राजस्थान के मार्बल सिटी किशनगढ़ में डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने एक बड़ी छापेमारी (Raid) की है। इस छापेमारी में DGGI ने मार्बल उद्योग से जुड़ी कई कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों के प्रतिष्ठानों पर एक साथ कार्रवाई की। हालांकि, किशनगढ़ में अक्सर मार्बल उद्योग से जुड़े हादसों की खबरें सामने आती रही हैं, लेकिन इस बार मामला टैक्ट चोरी का है और यह जांच एक बड़े वित्तीय घोटाले का हिस्सा हो सकती है।
DGGI की कार्रवाई
DGGI की छह अलग-अलग टीमों ने शुक्रवार सुबह से मार्बल एरिया में डेरा डाल रखा है। इन टीमों में जयपुर और उदयपुर से आई विशेष टीमें शामिल हैं, जिन्होंने किशनगढ़ के प्रमुख मार्बल कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों पर एक साथ छापेमारी की। अधिकारियों के मुताबिक, इस कार्रवाई का उद्देश्य मार्बल उद्योग से जुड़े कर चोरी के मामलों को उजागर करना था, खासकर टैक्ट चोरी से संबंधित मामलों को पकड़ने के लिए।
टैक्ट चोरी का मामला
DGGI के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला मुख्य रूप से जीएसटी चोरी से जुड़ा हुआ है। कई मार्बल कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों द्वारा टैक्ट चोरी की घटनाओं का पर्दाफाश किया गया है, जिसमें उन्होंने माल की वास्तविक कीमत छिपाकर कम दिखाने की कोशिश की। इस प्रक्रिया के जरिए, कंपनियों ने सरकार से जीएसटी की कम वसूली की योजना बनाई थी। अधिकारियों का कहना है कि इन कंपनियों ने माल की बिक्री का गलत रिपोर्टिंग किया, जिससे सरकार को अरबों की कर चोरी का सामना करना पड़ा।
आगे की कार्रवाई
डीजीजीआई ने कई प्रमुख कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों के कार्यालयों, गोदामों और शोरूम्स पर छापेमारी की। साथ ही, अधिकारियों ने उनके चालान, इनवॉयस और अन्य दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी है। इस मामले में कई व्यापारियों से पूछताछ की जा रही है और कुछ दस्तावेजों को जब्त भी किया गया है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि इस जांच के बाद मामले की गहराई में जाकर और अधिक व्यापारियों के नाम सामने आ सकते हैं।
मार्बल उद्योग पर असर
किशनगढ़ का मार्बल उद्योग राज्य और देश में एक महत्वपूर्ण उद्योग है। यह उद्योग न केवल राजस्थान की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि दुनिया भर में राजस्थान के मार्बल के निर्यात के लिए प्रसिद्ध भी है। ऐसे में इस प्रकार की कर चोरी की घटनाएं उद्योग की छवि पर असर डाल सकती हैं