Modi government earned Rs 800 crore: जहां चाह, वहां राह. यह कहावत तो आपने खूब सुनी होगी. मोदी सरकार ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है. सरकार ने अपनी शानदार रणनीति से देश को स्वच्छ बनाने के साथ ही 800 करोड़ रुपये की कमाई भी कर डाली. इस बचत को आप इस तरह समझ सकते हैं कि पूरे चंद्रयान-3 मिशन पर 615 करोड़ रुपये का खर्च आया था. जबकि सरकार ने इससे भी कहीं ज्यादा 800 रुपये देश की झोली में डाल दिए.
कबाड़ बेचकर कमाए 800 करोड़ रुपये
रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पीएम मोदी के ‘स्वच्छता ही सेवा’ और ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ के मंत्र को सार्थक करते हुए एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. बीते महीने 2 से 31 अक्टूबर तक देशभर में चले चले स्वच्छता अभियान 5.0 के तहत में कबाड़ मुक्त पहल को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने 800 करोड़ रुपए की कमाई की है. जो देश के गौरवपूर्ण चंद्रयान-3 मिशन के 615 करोड़ रुपए के बजट से भी अधिक है.
84 मंत्रालयों ने अभियान में लिया भाग
यह अभियान न केवल सफाई का प्रतीक रहा, बल्कि प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता का भी उदाहरण बन गया. एक माह लंबे इस अभियान में 232 लाख वर्गफुट कार्यालय क्षेत्र खाली हुआ और करीब 29 लाख पुरानी फाइलें हटाई गईं. यह अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान माना जा रहा है, जिसमें 84 मंत्रालयों और विभागों ने मिलकर भाग लिया. यहां तक कि विदेशों में स्थित भारतीय मिशन भी इससे जुड़े.
ये 3 सीनियर मंत्री करते रहे निगरानी
अभियान का समन्वय प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग कर रहा था. वहीं केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, मनसुख मंडाविया और के. राम मोहन नायडू ने इसकी पूरी निगरानी की. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2021 से लेकर अब तक केंद्र सरकार ने अपने विभिन्न कार्यालयों से कबाड़ और अनुपयोगी वस्तुओं की बिक्री से लगभग 4,100 करोड़ रुपए की आय अर्जित की है.
‘सिर्फ सफाई नहीं, बल्कि सुशासन की क्रांति’
इस अभियान के दौरान, सरकारी भवनों में जमी धूल, अनुपयोगी फाइलें और टूटी मशीनें हटाई गईं. परिणामस्वरूप, अनेक मंत्रालयों में नई कार्य जगह बनी और डिजिटलाइजेशन की दिशा में एक बड़ा कदम आगे बढ़ा. सरकार की पहल से खुश केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘यह सिर्फ सफाई नहीं, बल्कि सुशासन की दिशा में एक क्रांति है. कबाड़ से कमाई और स्वच्छता, दोनों मिलकर आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत कर रहे हैं.’
खत्म की गईं 137 लाख से अधिक पुरानी फाइलें
बताते चलें कि पिछले चार वर्षों में सरकार ने इस अभियान के जरिए 696 लाख वर्गफुट से अधिक स्थान को पुनः इस्तेमाल में लेना शुरू किया. इस दौरान 137 लाख से अधिक पुरानी फाइलों को समाप्त किया गया. साथ ही 12 लाख से अधिक कार्यालय परिसरों में स्वच्छता अभियान चलाया.
इस अभियान ने जहां करोड़ों रुपये की राजस्व वृद्धि की, वहीं यह भी दर्शाया कि स्वच्छता केवल जिम्मेदारी नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का अभियान है. यह भारत की नई सोच का प्रतीक है, जहां संसाधनों का सदुपयोग, कार्यकुशलता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता एक साथ आगे बढ़ रहे हैं.
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