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मुंब्रा फेक करेंसी मामले में एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने आरोपी को सश्रम कारावास की सुनाई सजा

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Mumbai , 31 जुलाई . ठाणे के मुंब्रा में साल 2019 में सामने आए फेक करेंसी केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की स्पेशल कोर्ट, Mumbai ने एक और आरोपी को सश्रम कारावास (आरआई) और जुर्माने की सजा सुनाई.

500-500 रुपए के 82 हजार के फेक इंडियन करेंसी नोट (एफआईसीएन) की बरामदगी के बाद जसीम उर्फ वसीम सलीम शेख को गिरफ्तार किया गया. एनआईए की विशेष अदालत ने इस मामले में दोषी ठहराए गए जसीम को 5 साल, 7 महीने और 10 दिन के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उस पर 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

इस मामले में कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और उनमें से एक इशाक खान को इस साल मई की शुरुआत में दोषी ठहराया गया था.

अदालत ने इशाक खान को 5 साल के कठोर कारावास और 10,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी. तीसरे आरोपी की पहचान राधाकृष्ण अडप्पा के रूप में हुई है. उसके खिलाफ मुकदमा चल रहा है.

एनआईए की खुफिया जानकारी के आधार पर मुंब्रा पुलिस ने घर की तलाशी लेने के बाद जसीम को गिरफ्तार किया. जांच में पता चला कि उसने कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले स्थित ताल गौरीबिदनूर में केएसआरटीसी बस स्टैंड के बाहर से फेक इंडियन करेंसी नोट की डिलीवरी ली थी. मुंब्रा पुलिस ने अगस्त 2019 में जसीम और अडप्पा दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.

एनआईए ने जांच अपने हाथ में लेने के बाद पाया कि आरोपी इशाक खान, जो उस समय एक अन्य अपराध में कोलकाता जेल में बंद था, ने जसीम तक फेक करेंसी नोट की डिलीवरी का समन्वय किया था. इसके बाद एजेंसी ने इस मामले में इशाक को गिरफ्तार किया.

जांच के दौरान विभिन्न दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी बरामद किए गए. साक्ष्यों के आधार पर एनआईए ने जनवरी 2020 में तीनों आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था.

डीकेपी/

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