वाराणसी, 2 अक्टूबर . प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का Thursday को निधन हो गया. उनकी बेटी नम्रता मिश्रा ने बताया कि अंतिम संस्कार वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा.
पैतृक गांव में छन्नूलाल मिश्र को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का तांता लग गया. गायक की बेटी नम्रता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि काशी उनकी आत्मा में बसती थी, उनका जाना संगीत जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है.
नम्रता ने कहा, मैं मां विंध्यवासिनी से प्रार्थना करती हूं कि मेरे पिता को अपने श्रीचरणों में स्थान दें. उनका आशीर्वाद हम पर बना रहे. मेरे पिता सभी से प्रेम करते थे. काशी उनकी आत्मा में बसती थी. मेरे बड़े भाई दिल्ली से आ रहे हैं. उनके पहुंचते ही हम मणिकर्णिका घाट पर पिताजी का अंतिम संस्कार करेंगे.”
उन्होंने कहा, “पूरे शासन-प्रशासन का बहुत सहयोग मिला. डॉक्टर्स की पूरी टीम लगी थी. सबने अपना पूरा प्रयास किया, लेकिन पिता को बचा नहीं पाए. उनका जाना संगीत जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है. यह बात हर कलाकार, हर संगीत प्रेमी समझ सकता है. अब पिताजी की आवाज रिकॉर्ड और social media के माध्यम से हमारे बीच रहेगी.”
बता दें कि छन्नूलाल मिश्रा को तीन सप्ताह पहले हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उन्हें बीएचयू के इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया. जांच के दौरान उनके सीने में इंफेक्शन और शरीर में खून की कमी पाई गई. कुछ दिनों तक इलाज चलने के बाद वह ठीक हुए तो बीएचयू से छुट्टी मिल गई.
मगर बाद में फिर से उनकी तबीयत खराब हो गई. इसके बाद उन्हें मिर्जापुर के ओझला पुल स्थित रामकृष्ण सेवा मिशन चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उनकी जांच की गई. यहां तमाम कोशिशें करने के बाद भी डॉक्टर्स उन्हें बचा नहीं पाए. Thursday सुबह उनका निधन हो गया.
साल 2014 के Lok Sabha चुनाव में पीएम मोदी ने जब वाराणसी से चुनाव लड़ा तो छन्नूलाल मिश्र उनके प्रस्तावक बने थे. उन्हें 2010 में पद्म भूषण और 2020 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
–
जेपी/वीसी
You may also like
शिमला में दशहरे की धूम, मुख्यमंत्री ने जाखू में किया पुतला दहन
भारत-चीन के बीच अक्टूबर अंत तक डायरेक्ट फ्लाइट फिर से शुरू होंगी: विदेश मंत्रालय
पंडित छन्नूलाल मिश्र का संगीत ईश्वर से जोड़ देता था : डॉ. सोमा घोष
AFG vs BAN 1st T20I: अफगानिस्तान ने टॉस जीतकर चुनी बल्लेबाज़ी, देखें दोनों टीमों की प्लेइंग XI
'कांतारा: चैप्टर 1' ने मेरी जिंदगी को नई दिशा दी : रुक्मिणी वसंत