
जबलपुर । साल का पहला खग्रास-चंद्रग्रहण पूरे देश सहित मध्य प्रदेश व जबलपुर में भी देखा गया। इस खग्रास ग्रहण का स्पर्श 9 बजकर 57 मिनिट रात्रि में और मोक्ष मध्य रात्रि के बाद 1 बजकर 26 मिनिट पर हुआ। शतभिषा नक्षत्र और कुंभ राशि वालों के लिए ग्रहण अशुभ रहा।
ग्रहण का सूतक दोपहर 12 बजकर 57 मिनिट पर शुरू हुआ, इस दौरान मंदिरों के पट बंद रहे तथा खुले स्थान पर रखी हुई मूर्तियां ढकी रही। ग्रहणकाल में मूर्ति स्पर्श और दर्शन दोनो नहीं किये जाते। ग्रहण मोक्ष रात्रि 1 बजकर 26 मिनिट के बाद मंदिरों में साफ सफाई और पूजन अर्चन प्रारंभ हो गया।
ग्रहण काल बीतते ही नर्मदा तटों पर स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसको लेकर घाटों पर सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। सुबह से लेकर जारी स्नान आज देर रात तक जारी रहेगा। पंडित आशीष दुबे के अनुसार चूंकि ग्रहण पितृदिवस में पड़ा है इसलिए इसके पश्चात स्नान दान के साथ तर्पण भी करना चाहिए। इस दौरान किये धार्मिक कृत्यों से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
You may also like
चाणक्यपुरी में अनुष्ठान और पूजा के नाम पर एयरफोर्स अफसर की पत्नी से 1.14 लाख ठगे
एशेज सीरीज की तैयारी में जुटे कमिंस, चोट से वापसी के लिए समयसीमा तय की
GST घटने के बाद 95,500 रुपये तक सस्ती हुईं Honda की गाड़ियां, जानें कार पर कितनी होगी बचत
अखिल अक्किनेनी और ज़ैनब रवजी का पहला जन्मदिन समारोह
लेख: उत्तराखंड में बाढ़-बारिश से 5 महीने में 80 मौतें, 100 से ज्यादा लापता... आखिर क्या है इन आपदाओं की वजह?