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चक्रवाती तूफ़ान दाना ने ओडिशा में दी दस्तक, पश्चिम बंगाल में भी हाई अलर्ट - जानें 7 बातें

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चक्रवाती तूफान ‘दाना' के ओडिशा के तटीय क्षेत्र से टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया के शुक्रवार सुबह तक जारी रहने की संभावना है.

आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तूफान पिछले छह घंटों में पंद्रह किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा और फिर केंद्रपाड़ा जिले के भीतकर्णिका और भद्रक जिले के धामरा के बीच पहुंचा. इस दौरान हवा की गति करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटे थी.

ओडिशा में लगभग आधी जनसंख्या पर दाना का असर देखने को मिल सकता है. ओडिशा में 14 जिलों के दस लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जाना है.

इसकी वजह से पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में भी तेज हवाएं चल रही हैं. दाना के असर की वजह से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हो रही है तेज हवा चल रही है.

image BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ करें 1. तेज़ हवाएं और बारिश

इसकी वजह से पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में भी तेज हवाएं चल रही हैं.

दाना के असर की वजह से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटवर्की इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हो रही है. तेज हवा चल रही है.

ओडिशा के भद्रक, केंद्रपाड़ा और बालासोर में अचानक हवा की रफ़्तार काफी बढ़ गई है. अब यहां 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से हवा चल रही है.

2. ओडिशा में सुरक्षा के इंतजाम image Getty Images ओडिशा के केंद्रपाड़ा में दाना प्रभावित इलाकों से सुरक्षित निकाले गए लोगों के एक शिविर में खाना बनाती महिलाएं

दाना के भीषण रूप लेने की आशंका को देखते हुए दोनों ही राज्यों में सरकारी मशीनरी हाई अलर्ट पर है.

ओडिशा मुख्यमंत्री मोहन माझी ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और बाढ़ से पैदा हो सकने वाले संभावित प्रभावों को कम करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं.

माझी ने

3. ओडिशा में छह लाख निकाले गए

ओडिशा सरकार ने दाना प्रभावित इलाकों से निकाले गए लोगों को रखने के लिए 7200 साइक्लोन सेंटर बनाए हैं. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आसन्न तूफान से निपटने के लिए ओडिशा सरकार की तैयारियों के बारे में जानकारी ली है.

माझी ने बताया कि चक्रवात के मद्देनजर राज्य ने कुल 5,84,888 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है और शुक्रवार सुबह तक यह संख्या 600,000 से अधिक हो सकती है.

माझी ने बताया कि अब तक 5.84 लाख लोगों को तटवर्ती जिलों के निचले इलाके के हाई रिस्क जोन से 5.84 लाख लोगों को निकाला जा चुका है.

4. हवाई और रेल यात्रा प्रभावित

कोलकाता के नेता सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट पर सेवाएं बाधित हो गई हैं. तूफ़ान की लैंडफॉल प्रक्रिया के दौरान शहर में बारिश और तेज़ हवाएं चल रही हैं.

भुवनेश्वर का बीजू पटनायक एयरपोर्ट उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया है.

भुवनेश्वर के आंबेडकर बस अड्डे पर पर यातायात रोक दिया गया है.

भारतीय रेल ने इस क्षेत्र में चलने वाली करीब 150 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है. दोनों राज्यों के बड़े स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ देखी जा सकती है.

5. पश्चिम बंगाल हाई अलर्ट पर image Getty Images पश्चिम बंगाल में दाना की चेतावनी देते डिजास्टर मैनेजमेंट ग्रुप के लोग

पश्चिम बंगाल भी हाई अलर्ट पर है. राज्य के कई तटीय ज़िलों से हज़ारों लोगों के सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दाना के संभावित असर वाले जिलों में हालात पर निगरानी की जिम्मेदार सचिव स्तर के अधिकारियों को सौंपी है.

इलाके में कई कंट्रोल रूम खोले गए हैं.

6. राहत शिविरों में लोग image ANI पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान दाना की चाल पर नज़र रखतीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल में करीब एक हज़ार राहत शिविर खोले गए हैं.

इलाके के स्कूलों और सरकारी भवनों में भी लोगों के रहने-खाने का इंतजाम किया गया है.

पश्चिम बंगाल सरकार ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 22 कंपनियों को तैनात किया है.

इसके अलावा बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है.

7. स्कूल-कॉलेज बंद

ओडिशा और पश्चिम बंगाल के दाना प्रभावित इलाकों में 26 अक्टूबर तक स्कूल-कॉलेज बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं.

दाना की वजह से ओडिशा सिविल सर्विसेज परीक्षा 2023-24 की तारीख बढ़ा दी गई है. पहले ये परीक्षा 27 अक्टूबर को होनी थी. लेकिन अब परीक्षा की नई तारीख घोषित होगी.

पश्चिम बंगाल में उत्तर और दक्षिण परगना, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर, झाड़ग्राम, बांकुड़ा, हुगली, हावड़ा और कक्षाएं बंद कर दी गई हैं.

8. एनडीआरएफ़, पुलिस और प्रशासन के इंतज़ाम image NDRF पश्चिम बंगाल के सुंदरबन इलाके में दाना आने की चेतावनी देते एनडीआरएफकर्मी

दोनों राज्यों में राहत और बचाव कार्यों के लिए व्यापक इंतज़ाम किए गए हैं.

राहत शिविरों में भोजन की व्यवस्था से लेकर आपात स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ़ की नियुक्ति तक सारे इंतज़ाम किए गए हैं.

एनडीआरएफ़ के जवान स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर लोगों को तूफ़ान के ख़तरे से आगाह कर रहे हैं.

बंगाल के सुंदरबन इलाके में एनडीआरएफ़ छोटी नावें चलाने से लोगों को मना किया है. इस क्षेत्र में स्थित सारे घाट बंद कर दिए गए हैं.

9. झारखंड में भी हाई अलर्ट image Getty Images

दाना की आशंका को देखते हुए झारखंड के भी कुछ जिलों में अलर्ट जारी किया गया है.

झारखंड के कोल्हान इलाकों- पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम में शुक्रवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

रांची में मौसम विभाग के केंद्र के मुातबिक़ दाना की वजह से इस इलाके में तेज हवाएं और बारिश हो सकती है.

जमशेदपुर और चाईबासा में एनडीआरएफ की छह टीमें तैनात की गई हैं. वहीं राजधानी रांची में दो टीमों किसी भी आपात स्थिति से निपटन के लिए तैयार रखा गया है

दाना की वजह से रांची, खूंटी, लोहरगा, गुमला और रामगढ़ में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है.

कैसे रखा गया तूफान का नाम image Getty Images

चक्रवात दाना पिछले दो महीनों में भारतीय तट पर आने वाला दूसरा चक्रवाती तूफान है. इससे पहले अगस्त के अंत में चक्रवात 'असना' ने प्रायद्वीप को प्रभावित किया था.

इस तूफान का नाम क़तर ने चुना है. यह नाम चक्रवातों के लिए बनाए गए मानकों के अनुसार रखा गया है.

वर्ष 2000 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन/एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग के तहत नामांकरण की शुरुआत की गई थी.

इस समूह में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल थे, जिसका बाद में विस्तार करते हुए 2018 में इसमें पांच और देशों ईरान, क़तर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन को जोड़ा गया. डब्ल्यूएमओ नामों की एक पहले से तय सूची का इस्तेमाल करता है. उनको हर छह साल में बदला जाता है.

'दाना' शब्द को अरबी भाषा से लिया गया है. इसका अर्थ 'उदारता' है. चक्रवातों का नाम क्षेत्रीय शब्दों या नामों के आधार पर करने से तूफान-प्रभावित देशों के बीच जागरूकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में सहायता मिलती है. साथ ही इससे संचार और चेतावनी प्रणाली भी मजबूत बनती है.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित

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