हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या ने राज्य के प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है. इस मामले में नया खुलासा हुआ है कि पूरन कुमार ने मरने से पहले तीन सुसाइड नोट छोड़े थे. एक नोट उनकी जेब में, दूसरा लैपटॉप बैग में और तीसरा उनके लैपटॉप में टाइप किया हुआ मिला. तीनों नोट में लिखी बातें एक जैसी थीं. उनकी IAS पत्नी अमनीत पी. कुमार ने डीजीपी और रोहतक एसपी पर साजिश का आरोप लगाया है.
IAS पत्नी ने खोला राज
अमनीत पी. कुमार उस समय जापान में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ सरकारी दौरे पर थीं. पूरन की आत्महत्या की खबर मिलते ही वे तुरंत चंडीगढ़ लौटीं. घर पहुंचकर उन्होंने अलमारी में रखा लैपटॉप बैग खोला, जिसमें सुसाइड नोट की एक कॉपी मिली. लैपटॉप में भी वही नोट टाइप किया हुआ था. अमनीत ने पुलिस को बताया कि उनके पति को फर्जी सबूतों के आधार पर फंसाया जा रहा था.
डीजीपी और एसपी पर सनसनीखेज आरोप
अमनीत ने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि उनके पति ने डीजीपी से संपर्क किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. एसपी बिजरनिया ने भी जानबूझकर कॉल नहीं उठाया. अमनीत ने मांग की है कि दोनों अधिकारियों पर SC-ST एक्ट और आत्महत्या के लिए उकसाने (धारा 108) के तहत मामला दर्ज हो.
15 कॉल, फिर भी नहीं मिला जवाब
घटना से कुछ घंटे पहले पूरन ने अपनी पत्नी को नौ पन्नों का सुसाइड नोट और वसीयत भेजी थी. नोट पढ़कर घबराईं अमनीत ने उन्हें 15 बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी अमूल्या को फोन कर तुरंत घर जाने को कहा. अमूल्या ने घर पहुंचकर देखा कि बेसमेंट का दरवाजा अंदर से बंद था. दरवाजा तोड़ने पर पूरन सोफे पर मृत पाए गए, उनके सिर से खून बह रहा था.
‘आज डिस्टर्ब न करें’
घर के कुक प्रेम सिंह ने पुलिस को बताया कि सुबह 10 बजे पूरन ने कहा था कि वे बेसमेंट में जा रहे हैं और उन्हें डिस्टर्ब न किया जाए. उन्होंने अपने कुत्ते को टहलाने से भी मना किया. 11 बजे वे थोड़ी देर के लिए ऊपर आए, खाना मंगाया और फिर बेसमेंट में चले गए. इसके बाद कोई हलचल नहीं हुई.
वसीयत में पत्नी को सब कुछ
6 अक्टूबर को पूरन ने एक वसीयत लिखी थी, जिसमें उन्होंने अपनी सारी संपत्ति ‘चंडीगढ़ का घर, मोहाली का प्लॉट, गुड़गांव की ऑफिस प्रॉपर्टी, बैंक खाते और शेयर’ पत्नी अमनीत के नाम कर दिए. वसीयत में साफ लिखा था कि उनकी मृत्यु के बाद अमनीत ही एकमात्र उत्तराधिकारी होंगी.
पोस्टमार्टम पर अड़ंगा
अमनीत ने चंडीगढ़ के सेक्टर 11 थाने में शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा कि जब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, वे पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं देंगी. फिलहाल पूरन का शव मेडिकल जांच के लिए रखा गया है.
सुसाइड नोट में बड़े नाम
पूरन के सुसाइड नोट में कई बड़े अधिकारियों के नाम हैं, जिनमें मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पूर्व मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पूर्व डीजीपी मनोज यादव, पी.के. अग्रवाल और राजीव अरोड़ा शामिल हैं. उन्होंने अपने बैचमेट्स पर जातिगत उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
नोट में लिखा है कि उन्होंने गृह मंत्री और मुख्य सचिव को शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. पूरन ने IPS कुलविंदर सिंह पर उन्हें धमकी देने और IPS माटा रवि किरण पर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. नोट के आखिरी पन्ने में उन्होंने लिखा, “मैं अब और नहीं सह सकता. मेरी मौत के लिए वही लोग जिम्मेदार हैं, जिन्होंने मुझे इस हालत तक पहुंचाया.”
SIT गठन की चर्चा
यह मामला अब हरियाणा पुलिस, गृह मंत्रालय और SC/ST आयोग की निगरानी में है. सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार विशेष जांच दल (SIT) के गठन पर विचार कर रही है. अमनीत ने कहा, “यह सिर्फ मेरे पति की मौत नहीं, बल्कि सिस्टम की परीक्षा है. मैं तब तक नहीं रुकूंगी, जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती.”
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