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कैंसर से जंग लड़ते हुए भी हिना खान ने रखा फिटनेस का ख्याल, बनी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा

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Mumbai , 1 अक्टूबर . टीवी और फिल्म इंडस्ट्री में कई कलाकार होते हैं जो अपने काम के साथ-साथ अपने जीवन की चुनौतियों से भी जूझते हैं. ऐसे में जब कोई सेलिब्रिटी बड़ी मुश्किल बीमारियों का सामना करते हुए भी अपने काम और फिटनेस को लेकर समर्पित रहती है, तो वह सभी के लिए प्रेरणा बन जाती है. भारतीय टेलीविजन की लोकप्रिय Actress हिना खान ने भी अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं.

हिना का नाम सिर्फ उनकी अदाकारी के लिए ही नहीं, बल्कि उनके मजबूत हौसले और फिटनेस के प्रति समर्पण के लिए भी जाना जाता है. जब वह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं, तब भी उन्होंने जिम और योगा से दूरी नहीं बनाई. उनका फिटनेस डेडिकेशन सचमुच लोगों को प्रेरणा देता है.

हिना खान का जन्म 2 अक्टूबर 1987 को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुआ था. शुरू में उनका मन पत्रकारिता की पढ़ाई करने का था, लेकिन समय के साथ उनकी रुचि और किस्मत उन्हें अभिनय की दुनिया में ले आई. हिना ने दिल्ली से एमबीए की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद Mumbai आकर एयर होस्टेस बनने की तैयारी भी की. लेकिन किस्मत ने उनका रास्ता बदला और उन्होंने ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ नामक लोकप्रिय टीवी शो के लिए ऑडिशन दिया. यह शो उनके करियर की पहली बड़ी पहचान साबित हुआ. अक्षरा सिंघानिया के किरदार में उन्होंने लाखों दर्शकों का दिल जीता. उनकी सादगी, अभिनय क्षमता और स्क्रीन पर उनकी उपस्थिति ने उन्हें टीवी की सबसे पसंदीदा अभिनेत्रियों में से एक बना दिया.

हिना खान ने इसके बाद भी कई टीवी शो और वेब सीरीज में काम किया. ‘कसौटी जिंदगी की 2’ में उन्होंने कोमोलिका का नेगेटिव रोल निभाया, जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया. इसके अलावा, हिना ने रियलिटी शो जैसे ‘बिग बॉस 11’ और ‘खतरों के खिलाड़ी’ में भी हिस्सा लिया. उन्होंने अपने अभिनय और मेहनत से कई पुरस्कार भी जीते हैं, जिनमें भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कार, इंडियन टेली अवार्ड्स और गोल्ड अवार्ड्स प्रमुख हैं. इन पुरस्कारों ने उनके करियर को और ऊंचाइयों तक पहुंचाया.

लेकिन हिना खान की जिंदगी में एक ऐसा मोड़ भी आया, जब उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने का पता चला, जो तीसरी स्टेज तक पहुंच चुका था. यह खबर उनके प्रशंसकों के लिए एक बड़ा झटका थी, मगर हिना ने हार नहीं मानी. उन्होंने बीमारी से लड़ते हुए भी अपनी सकारात्मकता और हिम्मत का परिचय दिया. कैंसर के इलाज के दौरान भी वे अपनी फिटनेस का खास ख्याल रखती रहीं. डॉक्टरों की सलाह और अपने दृढ़ संकल्प से वे नियमित रूप से योगा और जिम करती रहीं. इस दौरान उनकी यह लगन और मेहनत सबके लिए प्रेरणा बन गई.

पीके/एएस

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