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हनुमान बेनीवाल ने युवाओं के साथ की राज्यपाल से मुलाकात, वीडियो में जानें SI भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

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राजस्थान में सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। युवाओं के आक्रोश और विभिन्न छात्र संगठनों के विरोध के बीच गुरुवार को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस मुद्दे को राज्यपाल के समक्ष उठाया। उन्होंने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा।

इस ज्ञापन में सांसद बेनीवाल ने एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर गहराते विवाद की ओर ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने कहा कि यह परीक्षा गंभीर अनियमितताओं और पारदर्शिता की कमी से ग्रस्त रही है, जिससे हजारों युवा अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। सांसद ने परीक्षा को तत्काल प्रभाव से रद्द करने और मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल युवाओं ने भी राज्यपाल को बताया कि परीक्षा में कथित पेपर लीक, परीक्षा केंद्रों पर अव्यवस्था, और चयन प्रक्रिया में पक्षपात जैसे आरोप लगे हैं। उनका कहना था कि यदि इस तरह की अनियमितताएं सामने आती रहीं, तो युवाओं का भर्ती प्रक्रियाओं और प्रशासन पर से विश्वास पूरी तरह उठ जाएगा।

हनुमान बेनीवाल ने ज्ञापन में यह भी मांग की कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का पुनर्गठन किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता की भारी कमी है और समय-समय पर होने वाली परीक्षाओं में भ्रष्टाचार की आशंका लगातार जताई जाती रही है। बेनीवाल ने सुझाव दिया कि आयोग को निष्पक्ष और स्वायत्त संस्था के रूप में पुनर्गठित किया जाए, ताकि भविष्य में युवाओं को इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने प्रतिनिधिमंडल की बात को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि वे इस विषय में संबंधित अधिकारियों से चर्चा करेंगे और उचित कदम उठाए जाएंगे। हालांकि अभी तक राज्य सरकार या राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

इस बीच, प्रदेश भर के कई जिलों में छात्र संगठनों और प्रतियोगी परीक्षार्थियों द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां #SICancelRajasthan और #RPSCReform जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

युवाओं का कहना है कि वे पारदर्शी और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया चाहते हैं, जिससे योग्य उम्मीदवारों को उनका हक मिल सके। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर कर दिया है।

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