हनुमान जी, जिन्हें भगवान श्री राम का सबसे प्रिय भक्त माना जाता है, के चमत्कारों की कहानियाँ प्रचलित हैं। देशभर में हनुमान जी के अनेक मंदिर हैं, लेकिन कुछ मंदिर विशेष रूप से अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं। आज हम आपको इटावा के पिलुआ हनुमान मंदिर के बारे में बताएंगे, जो अपने अद्भुत स्वरूप के लिए जाना जाता है।
पिलुआ हनुमान मंदिर की विशेषताएँ
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के प्रताप नगर ग्राम रुरा में यमुना नदी के किनारे स्थित यह मंदिर अपने आप में अनूठा है। यहाँ हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा है, जो भक्तों को आकर्षित करती है।
हनुमान जी की मूर्ति खाती है लड्डू, पीती है दूध

इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा का मुंह खुला हुआ है। भक्त जब लड्डू या दूध का भोग लगाते हैं, तो वह सीधे हनुमान जी के पेट में चला जाता है। यह चमत्कार आज तक किसी भी शोधकर्ता के लिए समझ में नहीं आया है।
प्राचीनता और महत्व
यह मंदिर लगभग 700 वर्ष पुराना है और इसे सिद्ध पीठ के रूप में भी जाना जाता है। पहले हनुमान जी की प्रतिमा एक पेड़ के नीचे थी, लेकिन अब यह भव्य मंदिर का रूप ले चुका है।
हर समय रामधुन रटते रहते हैं हनुमान जी
इस मंदिर की मूर्ति स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है। हनुमान जी का मुंह हमेशा भरा रहता है और उनके मुख से बुलबुले निकलते हैं, जो दर्शाते हैं कि वह हमेशा रामधुन का जाप करते हैं।
महाभारत काल से जुड़ा इतिहास
मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। यहाँ आने वाले भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है। मंगलवार और शनिवार को यहाँ भक्तों की भारी भीड़ होती है, विशेषकर बुढ़वा मंगल के दिन।
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