संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में इस समय एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट खेला जा रहा है, जिसमें भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान के साथ ही यूएई, हांगकांग और ओमान की टीमें खेल रही हैं.
भारत ने पाकिस्तान और यूएई को आसानी से हराने के बाद 19 सितंबर को ओमान को 21 रनों से हरा दिया. इस जीत के साथ एशिया कप में भारत ने जीत की हैट्रिक लगाई.
हालांकि, वर्ल्ड टी-20 रैंकिंग में सबसे निचले 20वें नंबर पर मौजूद ओमान ने नंबर वन टीम भारत को ठीक-ठाक चुनौती दी जिसकी चर्चाएं सोशल मीडिया पर हो रही हैं.
भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 20 ओवर में 188 रन बनाए वहीं ओमान की टीम ने 20 ओवर में 167 रन बनाए.
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भारतीय टीम के जहां आठ बल्लेबाज़ पवेलियन लौटे वहीं ओमान के चार बल्लेबाज़ों को ही भारतीय गेंदबाज़ आउट कर पाए.
ओमान की तरफ़ से बल्लेबाज़ी करने उतरे आमिर कलीम ने 46 बॉल खेलकर 64 रन बनाए वहीं हम्माद मिर्ज़ा ने 33 गेंदों पर 51 रनों की पारी खेली.
भारत के ख़िलाफ़ जीत के लिए 189 रनों के जवाब में उतरी ओमान की टीम ने बहुत शानदार शुरुआत की.
जतिंदर सिंह और आमिर कलीम ने 7वें ओवर में स्कोर 50 के पार पहुंचा दिया. ओमान को 9वें ओवर में कुलदीप यादव ने पहला झटका 32 रन पर खेल रहे जतिंदर सिंह को आउट करके दिया.
इसके बाद कलीम और हम्माद मिर्ज़ा के बीच एक अच्छी साझेदारी हुई. कलीम ने केवल 38 गेंदों में अर्धशतक लगाया.
दोनों के बीच चल रही साझेदारी को तोड़ने के लिए भारत की तरफ़ से आठ खिलाड़ियों ने गेंदबाज़ी की लेकिन इसे अंत में हर्षित राणा ने तोड़ा.
दोनों के बीच 93 रनों की साझेदारी हुई और कलीम 64 रन बनाकर आउट हुए.
ओमान की क्रिकेट टीम की बात करें तो इसमें भारतीय मूल के कई खिलाड़ी हैं, जिनमें से चार गुजराती हैं. इस वजह से भारत के कई क्रिकेट प्रेमियों की ओमान की टीम में दिलचस्पी दिखती है.
ओमान की क्रिकेट टीम की कप्तानी जतिंदर सिंह कर रहे हैं, जो मूल रूप से पंजाब के हैं और पिछले एक दशक से अधिक समय से ओमान के लिए खेल रहे हैं.
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भारत के खिलाड़ी पूर्णकालिक क्रिकेटर होते हैं, यानी क्रिकेट को वो अपने पेशे की तरह लेते हैं. जबकि ओमान की टीम के अधिकतर खिलाड़ी क्रिकेट के अलावा किसी न किसी नौकरी या व्यवसाय से जुड़े होते हैं.
जतिंदर सिंह के अलावा ओमान की टीम में शामिल भारतीय मूल के खिलाड़ियों में विनायक शुक्ला, आशीष ओडेदरा, समय श्रीवास्तव और करण सोनवले शामिल हैं.
गुजराती खिलाड़ियों का दबदबाओमान की टीम में जितेन रामानंदी शामिल हैं, जो एक समय गुजरात में हार्दिक पंड्या के साथ क्रिकेट खेलते थे. वह शुक्रवार को ओमान की ओर से भारत के ख़िलाफ़ जितेन रामानंदी ने चार ओवर में 33 रन देकर दो विकेट लिए.
जितेन रामानंदी ने सबसे पहला विकेट अभिषेक शर्मा का लिया, उस समय अभिषेक 38 रन पर खेल रहे थे और भारत का कुल स्कोर 72 रन था.
इसके बाद 18वें ओवर की तीसरी बॉल पर तिलक वर्मा को कवर के फ़ील्डर के हाथों कैच करा दिया. उस समय भारत का स्कोर 176 रन था.
इसके साथ ही रामानंदी ने हार्दिक पंड्या और अर्शदीप सिंह को रनआउट करा पवेलियन भेज दिया.
इसके बाद बल्लेबाज़ी करने उतरे जितेन रामानंदी ने पांच बॉल में तीन चौकों की मदद से 12 रनों की नाबाद पारी खेली.
रामानंदी एक समय बड़ौदा टीम के ऑलराउंडर रह चुके हैं.
जितेन रामानंदी को उनके कोच राकेश पटेल ने ओमान जाने के लिए प्रेरित किया था. राकेश पटेल ख़ुद भी बड़ौदा टीम में गेंदबाज़ रह चुके हैं.
अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जितेन रामानंदी मूल रूप से नवसारी के पास एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखते हैं और वह बड़ौदा की अंडर-19 टीम से भी खेल चुके हैं.
साल 2019 में वह आर्थिक वजहों से ओमान गए थे और बाद में वहां की क्रिकेट टीम से जुड़ गए.
ओमान की टीम में आशीष ओडेदरा भी शामिल हैं, जिनका जन्म जूनागढ़ में हुआ था.
ओमान की टीम में पहले अजय लालचेता, राजेश कुमार राणपरा और कश्यप प्रजापति भी रह चुके हैं, और ये तीनों मूल रूप से गुजराती हैं.
कश्यप प्रजापति का जन्म खेड़ा ज़िले में हुआ था. वह दाएं हाथ के बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ हैं.
अजय लालचेता का जन्म पोरबंदर में हुआ था. वह बाएं हाथ के बल्लेबाज़ और स्पिन गेंदबाज़ हैं. ओमान की टीम में वह एक ऑलराउंडर के रूप में खेलते हैं. वह सौराष्ट्र की अंडर-16 और अंडर-19 टीमों में भी खेल चुके हैं.
राजेश राणपरा मूल रूप से पालनपुर के हैं.
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भूतपूर्व भारतीय क्रिकेटर संदीप पाटिल और अंशुमान गायकवाड़ भी एक ज़माने में ओमान की क्रिकेट टीम के कोच रह चुके हैं.
अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ओमान में 80 घरेलू क्रिकेट टीमें हैं, जिनमें गुजरात के विभिन्न शहरों से आए क़रीब 140 खिलाड़ी खेलते हैं.
इनमें ख़ासतौर पर पोरबंदर, आणंद, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद के युवा क्रिकेटर ओमान के लिए खेलते हैं. ओमान की राष्ट्रीय टीम के अब तक के सात कप्तानों में से चार गुजराती रहे हैं.
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ओमान की क्रिकेट में भारत, विशेषकर गुजरातियों का वर्चस्व पहले से रहा है. सन 1979 में जब ओमान के शाही परिवार की मदद से 'ओमान क्रिकेट' की स्थापना हुई, तब भारतीय मूल के उद्योगपति कनकसी खिमजी को इसका पहला अध्यक्ष बनाया गया था.
कनकसी गोकलदास खिमजी, जो कच्छ के समुद्र तट पर बसे मांडवी शहर से थे, 1970 के दशक में ओमान गए और वहीं क्रिकेट खेलना शुरू किया.
उन्हें प्रवासी भारतीय पुरस्कार भी मिला था, और वह यह पुरस्कार पाने वाले खाड़ी क्षेत्र के पहले भारतीय बने थे.
कनकसी खिमजी का योगदानकनकसी खिमजी एक व्यापारी थे जिन्हें 'दुनिया के पहले हिंदू शेख' की उपाधि दी गई थी.
आज भी ओमान के कई लोग उन्हें 'ओमान क्रिकेट के गॉडफ़ादर' के रूप में याद करते हैं. उनके बेटे पंकज खिमजी मौजूदा समय में ओमान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष हैं.
ईएसपीएन क्रिकइन्फ़ो की एक रिपोर्ट में पीटर डेला पेना ने लिखा है, "1970 के दशक से ओमान में आधुनिक क्रिकेट का इतिहास शुरू होता है, जिसमें कनकसी खिमजी का उत्साह और मार्गदर्शन मुख्य कारण रहा."
पंकज खिमजी ने बताया कि उनके पिता ओमान में ब्रिटिश नेवल टीमों के ख़िलाफ़ क्रिकेट खेलते थे, और ओमान के शाही परिवार के लोग भी क्रिकेट में दिलचस्पी रखते थे.
उन्होंने यह भी बताया कि उनका परिवार कार से छह घंटे की यात्रा करके शारजाह तक बुखातिर लीग के मैच देखने जाता था. परिवार का अधिकांश फ़ुर्सत का समय क्रिकेट में ही बीतता था.
साल 2011 में, आईसीसी डेवलपमेंट प्रोग्राम ने कनकसी खिमजी को ओमान क्रिकेट में उनके योगदान के लिए लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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