दुनिया के अंत को लेकर समय-समय पर कई भविष्यवाणियाँ की जाती रही हैं, जिनमें से अधिकांश गलत साबित हुई हैं। उदाहरण के लिए, 2012 में माया सभ्यता के कैलेंडर के आधार पर यह दावा किया गया था कि दुनिया का अंत निकट है। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ और आज भी जीवन सामान्य रूप से जारी है।
इस भविष्यवाणी ने लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया था, जिससे कई ने तैयारी भी शुरू कर दी थी। हाल ही में, इज़रायल में एक लाल बछिया के जन्म की खबर ने फिर से इसी तरह की चिंताओं को जन्म दिया है। इसे दुनिया के अंत का संकेत माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना 2000 वर्षों में पहली बार हुई है। सोशल मीडिया पर इस बछिया के जन्म की चर्चा जोरों पर है। कुछ लोग इसे एक गंभीर संकेत मानते हैं, जबकि अन्य इसे अंधविश्वास के रूप में देखते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईसाई और यहूदी धर्मग्रंथों में लाल बछिया के जन्म को विनाश का संकेत माना गया है।
येरुशलम स्थित टेम्पल इंस्टिट्यूट ने इस बछिया के जन्म की पुष्टि की है और कहा है कि इसका गहन अध्ययन किया जा रहा है। इंस्टिट्यूट ने यूट्यूब पर इसकी घोषणा की है और बताया है कि परीक्षण अभी जारी है। लोगों में यह चिंता भी है कि विभिन्न देशों की सेनाएँ एक-दूसरे के खिलाफ युद्ध की तैयारी कर रही हैं, जिससे दुनिया का अंत हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बछिया के परीक्षण के बाद यह स्पष्ट होगा कि यह पूरी तरह से लाल है या नहीं। चर्चा है कि किसी देवदूत ने कहा था कि पहली लाल गाय के जन्म के साथ ही विनाश की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बाइबिल में भी इस बात का उल्लेख है कि पूरी तरह से लाल बछिया का जन्म यहूदी मसीहा के आगमन का संकेत है।
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