Next Story
Newszop

शरीर को लचीलापन और मन को शांति देता है वक्रासन, आयुष मंत्रालय ने बताए फायदे

Send Push

New Delhi, 23 अगस्त . आज की तेज रफ्तार जिंदगी में मानसिक तनाव, पाचन संबंधी गड़बड़ी और डायबिटीज जैसी बीमारियां आम होती जा रही हैं. लोग काम के बोझ, अनियमित दिनचर्या और गलत खानपान के कारण न सिर्फ मानसिक रूप से थक जाते हैं, बल्कि शारीरिक रूप से भी कमजोर होते जा रहे हैं. ऐसे में योग एक ऐसा साधन बनकर उभरा है, जो न केवल इन समस्याओं से राहत देता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन को संतुलित करता है. इन्हीं योगासनों में से एक है ‘वक्रासन’.

वक्रासन को लेकर हाल ही में आयुष मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर वक्रासन से जुड़े लाभों और इसकी सही अभ्यास विधि को साझा किया है. इस पोस्ट के माध्यम से मंत्रालय ने लोगों को बताया कि किस प्रकार वक्रासन नियमित करने से शरीर में सकारात्मक बदलाव आते हैं.

रीढ़ की हड्डी को लचीलापन और मजबूती: वक्रासन करते समय जब शरीर को एक ओर मरोड़ा जाता है, तो इससे रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है, जो उसकी लचीलापन को बढ़ाता है और उसे मजबूत बनाता है. यह उन लोगों के लिए खासतौर से लाभकारी है जो दिनभर कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं.

पाचन तंत्र को करता है सक्रिय: पेट के आसपास की मांसपेशियों पर दबाव बनने से पाचन तंत्र सक्रिय होता है, जिससे गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है. यह आसन पेट को हल्का बनाए रखता है.

डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार: वक्रासन से अग्न्याशय यानी पैंक्रियास अच्छी तरह से काम करने लगता है. यह अंग शरीर में इंसुलिन नाम का हार्मोन बनाता है, जो शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है. यह योगासन शुगर के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है.

मानसिक तनाव और थकान में राहत: यह आसन गहरी सांस के साथ किया जाता है, जिससे मस्तिष्क को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है और मन शांत होता है. दिनभर की थकान और मानसिक बेचैनी को दूर करने के लिए यह एक प्रभावी उपाय है.

फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार: शरीर को मोड़ने के साथ जब सांस को नियंत्रित किया जाता है, तो इससे फेफड़ों की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं. यह श्वास प्रणाली को बेहतर बनाता है और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है.

शरीर की चर्बी घटाने में मददगार: वक्रासन पेट की मांसपेशियों पर काम करता है, जिससे पेट की चर्बी कम होने में सहायता मिलती है. इसके नियमित अभ्यास से शरीर संतुलित रहता है.

वक्रासन का अभ्यास

वक्रासन के लिए सबसे पहले दंडासन में बैठ जाएं. अब बाएं पैर को मोड़कर दाएं घुटने के पार रखें. दाएं हाथ को घुमा कर बाएं पैर के पास ले जाएं और बाएं हाथ को पीछे जमीन पर टिकाएं. धीरे-धीरे कमर, कंधे और गर्दन को बाईं ओर मोड़ें. रीढ़ सीधी रखें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें. इस स्थिति में 30 सेकंड रुकें, फिर धीरे-धीरे वापस आएं. अब यही प्रक्रिया दूसरी ओर दोहराएं.

आयुष मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी को पीठ दर्द हो, हाल ही में सर्जरी हुई हो, रीढ़ की कोई गंभीर समस्या हो या महिलाओं को मासिक धर्म हो, तो इस आसन का अभ्यास न करें.

पीके/एएस

Loving Newspoint? Download the app now