पेशाब बार-बार आना एक आम समस्या प्रतीत हो सकती है, लेकिन यह आपकी सेहत के लिए गंभीर संकेत हो सकता है। यदि आप दिनभर में कई बार टॉयलेट जाते हैं या रात में भी बार-बार यूरिन करते हैं, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह आपके शरीर में हो रहे महत्वपूर्ण परिवर्तनों का संकेत हो सकता है।
एक स्वस्थ व्यक्ति सामान्यतः दिन में 6 से 7 बार यूरिन करता है, जबकि 4 से 10 बार जाना सामान्य माना जाता है। रात में एक बार या बिल्कुल भी यूरिन नहीं आना चाहिए। यदि आप इससे अधिक बार यूरिन जा रहे हैं, तो यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है।
बार-बार यूरिन आने के संभावित कारण
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI): यदि यूरिन करते समय जलन या दर्द महसूस हो रहा है, तो यह यूटीआई का संकेत हो सकता है।
डायबिटीज: बार-बार यूरिन जाना अनियंत्रित रक्त शर्करा का लक्षण हो सकता है।
ओवरएक्टिव ब्लैडर: बार-बार यूरिन जाने की इच्छा लेकिन कम मात्रा में यूरिन होना ओवरएक्टिव ब्लैडर का संकेत हो सकता है।
गर्भावस्था: प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव और ब्लैडर पर दबाव के कारण यह समस्या हो सकती है।
ज्यादा पानी या कैफीन का सेवन: अधिक पानी, चाय, कॉफी या शराब पीने से भी यूरिन की संख्या बढ़ सकती है।
कम यूरिन आने के कारण
डिहाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से यूरिन की संख्या घट जाती है।
किडनी की समस्या: किडनी स्टोन या संक्रमण यूरिन की संख्या को प्रभावित कर सकता है।
यूरिनरी रिटेंशन: प्रोस्टेट या नसों से जुड़ी समस्याओं के कारण ब्लैडर पूरी तरह खाली नहीं हो पाता।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
यदि अचानक यूरिन की संख्या में बदलाव हो या यूरिन करते समय दर्द, जलन या खून दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सामान्यतः यूरिन का रंग हल्का पीला होना चाहिए। गहरे पीले या लाल रंग का यूरिन किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
ब्लैडर को स्वस्थ रखने के सुझाव
* रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं।
* चाय, कॉफी और शराब का सेवन कम करें।
* पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करें।
* संतुलित आहार लें और नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियां करें।
You may also like
गंधर्व कन्या का नृत्य देखकर इंद्र ने दिया था श्राप, इस वजह से रखा जाता है जया एकादशी का व्रत
Mission: Impossible के प्रशंसकों के लिए 7 बेहतरीन देसी फिल्में
चाय में माइक्रोप्लास्टिक का खतरा: जानें कैसे बचें
शहतूत के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ: जानें इसके फायदे
जीवन में संतान की प्राप्ति व उन्नति के लिए रखें व्रत, जानें पूजन विधि और महत्व