एक से ज्यादा बचत खाते रखना कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन कहीं आप इनके कारण परेशान न हो जाएं. मल्टीपल सेविंग अकाउंट रखना व्यक्तिगत जरूरत पर निर्भर करता है. यानी यह जरूरी नहीं है कि किसी और के लिए जो फायदेमंद हो वह आपके लिए भी फायदेमंद होगा. इसलिए एक से ज्यादा बचत खाता ओपन करने से पहले अपनी जरूरत को अच्छे से समझे. आज हम आपको मल्टीप्ल सेविंग अकाउंट रखने के लिए लाभ और इसके नुकसानों के बारे में विस्तार से बताएंगे. ताकि आप यह समझ पाए कि आपके लिए एक से ज्यादा बचत खाता रखना सही है या इससे आपकी परेशानी बढ़ सकती है.
मल्टीपल सेविंग अकाउंट रखने के लाभ क्या-क्या है? 1. फंड मैनेज करने में आसानी यदि आपके पास इनकम के कई सोर्सेस हैं. और आप अपनी सेविंग को बेहतर तरीके से मैनेज करना चाहते हैं. तो आप अपने अलग-अलग गोल के हिसाब से अलग-अलग सेविंग अकाउंट रख सकते हैं. ताकि आप यह आसानी से पता लगा सके कि आप कितना खर्च कर रहे हैं और आपकी बचत कितनी हो रही है. इससे आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर सकते हैं.
2. अन्य बैंक में परेशानी आने पर आपको होगी आसानी यदि आपके पास एक से ज्यादा बैंक सेविंग अकाउंट है तो यह उस स्थिति में भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है जब किसी अन्य बैंक का सर्वर डाउन हो या बैंकिंग सिस्टम काम नहीं कर रहा हो. किसी बैंक में आपके खाते को कुछ समय के लिए फ्रीज कर दिया गया. ऐसे में अन्य बैंक के सेविंग अकाउंट करके काम आ सकते हैं.
3. आसानी से होंगे लेनदेन आजकल कई लोग ऑनलाइन बैंकिंग पर निर्भर है. लेकिन यदि किसी बैंक का ऑनलाइन बैंकिंग सिस्टम या यूपीआई अस्थाई रूप से बंद हो जाए. तो आपको ट्रांजैक्शन करने में कई घंटे का इंतजार करना पड़ सकता है. ऐसे में यदि आपके पास मल्टीप्ल सेविंग अकाउंट से तो आपका काम आसानी से हो जाएगा.
4. अन्य लाभ कहीं बैंकों के द्वारा बचत खाते पर उच्च ब्याज दरें दी जाती है तो वहीं कुछ बैंकों के द्वारा उत्कृष्ट सेवाएं दी जाती है. ऐसे में एक से अधिक बचत खाते रखकर आप अलग-अलग बैंकों की सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं.
मल्टीपल सेविंग अकाउंट कब बन सकते हैं मुसीबत
1. सीमित कमाई यदि आप एक से अधिक बैंक अकाउंट होल्ड करके रखते हैं और आपकी कमाई सीमित है तो सभी खातों को मैनेज करना आपके लिए महंगा पड़ सकता है. अधिकांश बैंकों में मिनिमम बैलेंस की रिटायरमेंट होती है. ऐसे में यदि आपके पास सभी न्यूनतम जरूरत की राशि को पूरा करने के लिए पर्याप्त इनकम नहीं है तो यह आपके लिए बोझ बन सकते हैं.
2. देना पड़ सकता है जुर्माना कई बार लोग एक से अधिक सेविंग अकाउंट ओपन तो करवा लेते हैं लेकिन नियमित रूप से उनको मैनेज नहीं कर पाते हैं. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियम के अनुसार यदि कोई बैंक खाता 2 साल से अधिक समय तक के लिए निष्क्रिय है तो उसे डीएक्टिव कर दिया जाएगा ऐसे मामले में आपको जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है.
3. सभी खातों को मैनेज करनासभी खातों को मैनेज करना, उनकी न्यूनतम बैलेंस जरूरत को पूरा करना, बैंक से जारी सभी अपडेट पर नजर रखना आदि आपके लिए बर्डन बन सकता है. इतना ही नहीं जब एक से अधिक बैंक खाता होते हैं तो सभी खातों के ट्रांजैक्शन पर नजर रखना भी परेशानी भरा हो सकता है.
4. ब्याज का नुकसान एक से ज्यादा बचत खातों में आपका पैसा बिखरा हुआ रहता है तो हो सकता है कि आपको उतना ब्याज ना मिल पाए जितना एक ही जगह पैसे रखने से मिलता.
मल्टीपल सेविंग अकाउंट रखने के लाभ क्या-क्या है? 1. फंड मैनेज करने में आसानी यदि आपके पास इनकम के कई सोर्सेस हैं. और आप अपनी सेविंग को बेहतर तरीके से मैनेज करना चाहते हैं. तो आप अपने अलग-अलग गोल के हिसाब से अलग-अलग सेविंग अकाउंट रख सकते हैं. ताकि आप यह आसानी से पता लगा सके कि आप कितना खर्च कर रहे हैं और आपकी बचत कितनी हो रही है. इससे आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर सकते हैं.
2. अन्य बैंक में परेशानी आने पर आपको होगी आसानी यदि आपके पास एक से ज्यादा बैंक सेविंग अकाउंट है तो यह उस स्थिति में भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है जब किसी अन्य बैंक का सर्वर डाउन हो या बैंकिंग सिस्टम काम नहीं कर रहा हो. किसी बैंक में आपके खाते को कुछ समय के लिए फ्रीज कर दिया गया. ऐसे में अन्य बैंक के सेविंग अकाउंट करके काम आ सकते हैं.
3. आसानी से होंगे लेनदेन आजकल कई लोग ऑनलाइन बैंकिंग पर निर्भर है. लेकिन यदि किसी बैंक का ऑनलाइन बैंकिंग सिस्टम या यूपीआई अस्थाई रूप से बंद हो जाए. तो आपको ट्रांजैक्शन करने में कई घंटे का इंतजार करना पड़ सकता है. ऐसे में यदि आपके पास मल्टीप्ल सेविंग अकाउंट से तो आपका काम आसानी से हो जाएगा.
4. अन्य लाभ कहीं बैंकों के द्वारा बचत खाते पर उच्च ब्याज दरें दी जाती है तो वहीं कुछ बैंकों के द्वारा उत्कृष्ट सेवाएं दी जाती है. ऐसे में एक से अधिक बचत खाते रखकर आप अलग-अलग बैंकों की सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं.
मल्टीपल सेविंग अकाउंट कब बन सकते हैं मुसीबत
1. सीमित कमाई यदि आप एक से अधिक बैंक अकाउंट होल्ड करके रखते हैं और आपकी कमाई सीमित है तो सभी खातों को मैनेज करना आपके लिए महंगा पड़ सकता है. अधिकांश बैंकों में मिनिमम बैलेंस की रिटायरमेंट होती है. ऐसे में यदि आपके पास सभी न्यूनतम जरूरत की राशि को पूरा करने के लिए पर्याप्त इनकम नहीं है तो यह आपके लिए बोझ बन सकते हैं.
2. देना पड़ सकता है जुर्माना कई बार लोग एक से अधिक सेविंग अकाउंट ओपन तो करवा लेते हैं लेकिन नियमित रूप से उनको मैनेज नहीं कर पाते हैं. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नियम के अनुसार यदि कोई बैंक खाता 2 साल से अधिक समय तक के लिए निष्क्रिय है तो उसे डीएक्टिव कर दिया जाएगा ऐसे मामले में आपको जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है.
3. सभी खातों को मैनेज करनासभी खातों को मैनेज करना, उनकी न्यूनतम बैलेंस जरूरत को पूरा करना, बैंक से जारी सभी अपडेट पर नजर रखना आदि आपके लिए बर्डन बन सकता है. इतना ही नहीं जब एक से अधिक बैंक खाता होते हैं तो सभी खातों के ट्रांजैक्शन पर नजर रखना भी परेशानी भरा हो सकता है.
4. ब्याज का नुकसान एक से ज्यादा बचत खातों में आपका पैसा बिखरा हुआ रहता है तो हो सकता है कि आपको उतना ब्याज ना मिल पाए जितना एक ही जगह पैसे रखने से मिलता.
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