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राजस्थान के दो सांसदों को मिला 'संसद रत्न अवॉर्ड', जानें क्या है यह सम्मान और किस आधार पर होता है चयन

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राजस्थान के लिए यह गौरव की बात है कि राज्य के दो सांसदों, राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और पाली से लोकसभा सांसद पीपी चौधरी को 'संसद रत्न पुरस्कार 2025' से सम्मानित किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार देश के उन सांसदों को दिया जाता है, जिन्होंने संसद में उल्लेखनीय कार्य किया हो और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत किया हो।

संसद रत्न पुरस्कार क्या है?
'संसद रत्न पुरस्कार' की स्थापना प्राइम पॉइंट फाउंडेशन ने वर्ष 2010 में की थी। इसका उद्देश्य संसद में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सांसदों को प्रोत्साहित करना और लोकतंत्र को मजबूत करने में उनकी भूमिका की सार्वजनिक रूप से सराहना करना है। आपको बता दें, यह पुरस्कार उन सांसदों को दिया जाता है, जो संसद में बहस में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, सवाल पूछकर जनता की समस्याएं उठाते हैं, निजी सदस्य विधेयक लाकर वैकल्पिक विचार प्रस्तुत करते हैं और संसदीय समितियों में गंभीर और निरंतर योगदान देते हैं।

कैसे होता है पुरस्कार का चयन?
गौरतलब है कि संसद रत्न पुरस्कार की चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष मानी जाती है। एक स्वतंत्र जूरी समिति इसका मूल्यांकन करती है। 2025 के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर थे। उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार उन सांसदों को दिया जाता है, जिन्होंने लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वहीं, मूल्यांकन पूरी तरह से डेटा आधारित और निष्पक्ष प्रक्रिया के जरिए किया गया है। इस बार सांसदों का मूल्यांकन 18वीं लोकसभा की पहली बैठक से लेकर 2025 के बजट सत्र तक के आंकड़ों के आधार पर किया गया है।

राजस्थान के लिए गौरव का क्षण
संसद में सक्रियता, सवाल पूछने, मुद्दे उठाने और विधायी कार्यों में विशेष भूमिका निभाने के लिए मदन राठौर (राज्यसभा) और पीपी चौधरी (पाली लोकसभा सांसद) को सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार जुलाई के अंतिम सप्ताह में नई दिल्ली में आयोजित समारोह में दिया जाएगा।

किसको मिला यह पुरस्कार?
इस साल कुल 17 सांसदों और 2 संसदीय स्थायी समितियों को यह पुरस्कार मिला है। संसदीय लोकतंत्र में उत्कृष्ट एवं सतत योगदान के लिए भर्तृहरि महताब, सुप्रिया सुले, एनके प्रेमचंद्रन और श्रीरंग अप्पा बारणे को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। अन्य निर्वाचित सांसदों में भाजपा के रवि किशन, स्मिता वाघ, मेधा कुलकर्णी, प्रवीण पटेल, निशिकांत दुबे, विद्युत बरन महतो, पीपी चौधरी, मदन राठौर और दिलीप सैकिया शामिल हैं। 

इसके अलावा शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत और नरेश म्हस्के, कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ और डीएमके के सीएन अन्नादुरई को भी सम्मानित किया जाएगा। लोकतंत्र को मजबूत करने में सांसदों की भूमिका आपको बता दें कि आज 'संसद रत्न पुरस्कार' एक ऐसा मंच बन गया है, जो जनता और संसद के बीच जवाबदेही और सक्रियता की कड़ी को मजबूत करता है। राजस्थान के सांसदों को यह सम्मान मिलना न केवल राज्य के लिए गौरव की बात है, बल्कि इससे अन्य जनप्रतिनिधियों को भी संसद में जनता की आवाज उठाने की प्रेरणा मिलती है।

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