केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई ने मंगलवार को बारहवीं कक्षा के नतीजे घोषित कर दिए.
सीबीएसई के अलावा यूपी बोर्ड, आईसीएसई जैसे शिक्षा बोर्ड भी बारहवीं के परिणामों का एलान कर चुके हैं.
इन नतीजों के बाद अब छात्रों के लिए अगला पड़ाव सीयूईटी यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट है.
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक की पढ़ाई के दाख़िले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा साल 2021 से शुरू हुई थी.
सीयूईटी के लिए आवेदन और परीक्षा से जुड़ी अन्य जानकारियों के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं.
क्या होती है सीयूईटीइस परीक्षा में क्वॉलीफाई होने वाले छात्र देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित कई अन्य विश्वविद्यालयों के अंडर ग्रैजुएट कोर्सेज़ में दाख़िला ले सकते हैं.
इस बार आवेदन की तारीख एक मार्च से लेकर 22 मार्च तक थी और परीक्षा का आयोजन 13 मई से 31 मई तक हो रहा है.
हर साल की तरह परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए कर रही है.
ये परीक्षा कुल 37 विषयों में हो रही है, जिसमें 13 भाषाओं में परीक्षा दी जा सकती है. परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड मोड यानी सीबीटी होती है.
परीक्षा में ऑब्जेक्टिव यानी एक से अधिक विकल्प वाले सवाल पूछे जाएंगे.
परीक्षा में पूछे जाने वाले सारे सवाल एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की 12वीं कक्षा के स्तर के होंगे.
ऐसे होगी मार्किंगहर प्रश्नपत्र में 50 सवाल होंगे, जिन सभी के जवाब अनिवार्य हैं.
हर सही जवाब के लिए छात्रों को पांच अंक मिलेंगे और गलत के लिए एक अंक कटेंगे.
अगर किसी प्रश्न का जवाब नहीं दिया गया है तो उसमें शून्य अंक मिलेंगे और अगर किसी सवाल में एक से अधिक सही जवाब हैं तो उन छात्रों को पांच अंक मिलेंगे, जिन्होंने सही जवाबों में से एक को सिलेक्ट किया हो.
छात्रों के अंकों को एनटीए स्कोर में बदला जाएगा. इसकी पूरी प्रक्रिया नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
इस परीक्षा के बाद रि-इवैल्यूएशन या रिचेकिंग नहीं कराई जा सकती है.
सभी परीक्षाएं 60 मिनट की हैं, जिन्हें अलग-अलग पालियों में आयोजित किया जा रहा है.
इस बार ये परीक्षा देश के 285 शहरों और भारत से बाहर 15 शहरों में आयोजित की जा रही है, जिसमें वॉशिंगटन डीसी भी शामिल है.
परिणाम की तारीख एनटीए और सीयूईटी की वेबसाइट पर बाद में घोषित की जाएगी.
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के स्नातक पाठ्यक्रमों यानी अंडर ग्रैजुएट कोर्सेस में प्रवेश के लिए ये परीक्षा पास करनी होती है.
इनके अलावा, कई राज्यों के विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय और डीम्ड विश्वविद्यालय भी इस प्रवेश परीक्षा के तहत आते हैं. हालांकि, इनकी सूची बदलती रहती है.
मतलब ये कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों से बाहर की संस्थाएँ या विश्वविद्यालय भी इस प्रवेश परीक्षा को अपना सकते हैं.
इस बार 46 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इस प्रवेश परीक्षा के ज़रिए दाखिला होगा. साथ ही जो अन्य विश्वविद्यालय इस बार इस परीक्षा में शामिल हैं, उनकी सूची https://cuet.nta.nic.in पर जाकर देखी जा सकती है.
क्या एक से अधिक विषय में दी जा सकती है परीक्षा?
हां. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक एक छात्र एप्लीकेशन फ़ी भरकर अधिकतम चुन सकते हैं, जिनमें भाषाएँ और सामान्य योग्यता परीक्षा शामिल है, भले ही उन्होंने बारहवीं में कोई भी विषय चुना हो.
इस परीक्षा के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है. बारहवीं पास करने वाले छात्र ये परीक्षा दे सकते हैं.
अगर कोई छात्र सामान्य श्रेणी से है तो उन्हें सीयूईटी देने के लिए बारहवीं में 50 फ़ीसदी अंक और एससी/एसटी छात्रों के लिए 45 फ़ीसदी अंक लाना ज़रूरी है.
क्या सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सीयूईटी से ही दाखिला होगा?हां, किसी भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए सीयूईटी अनिवार्य है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री अरबिंदो कॉलेज में एसोसिएट प्रोफ़ेसर हंसराज सुमन कहते हैं कि दाखिला प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगर किसी कॉलेज में सीटें खाली रह जाती हैं, तो उन्हें बाद में बारहवीं के अंकों के आधार पर भरने की कोशिश की जाती है लेकिन हर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कॉलेज में सीयूईटी दाखिले का पहला क्राइटेरिया है.
एनटीए की ओर से जारी जानकारी के अनुसार केवल सीयूईटी देने भर से किसी मनचाहे यूनिवर्सिटी में दाखिला नहीं मिल सकता.
इसके लिए छात्रों को संबंधित सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एडमिशन क्राइटेरिया, मेरिट लिस्ट में रैंक, मेडिकल फ़िटनेस, असली दस्तावेज़ों के सत्यापन और इस तरह की अन्य शर्तों को पूरा करना ज़रूरी है.
परीक्षा के बाद हर सेंट्रल यूनिवर्सिटी काउंसलिंग/दाखिले का शेड्यूल जारी करेगी.
12वीं के अंकों की भूमिकासीयूईटी स्कोर तय करने में भले ही 12वीं के अंक सीधे तौर पर न जुड़ें लेकिन दाखिले की प्रक्रिया में ये अहम भूमिका निभा सकते हैं.
जहां एडमिशन के लिए छात्रों के लिए बारहवीं में कम से कम अंकों की सीमा तय है. फाइनल मेरिट लिस्ट बनाने से पहले भी कुछ विश्वविद्यालय 12वीं के अंकों को ध्यान में रखते हैं. इसके अलावा कुछ स्पेशलाइज़्ड कोर्स में दाखिले के लिए भी छात्रों के पास 12वीं के विषयों को आधार बनाया जाता है. जैसे कुछ कॉलेज में बीए प्रोग्राम के दाखिले के लिए आवेदक का बारहवीं में अंग्रेज़ी या ह्यूमैनिटिज़ में अच्छे अंक लाना ज़रूरी है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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