New Delhi, 23 अक्टूबर . एक युवा, पांच बार के सांसद, पूर्व Union Minister और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान BJP MP अनुराग सिंह ठाकुर का सार्वजनिक जीवन किसी रोलर कोस्टर से कम नहीं रहा है.
अनुराग सिंह ठाकुर का जन्म 24 अक्टूबर 1974 को हुआ था. वह एक मजबूत Political नींव के साथ मैदान में उतरे. उनके पिता, प्रेम कुमार धूमल, Himachal Pradesh के पूर्व Chief Minister थे. इस पारिवारिक विरासत ने उन्हें Political उत्तराधिकार का एक निर्णायक लॉन्चपैड दिया. मई 2008 में, उन्होंने हमीरपुर Lok Sabha उपचुनाव में जीत दर्ज की और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
2009, 2014, 2019, और 2024 में लगातार जीत ने यह भी दर्शाया कि उनका जनाधार किसी भी Political उतार-चढ़ाव से अप्रभावित है. 2024 के आम चुनावों में भी, अपनी पांचवीं जीत में, उन्होंने 57.97 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 1.82 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की.
संसद के भीतर उनकी सक्रियता ने उन्हें केंद्रीय नेतृत्व की नजर में ला दिया. 16वीं Lok Sabha के दौरान उन्हें मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया और वह इस पद को संभालने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बने.
Political स्थिरता के साथ-साथ, अनुराग ने खुद को भाजपा के भीतर एक अपरिहार्य संगठनात्मक चेहरा बनाया. 2011 से 2016 तक, उन्होंने भाजपा की युवा शाखा, भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्य किया.
इस दौरान, उन्होंने ‘राष्ट्रीय एकता यात्रा’ (कोलकाता से कश्मीर) जैसी प्रमुख पहल का नेतृत्व किया, जिसने जमीनी स्तर पर कैडर को एकजुट किया. लेकिन उनकी सबसे बड़ी खूबी यह थी कि उन्होंने तीन अलग-अलग भाजपा अध्यक्षों (नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और अमित शाह) के अधीन काम किया.
अनुराग ठाकुर के बहुआयामी करियर का सबसे नाटकीय और उच्च-दांव वाला चरण खेल प्रशासन में था. वर्ष 2000 में, उन्होंने Himachal Pradesh क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) के अध्यक्ष का पद संभाला, जिसके बाद धर्मशाला में सुरम्य अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम सहित पांच स्टेडियमों के विकास का श्रेय उन्हें दिया जाता है. इस दौरान, उन्होंने रणजी ट्रॉफी में Himachal Pradesh के लिए एक मैच भी खेला था.
मई 2016 में, वह निर्विरोध रूप से बीसीसीआई के अध्यक्ष चुने गए, जो भारतीय खेल प्रशासन का सर्वोच्च पद था. हालांकि, उनका यह नौ महीने का कार्यकाल Supreme court द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के विवादों से घिरा रहा.
2019 में, अनुराग ठाकुर को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. उन्होंने पहले वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने निर्मला सीतारमण के अधीन कोविड-19 महामारी के आर्थिक प्रतिक्रिया और कॉर्पोरेट मामलों का प्रबंधन करते हुए मूल्यवान कार्यकारी अनुभव प्राप्त किया.
जुलाई 2021 में, उन्हें सूचना एवं प्रसारण और युवा मामले एवं खेल मंत्री की दोहरी जिम्मेदारी दी गई. वाईएएस में, उन्होंने ‘खेलो इंडिया’ जैसे जमीनी स्तर के खेलों पर ध्यान केंद्रित किया और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) के लिए बजटीय आवंटन में 70 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि सुनिश्चित की.
आई एंड बी मंत्री के रूप में, उन्होंने डिजिटल मीडिया आचार संहिता के कार्यान्वयन पर जोर दिया और India को मीडिया और मनोरंजन उद्योग के लिए एक पोस्ट-प्रोडक्शन हब बनाने के उद्देश्य से एवीजीसी (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स) क्षेत्र को बढ़ावा दिया.
इसके अतिरिक्त, 2016 में प्रादेशिक सेना में एक नियमित अधिकारी (लेफ्टिनेंट) के रूप में कमीशन प्राप्त करना और 2021 में कैप्टन के पद पर पदोन्नत होना, उनके सार्वजनिक जीवन में अनुशासन और देशभक्ति की एक और मजबूत परत जोड़ता है, जो भाजपा के राष्ट्रवाद के लोकाचार के साथ पूरी तरह से मेल खाता है.
2024 के Lok Sabha चुनावों में लगातार पांचवीं जीत के बावजूद, तीसरे मोदी मंत्रिमंडल (जून 2024) से उनका बाहर होना एक Political पहेली बन गया.
अनुराग ठाकुर की उपलब्धियों की बात करें, तो इन्हें साल 2011 में सर्वश्रेष्ठ युवा सांसद पुरस्कार मिला था. 2014 में विश्व आर्थिक मंच द्वारा युवा वैश्विक नेता की उपाधि मिली. फाइनेंशियल टाइम्स की ’25 भारतीयों पर नजर रखने वाली’ सूची में अनुराग ठाकुर का नाम मौजूद है.
इंडिया टुडे पत्रिका में ‘Narendra Modi के नवरत्नों’ में से एक के रूप में शामिल हैं. सांसद के रूप में उनके विशिष्ट प्रदर्शन के लिए, 2019 में संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2019 में सामाजिक कल्याण में अनुकरणीय योगदान के लिए चैंपियंस ऑफ चेंज पुरस्कार से अनुराग को सम्मानित किया गया.
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वीकेयू/डीकेपी
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