एक दिन एक आदमी दिनभर ऑफिस में काम करके घर पहुंचा और वह बहुत थका हुआ था। उसका बेटा उसके साथ खेलने की जिद करने लगा। लेकिन व्यक्ति बहुत ही थका हुआ था जिस कारण उसने इंकार कर दिया। बेटे ने पूछा कि पापा आप 1 घंटे में कितना कमा लेते हो यह सवाल सुनकर व्यक्ति गुस्सा हो गया। फिर भी उसने उत्तर दिया कि मैं 100 रूपये कमा लेता हूं। बच्चे ने अपने पापा से कहा कि आप मुझे ₹50 उधार देंगे।
यह सुनकर पिता और गुस्सा हो गए और अपने बेटे से कहा कि मैं इतनी मेहनत करके तुम्हें फालतू खर्च के लिए पैसे दूं। जाओ यहां से मेरे पास फिजूलखर्ची के लिए पैसे नहीं है। वह बच्चा रोते हुए अपने कमरे में चला गया। कुछ ही देर बाद उसके पिता का गुस्सा शांत हो गया और उसको अपनी गलती का पछतावा हुआ। वह सोचने लगा बच्चे ने पैसे क्यों मांगे।
अब वह बच्चे के कमरे में गया और उसे ₹50 दे दिए। ₹50 पाकर बच्चे को बहुत खुशी हुई। उसने अपनी गुल्लक फोड़ दी और उसमें से सभी पैसे निकाल कर अपने पिता को दे दिए। पिता ने पूछा तुम्हारे पास इतने पैसे थे तो तुमने मुझसे क्यों मांगे।
बेटे ने कहा पिताजी मुझे आपका एक घंटा चाहिए क्योंकि मुझे आपके साथ खेलना है और आप के साथ बैठकर भोजन करना चाहता हूं। आप कल जल्दी आ जाना। बच्चे की यह बात सुनकर पिता की आंखों में आंसू आ गए।
कहानी की सीख
कहानी से सीखने को मिलता है कि धन से ज्यादा महत्व अपने रिश्तो को देना चाहिए। परिवार के साथ समय बिताने का मौका बार-बार नहीं मिलता। धन तो कभी भी कमाया जा सकता है।
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