गांव की गलियों, सड़कों और सार्वजनिक स्थानों से जाति-आधारित नाम हटाने और सामुदायिक सहमति से उनकी जगह तटस्थ या प्रकृति-प्रेरित नाम रखने का भी निर्देश दिया.

उन्होंने स्पष्ट किया, “अगर जनता किसी मौजूदा नाम को ही रखना चाहती है, तो उसे बदलने की जरूरत नहीं है.”

स्टालिन ने शिक्षा और बाल कल्याण के महत्व पर जोर दिया और ग्रामीणों से बाल श्रम की किसी भी घटना की सूचना जिला प्रशासन को देने को कहा.

उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों के योगदान की सराहना की और घोषणा की कि इस पहल का अगला चरण ‘विद्याल यात्रा’ कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं की छात्रवृत्ति और उद्यमिता पर केंद्रित होगा.

Chief Minister ने पंचायतों से मानसून संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए निवारक कदम उठाने, वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने, प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगाने और डेंगू की रोकथाम के उपायों को तेज करने की भी अपील की.

इन ग्राम सभाओं के दौरान, ग्रामीण परिवारों के लिए गरीबी उन्मूलन ऋण, लाभार्थियों की प्राथमिकता और सतत विकास की रणनीतियों सहित 16 प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई.

केंद्र Government के निर्देशानुसार, 7,515 ग्राम पंचायतों की बैठकों की वीडियो रिकॉर्डिंग ‘एसयूबीएसयूआर वेब पोर्टल’ पर अपलोड की जा रही है. अधिकारियों ने पुष्टि की कि इसी महीने के अंत में तमिलनाडु के 12,838 शहरी वार्डों में भी इसी तरह की भागीदारी बैठकें आयोजित की जाएंगी.

केआर/

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