देश भर में 2025 की पहली छमाही में ट्रेनों की देरी की संख्या में जहाँ थोड़ी वृद्धि हुई है, वहीं राजस्थान ने इस मामले में सबको चौंका दिया है। रेलवे ऐप (रेलयात्री) की नई रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान ने ट्रेनों की समयपालनता में ज़बरदस्त सुधार किया है, जिससे औसत देरी 39 मिनट से घटकर सिर्फ़ 29.74 मिनट रह गई है। देश भर में औसत ट्रेन देरी 36.63 मिनट दर्ज की गई, जो पिछले साल 35.75 मिनट थी। यानी 2.45% की मामूली वृद्धि।
कुंभ मेले के बावजूद सुधार
यह वृद्धि मुख्य रूप से कुंभ मेले (कुंभ मेला 2025) जैसे भारी यात्री आयोजनों के कारण दर्ज की गई, जिससे रेलवे नेटवर्क पर अतिरिक्त दबाव पड़ा। लेकिन इस दबाव के बावजूद, राजस्थान ने न केवल स्थिति को संभाला, बल्कि 23.61% सुधार भी दिखाया। राज्य में ट्रेनें अब वर्ष 2024 की तुलना में ज़्यादा समय पर चल रही हैं। जहाँ औसत देरी में कमी आई, वहीं औसत देरी भी 15.15 मिनट से घटकर सिर्फ़ 13 मिनट रह गई।
छत्तीसगढ़ की हालत और खराब
राजस्थान को जहां प्रशंसा मिली, वहीं छत्तीसगढ़ की हालत और खराब हो गई। वहां औसत देरी 24.56% बढ़कर 75 मिनट हो गई। इसका मतलब है कि अगर कोई ट्रेन वहां से चल रही है, तो यात्रियों को देरी के लिए तैयार रहना चाहिए।
राजधानी एक्सप्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा
राजधानी एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और औसत देरी 17% घटकर 29 मिनट रह गई। लेकिन हमसफर एक्सप्रेस के यात्रियों को झटका लगा क्योंकि उनकी औसत देरी अब बढ़कर 73.61 मिनट हो गई है - एक घंटे से भी ज़्यादा। रांची-धनबाद, हावड़ा-खड़गपुर और भुवनेश्वर-कटक जैसे पूर्वी रूट अभी भी "हॉटस्पॉट" बने हुए हैं जहाँ देरी आम है। रेलयात्री की रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में इन रूटों पर बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाएँगे।
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