उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक मुस्लिम युवक ने हिंदू पहचान बनाकर एक युवती से विवाह किया। इस बात का पता युवती को आठ साल बाद चला, जब उसने सच्चाई का सामना किया। युवती ने पुलिस को अपनी पूरी कहानी सुनाई, जिसके बाद मामला दर्ज कर लिया गया और आरोपी की तलाश जारी है।
पीड़िता ने बताया कि वह रहीमाबाद की एक सामाजिक कार्यकर्ता है, जो महिलाओं की पेंशन और अन्य दस्तावेजों के लिए काम करती है। एक दिन उसे एक अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसमें फोन करने वाले ने अपना नाम विवेक बताया और पेंशन के बारे में जानकारी मांगी। इसके बाद वह कई बार फोन करने लगा और मिलने का दबाव डालने लगा।
युवती ने कहा कि एक दिन विवेक उसके घर आया और शादी का प्रस्ताव रखा। उसने अपना नाम विवेक रावत बताया और कहा कि वह हरदोई का रहने वाला है।
युवती ने बताया कि विवेक ने पूजा-पाठ किया, माथे पर तिलक लगाया और हाथ में कलावा बांधा, जिससे उसे उस पर शक नहीं हुआ। इसने उसका फायदा उठाया और शादी कर ली।
शादी का समय और स्थिति
युवती ने कमरुल के बारे में अपने परिवार से बात की, जिन्होंने भी उसके बारे में झूठी जानकारी दी। इसके बाद, कमरुल ने आर्य समाज मंदिर में 2017 में शादी कर ली। दोनों लखनऊ में किराए के मकान में रहने लगे। कोरोना महामारी के दौरान, युवती ने हरदोई जाने का दबाव बनाया, लेकिन कमरुल ने टालमटोल करना शुरू कर दिया।
कमरुल की असलियत का खुलासा
जब समय बीत गया, तो युवती ने फिर से हरदोई जाने की बात की। कमरुल ने फिर से टालने की कोशिश की। एक दिन, नौकरी की बात कहकर लखनऊ में रहने लगा। जब वह लंबे समय तक नहीं आया, तो युवती ने उसके घर जाकर सच्चाई का पता लगाया। वहां उसे पता चला कि उसका असली नाम कमरुल है और वह पहले से शादीशुदा है। जब उसने इसका विरोध किया, तो उसके परिवार ने उसे पीटकर भगा दिया।
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