Next Story
Newszop

सोशल मीडिया-ओटीटी के अश्लील कंटेंट पर रोक की मांग वाली नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

Send Push

नई दिल्ली, 9 मई . ओटीटी और सोशल मीडिया के अश्लील कंटेंट पर रोक को लेकर दायर एक नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इनकार कर दिया.

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर इस याचिका में कुछ अतिरिक्त तथ्य हैं तो इसी मुद्दे पर दाखिल पुरानी याचिका में इस मांग को रखें. इसी मामले पर दाखिल एक याचिका पर पहले ही सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार से जवाब मांग चुका है.

नई याचिका में मांग की गई है कि अदालत नेशनल कंटेंट कंट्रोल अथॉरिटी का गठन करे जो इन प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता को रोकने के लिए दिशानिर्देश तय करे.

गत 28 अप्रैल को ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अश्लील कंटेंट के प्रसारण पर रोक लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था. कोर्ट ने जिन प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी किया है, उनमें नेटफ्लिक्स, अमेजन, उल्लू डिजिटल लिमिटेड, ऑल्ट बालाजी, ट्विटर, मेटा प्लेटफॉर्म और गूगल शामिल हैं.

पूर्व सूचना आयुक्त उदय माहूरकर समेत अन्य ने दायर याचिका में मांग की थी कि कोर्ट केंद्र सरकार को नेशनल कंटेंट कंट्रोल अथॉरिटी का गठन करने का निर्देश दे, जो इन प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता को रोकने के लिए दिशानिर्देश तय करे.

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि यह एक गंभीर चिंता पैदा करती है. केंद्र को इस बारे में कुछ करना चाहिए. यह मामला कार्यपालिका या विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है. ऐसे भी हम पर आरोप हैं कि हम कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में दखल देते हैं. फिर भी हम नोटिस जारी कर रहे हैं.

याचिका में दावा किया गया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई ऐसे पेज और प्रोफाइल सक्रिय हैं जो बिना किसी नियंत्रण के अश्लील कंटेंट प्रसारित कर रहे हैं. इसके अलावा, कई ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर भी ऐसे कंटेंट हैं, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी के तत्त्व भी पाए जाते हैं. याचिका में कहा गया कि इससे विकृत और अप्राकृतिक यौन प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिलता है, जिससे अपराध दर में भी बढ़ोतरी हो रही है.

एमटी/एकेजे

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now