- हिमाचल में तीन की मौत, दो लापता, शिमला में पेड़ गिरे
मुंबई। महराष्ट्र के कई जिलों में खासकर मराठावाड़ा में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस जाने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। बीड़ जिले में नदी किनारे रहने वाले 51 लोगों को नौसेना की मदद से सुरक्षित स्थल पर पहुंचाया है। इसे देखते हुए राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने मंगलवार को बारिश प्रभावित जिलों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश जारी किया है।
महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने आज पत्रकारों को बताया कि पिछले चार दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से नेबीड़ जिले में लोगों का जीना दूभर कर दिया है। साथ ही फसलें लगभग बर्बाद हो गई हैं । बारिश से कांबली और कडी नदियाँ कई इलाकों में बाढ़ ला रही हैं और बड़े इलाके जलमग्न हो गए हैं। दोनों नदियों के किनारे बसे कई गांव बाढ़ के पानी में घिर गए हैं, इसे देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से नौसेना की मदद से बचाव अभियान शुरू किया है।
नौसेना के जवानों ने आज प्रभावित इलाकों में फंसे 51 लोगों को सैन्य हेलीकॉप्टरों की मदद से बचाया और उन्हें सुरक्षित आश्रयों में पहुँचाया है। बाढ़ जैसी स्थिति से हजारों हेक्टेयर खड़ी फसलें बह गईं हैं। सूत्रों ने बताया कि मराठवाड़ा के बीड, धाराशिव, लातूर, परभणी, हिंगोली और नांदेड़ जिलों में कई गाँवों का संपर्क टूट गया है। बीड के जिला कलेक्टर ने एहतियात के तौर पर शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। नांदेड़ जिले के नालोंडी, निकनूर, येलंब घाट, कड़ा, तकल सिंह, दौला वडगांव, धनुरा, पंपला, दादेगांव, पाटोदा, लोखंडी, कागे, यूसुफ, होल और शिरुर विभाग में भारी नुकसान हुआ है। लातूर जिले में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में कासाकिडा, मोघा, टंडर, बिंबली, पडोली, कासी गांव, तलजापुर, अनाला, कलामाब और अटकोर विभाग मूसलाधार बारिश से प्रभावित हुए हैं।
परभणी जिले में खासकर माखनी, बोरी और दूध गांवों में भारी बारिश हुई, जबकि हिंगोली जिले में वोकोडी और डोंगर कड़ा विभाग बुरी तरह प्रभावित हुए। दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में सोमवार देर रात हुई भारी बारिश ने एक बार फिर प्रदेश को दहला दिया। मंडी जिले के निहरी और धर्मपुर क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। निहरी में भूस्खलन से तीन लोगों की मौत हो गई। धर्मपुर में दो लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। राजधानी शिमला में भी भूस्खलन और पेड़ गिरने से कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं।
मंडी जिले के धर्मपुर में मूसलधार बारिश के कारण सोन खड्ड और समीपवर्ती नाले अचानक उफान पर आ गए। कुछ ही देर में पानी का स्तर इतना बढ़ा कि खड्ड ने रौद्र रूप धारण कर लिया। धर्मपुर बस अड्डा पूरी तरह पानी में डूब गया और वहां खड़ी कई बसें तथा वाहन बहकर खड्ड में जा गिरे। इस दौरान लोगों में हड़कंप मच गया और कई लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों की छतों पर चढ़ने को मजबूर हो गए।
हालांकि आज सुबह खड्ड का जलस्तर नीचे आ गया है।डीएसपी धर्मपुर संजीव सूद ने बताया कि बस अड्डे पर खड़ी कई बसें पानी के बहाव के चपेट में आई हैं और दो लोग लापता हैं। उनकी तलाश के लिए सर्च और रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। देर रात पुलिस और प्रशासन ने राहत कार्य कर कई लोगों को सुरक्षित निकाला। प्रशासन ने लोगों को नदियों और खड्डों के किनारे जाने से सख्त चेतावनी दी है।
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