चंडीगढ़, 20 जुलाई . चंडीगढ़ की सबसे बड़ी फर्नीचर मार्केट पर Sunday को बड़ी कार्रवाई की गई. प्रशासन ने वर्षों से जमी फर्नीचर की करीब 116 दुकानों पर बुलडोजर चला कर उन्हें जमींदोज कर दिया. इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती रही और पूरे इलाके की सड़कों को अस्थायी रूप से बंद कर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया.
प्रशासन ने इस कार्रवाई को Supreme court के 2020 के ‘इंदौर डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाम मनोहरलाल’ फैसले के तहत अंजाम दिया. इस फैसले में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सरकारी जमीन पर अवैध रूप से व्यवसाय करने वालों को अतिक्रमणकारी माना जाएगा और ऐसे मामलों में उन्हें भूमि आवंटन में कोई प्राथमिकता नहीं दी जाएगी.
प्रशासन के मुताबिक, फर्नीचर मार्केट के दुकानदारों ने करीब 15 एकड़ जमीन पर कब्जा कर रखा था, जिसे वर्ष 2002 में ही अधिगृहीत कर लिया गया था. 227.22 एकड़ जमीन जिसमें कजहेड़ी, बड़हेड़ी और पलसौरा गांव की भूमि शामिल है, को सेक्टर-53, 54 और 55 के विकास के लिए अधिग्रहित किया गया था. मुआवजा और बढ़ा हुआ मुआवजा भी जमीन मालिकों को पहले ही दिया जा चुका है.
प्रशासन की इस कार्रवाई से प्रभावित दुकानदारों का कहना है कि हम 1986 से इस जगह पर कारोबार कर रहे हैं और इसी जमीन पर अपनी आजीविका का निर्माण किया है. हम अतिक्रमणकारी नहीं, मेहनतकश लोग हैं. अगर हटाना ही था, तो हमें वैकल्पिक स्थान दिया जाना चाहिए था. दुकानदारों ने प्रशासन से भूमि आवंटन में प्राथमिकता देने की मांग की थी, जिसे एस्टेट ऑफिसर-कम-डीसी ने 9 जनवरी 2025 को खारिज कर दिया था.
इस कार्रवाई से पहले, प्रशासन ने 22 जून 2024 को सभी दुकानदारों को नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें एक सप्ताह के भीतर दुकानें हटाने का निर्देश दिया गया था. लेकिन, जब मार्केट खाली नहीं हुई, तो Sunday को यह सख्त कार्रवाई की गई.
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पीएसके
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