महानगरों की तरह शिक्षा नगरी सीकर में भी इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। स्थानीय लोगों के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों से जेईई और नीट की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को भी इसका काफी फायदा मिलेगा। सीकर में ये इलेक्ट्रिक बसें पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत चलाई जाएंगी। स्वायत्त शासन विभाग ने सीकर नगर परिषद से डिमांड मांगी थी और विभाग ने 50 इलेक्ट्रिक बसों का प्रस्ताव भेजा है। इसके बाद अब नगर परिषद ने इलेक्ट्रिक बसों के लिए अलग से डिपो के लिए उपयुक्त जमीन की तलाश शुरू कर दी है। ऐसे में डीएलबी से मंजूरी मिलते ही सीकर में इलेक्ट्रिक बसें चलनी शुरू हो जाएंगी।
विभिन्न शहरों में चलेंगी 675 इलेक्ट्रिक बसें
डीएलबी ने नगर परिषद से जमीन और इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का खाका भी तैयार करने को कहा है। इनका संचालन परिवहन एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। बता दें कि बजट में आमजन को सुगम और प्रदूषण मुक्त यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख शहरों में यह योजना शुरू करने की घोषणा की गई थी। डीएलबी ने तय किया है कि पहले चरण में विभिन्न शहरों में 675 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जानी हैं। ये सभी बसें वातानुकूलित होंगी और प्रदूषण भी कम करेंगी।
बस में दिव्यांगों के लिए होंगी विशेष सुविधाएं
अधिकारियों के अनुसार शहरी क्षेत्र में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। परिसीमन के बाद नगर परिषद का क्षेत्र बढ़ जाएगा। जानकारी के अनुसार दूजोद, कटराथल, नानी, सबलपुरा आदि गांव नगर परिषद के दायरे में शामिल किए जाएंगे। यानी इन गांवों तक भी ये बसें चलाई जाएंगी। वर्तमान में शिक्षा नगरी सीकर शहर में करीब 350 सिटी बसें और अन्य वाहन चल रहे हैं। अब इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होने से शहरी क्षेत्र में यात्रा करने वाले यात्रियों को इसका लाभ मिलेगा। इन बसों में दिव्यांगों और बुजुर्ग यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं होंगी। इनमें खिड़की के पास प्राथमिकता वाली सीटें होंगी। बस के अंदर और बाहर व्हीलचेयर के लिए आरक्षित स्थान को भी प्रतीकों से दर्शाया जाएगा। 25 प्रतिशत बसों में हाइड्रोलिक लिफ्ट या रैंप होंगे।
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