New Delhi, 19 अगस्त . एयर मार्शल नागेश कपूर को 2025 में परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम) से सम्मानित किया गया है. उन्होंने दिसंबर 1985 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी और 6 दिसंबर 1986 को भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ब्रांच के लड़ाकू विमान में कमीशन प्राप्त किया था.
एयर मार्शल नागेश कपूर ने अपने 38 वर्षों के शानदार करियर में मिग-21 और मिग-29 सहित विभिन्न लड़ाकू विमानों को उड़ाया है और उनके पास 3400 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है.
एयर मार्शल कपूर ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण फील्ड और स्टाफ पदों पर कार्य किया है. वे मध्य क्षेत्र में एक लड़ाकू स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर, पश्चिमी क्षेत्र में एक फ्लाइंग बेस के स्टेशन कमांडर और एक प्रमुख एयर बेस के एयर ऑफिसर कमांडिंग रहे हैं. इसके अलावा, वायु सेना अकादमी में मुख्य प्रशिक्षक (उड़ान) और रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन में डायरेक्टिंग स्टाफ के रूप में भी उन्होंने योगदान दिया है.
उन्होंने वायु सेना अकादमी में पीसी-7 एमके II विमान को शामिल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. एयर मार्शल कपूर ने पाकिस्तान में रक्षा अताशे के रूप में राजनयिक जिम्मेदारी भी संभाली है. उनकी अन्य प्रमुख नियुक्तियों में वायु सेना मुख्यालय में सहायक वायु सेना संचालन प्रमुख (रणनीति) और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान में वायु रक्षा कमांडर शामिल हैं.
उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें 2008 में वायु सेना पदक, 2022 में अति विशिष्ट सेवा पदक, और 2025 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया.
इसे लेकर एयर मार्शल नागेश कपूर ने कहा, “यह पदक निश्चित रूप से सोने पर सुहागा है. यह किसी भी लड़ाकू सैनिक के लिए अपने करियर के दौरान सरकार और देश की जनता द्वारा मान्यता प्राप्त करने का सबसे बड़ा संतोष है.”
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डीकेपी/
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