यूरिन या पेशाब में जलन की समस्या 50 प्रतिशत महिलाओं को होती है। फीमेल हो या मेल सभी को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कभी-कभी ये समस्या अधिक बढ़ जाती है। जिसके कारण आपको एक मिनट बैठना भी असंभव हो जाता है।
कुछ लोगों को इस समस्या से जल्द ही निजात मिल जाता है, तो किसी को अधिक समय भी लग जाता है। इसके लिए कई लोग लगातार उपचार भी लेते है। माना जाता है कि जब हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
तब ये समस्या और बढ़ जाती है। पेशाब में जलन बहुत ही आम समस्या है, जो मूत्र मार्ग में संक्रमण, किडनी में स्टोन और हिहाइड्रेशन आदि के कारण होती है। जानिए यूरिन में जलन की समस्या से निजात पाने के घरेलू उपाय।
इस तकलीफ में पेशाब कम मात्रा में, रुक रुक के, थोड़ा-थोड़ा आता है और साथ में जलन होती है। आयुर्वेद में इस परेशानी को मूत्रकृच्छ कहा जाता है। पेशाब में जलन होने की समस्या स्त्री व पुरुष दोनों में भी हो सकती है। लगभग 100 में से 80 प्रतिशत लोग कभी न कभी इस बीमारी से परेशान हुए होते है।
पेशाब में जलन होना पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए एक आम समस्या हैं और समय-समय पर लोगों का इससे सामना होता रहता हैं। लेकिन शर्मिंदगी के कारण किसी को बता नहीं पाते। कुछ लोगों को इससे जल्द राहत मिल जाती है तो कई लोग इससे लम्बे समय तक परेशान रहते हैं।
गर्मियों के दिनों में गर्म चीजों के ज्यादा सेवन से यह समस्या उभर कर आती हैं। लेकिन अगर यह समस्या लम्बे समय तक चले तो किसी ओर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श ले। आज हम आपको All Ayurvedic के माध्यम से इस समस्या के कुछ घरेलु इलाज बताने जा आरहे हैं, आइये जानते हैं उनके बारे में…
पेशाब में जलन का आयुर्वेदिक इलाजएक गिलास पानी में एक चम्मच धनिया पाउडर डालकर रात भर रखे और सुबह उसे छानकर उसमें शक्कर या गुड मिलाकर पी लीजिए।
ककड़ी में भरपूर मात्रा में पानी पाया जाता है। साथ ही यह पाचन क्रिया को ठीक रखता है। ककड़ी में क्षारीय तत्व भी पाए जाते है, जो मूत्र की कार्यप्रणाली के सुचारु रूप से संचालन में सहायक होती हैं।
जब शरीर में पानी की कमी के कारण यह समस्या हो जाती है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो यूरिन का रंग पीला हो जाता है। इसलिए अधिक से अधिक पानी पीएं। साथ ही नारियल पानी का सेवन भी करें क्योंकि यह डिहाइड्रेशन तथा पेशाब की जलन को ठीक करता है।
बादाम की 5 गिरी और 6 – 7 इलायची को मिश्री के साथ बारीक पीसकर रख लें और एक गिलास पानी में घोलकर इसे पी जाए इससे भी आप को राहत मिलेगी।
नारियल पानी का सेवन भी करें क्योंकि यह डिहाइड्रेशन तथा पेशाब की जलन को ठीक करता है। आप चाहें तो नारियल पानी में गुड और धनिया पाउडर मिलाकर भी पी सकते हैं।
300 ग्राम दूध और 300 ग्राम पानी में मिश्री मिलाकर रोजाना खाली पेट सात दिनों तक पिने से इस रोग में पूरा आराम मिल जाता है। सौंफ और मिश्री को रात में पानी में डालकर रख दें सुबह मसलकर, छानकर इनमे कच्चा दूध मिलाकर पिए तो तीन चार दिन में जलन और पेशाब में इन्फेक्शन का इलाज होता हैं।
रात को सोने के पहले एक मुट्ठी गेहूं पानी में भिगोकर रखें। सुबह इसी पानी में गेहूं को पीस लें और छानकर इसमें मिश्री मिलाकर पी जाएं। हफ्ते भर तक यह प्रयोग करने से पेशाब में दर्द व जलन में राहत मिलेगी।
कुछ दिन गुनगुना पानी पिने से पेशाब करते हुए होने वाले दर्द से आराम मिलता है। थोड़ा पानी कच्चे दूध में मिलाकर पीने से भी आराम मिलता है और इसके इलावा थोड़ी फिटकरी पानी में डाल कर दिन में दो से तीन बार पीने से भी दर्द में आराम मिलता है।
विटामिन सी से भरपूर फल यानी सिट्रिक फ्रूट मूत्र संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारता है। जिससे पेशाब में जलन नहीं होती। इसलिए विटामिन सी से भरपूर फल खाइये। इसके अलावा विटामिन सी से भरपूर आंवला भी पेशाब की जलन को ठीक करने में सहायक होता है। इलायची और आंवले के चूर्ण समान भाग में मिलाकर पानी के साथ लेने से पेशाब की जलन ठीक होती है।
5 ग्राम प्याज को बारीक़ काट ले और आध किलो पानी में अच्छे से उबाले फिर आधा पानी रहने पर छानकर ठंडा हो जाने पर इसे पि जाए। यह पेशाब की जलन रोकने का उपाय बहुत ही कारगर है व यूरिन में जलन का इलाज करता है।
कलमी शोरा, बड़ी इलायची के दाने, मलाई रहित ठंडा दूध व पानी पेशाब की जलन को दूर करने में मदद करता है। कलमी शोरा व बड़ी इलायची के दाने पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। एक चम्मच चूर्ण लेकर उसपर एक भाग दूध व एक भाग ठंडा पानी मिक्स करके पी लें। इस उपाय को दिन में तीन बार लें। बस दो दिन तक इस उपाय को इस्तेमाल करने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है।
हरा धनिया अच्छे से धो कर पानी में उबालें और ठंडा होने के बाद इसे मसल कर छान लें। इस पानी का सेवन दिन में दो से तीन बार करें। हर रोज सेब खाने से रात में बार बार पेशाब जाना कम होता है।
लगभग 50 ग्राम भुने हुए चने खाकर ऊपर थोड़ा गुड़ खिलाएं। इससे बहुमूत्रता की समस्या कम होगी। वृद्धों के लिए यह प्रयोग अधिक दिन तक करना होगा।
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